कल आम चुनाव के नतीज़े आ गए। चुनाव आम था, सो हर आदमी ख़ास था। ख़ास थी उसकी बातें। चाय की टपरियों से लेकर दफ़्तरों…
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‘पर्यावरण दिवस’ : इन ख़बरों पर ग़ौर करें, फिर ‘पर्यावरण की पीड़ा’ का जश्न मनाएँ!!
आज ‘पर्यावरण दिवस’ है। जैसे- हर साल होली, दीवाली, जैसे तीज-त्यौहार होते हैं न और उनमें कुछ रस्म-ओ-रिवाज़ के साथ जश्न होता है। वैसे ही,…
View More ‘पर्यावरण दिवस’ : इन ख़बरों पर ग़ौर करें, फिर ‘पर्यावरण की पीड़ा’ का जश्न मनाएँ!!‘अमीरी’ का शग़ल- मुँह से ‘न’ न निकले, इसलिए वे कभी शहर बन्धक बनाते हैं, कभी व्यवस्था!
दुनिया के बड़े रईसों में शुमार मुकेश अम्बानी का इसी रविवार, दो जून को एक बड़े हिन्दी अख़बार में साक्षात्कार छपा। इसमें उन्होंने बहुत प्रेरक…
View More ‘अमीरी’ का शग़ल- मुँह से ‘न’ न निकले, इसलिए वे कभी शहर बन्धक बनाते हैं, कभी व्यवस्था!आपके ‘ईमान’ की क़ीमत कितनी है? क्या इतनी कि कोई उसे आसानी से ख़रीद न सके?
आपके ‘ईमान’ या आपके ‘मूल्यों’ की क़ीमत कितनी है? सवाल विचित्र लग सकता है, लेकिन है नहीं। वास्तव में, हर किसी के ‘मूल्यों’ या ‘ईमान’…
View More आपके ‘ईमान’ की क़ीमत कितनी है? क्या इतनी कि कोई उसे आसानी से ख़रीद न सके?आश्चर्य इस पर कि लोग इतनी जल्दी भूल जाएँगे, इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी!
अभी कुछ एक महीने पहले हमारी प्रधानाध्यापिका मैडम ने अपने घुटने का प्रत्यारोपण करवाया था, एम्स में। अब वे सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। कल अपने…
View More आश्चर्य इस पर कि लोग इतनी जल्दी भूल जाएँगे, इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी!वीर सावरकर : मुझे मार सके, भला ऐसा कौन शत्रु पैदा हुआ है इस जगत में!
विनायक दामोदर सावरकर। लोकप्रिय नाम, ‘वीर सावरकर’ या स्वातंत्र्य वीर सावरकर’। भारतीय राजनीति के ऐसे उच्च व्यक्तित्त्व, जिनके हम साथ हो सकते हैं। उनके विरोध…
View More वीर सावरकर : मुझे मार सके, भला ऐसा कौन शत्रु पैदा हुआ है इस जगत में!देखिए… हारते सिर्फ़ वही हैं, जो दौड़ में गिरने बाद फिर से उठकर दौड़ते नहीं!
इस तरह के वीडियो और भी बहुत से मिल जाएँगे। हालाँकि यहाँ नीचे जो वीडियो दिया गया है, वह साल 2008 का है। अमेरिका में…
View More देखिए… हारते सिर्फ़ वही हैं, जो दौड़ में गिरने बाद फिर से उठकर दौड़ते नहीं!तरबूज पर त्रिकोण : किताबों से परे हटकर कुछ नए उत्तरों के लिए तत्पर रहना चाहिए!
बच्चे इन दिनों मिट्टी से विभिन्न प्रकार के आकार बना रहे हैं। इन आकारों में लम्बाई, चौड़ाई के साथ-साथ ऊँचाई भी होगी। इस प्रकार वो…
View More तरबूज पर त्रिकोण : किताबों से परे हटकर कुछ नए उत्तरों के लिए तत्पर रहना चाहिए!बेहतर है कि इनकी स्थिति में सुधार लाया जाए, एक कदम इनके लिए भी बढ़ाया जाए
स्कूल से घर लौटते वक्त अक्सर मानसरोवर पार्क के पास की झुग्गियों पर नज़र पड़ जाया करती है। इनके बारे में इतना कभी नहीं सोचा।…
View More बेहतर है कि इनकी स्थिति में सुधार लाया जाए, एक कदम इनके लिए भी बढ़ाया जाएपूरा ‘अस्पताल’ आसमान से ज़मीन पर गिरा दिया और कुछ भी टूटा-फूटा नहीं!!
ये बदलते भारत की कुछ और जीवन्त तस्वीरें हैं। लेकिन जैसा कि अमूमन होता है, इनमें कोई मसाला नहीं है इसलिए ये सुर्ख़ियाँ भी तुलनात्मक…
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