जीव में लोभ प्राकृत है। हम सब चाहते हैं कि हमें कोई कुछ दे दे। किसी से हमें कुछ मिल जाए। जीवों के आपसी सम्बन्ध…
View More ऑनलाइन दुनिया में भिखमंगों-दानियों का खेल और ग़ैरहाज़िर सरगनाCategory: चहेते पन्ने
‘संस्कृत की संस्कृति’ : बहस क्या है… वाद या वितण्डा? जानने के लिए पढ़िए
प्राय: हम देखते हैं कि भारतीय संस्कृति के प्रतीकों और मान्यताओं को ही नहीं अपितु संस्कृति से जुड़े छोटे-छोटे विचारों, कथनों, वाक्यों और यहाँ तक…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : बहस क्या है… वाद या वितण्डा? जानने के लिए पढ़िएकवियों की चुटकुलेबाज़ी के बीच : यह अँधेरे की सड़क उस भोर (मनु वैशाली) तक जाती तो है…
ये दौर सोशल मीडिया का है। इसलिए हर कोई इन सोशल मीडिया के माध्यमों से मशहूर होना चाहता है। और अब तो मशहूरियत के स्तर…
View More कवियों की चुटकुलेबाज़ी के बीच : यह अँधेरे की सड़क उस भोर (मनु वैशाली) तक जाती तो है…पद का दुरुपयोग तो सब करते हैं, मगर उसका सदुपयोग इन जज साहब से सीखिए!
कहते हैं ‘पद के साथ मद’ यानि घमंड तो आ ही जाता है। और ‘मद’ के प्रभाव में पद के दुरुपयोग की सम्भावनाएँ भी हमेशा…
View More पद का दुरुपयोग तो सब करते हैं, मगर उसका सदुपयोग इन जज साहब से सीखिए!ख़ुद के अंदर कहीं न कहीं, तुम अब भी मौजूद हो
मैं मिल जाती हूँ ख़ुद से जब हवा मुझे छूकर गुज़रती है वो याद दिलाती है मुझे बार बार कि मैं मौजूद हूँ सूखे पत्तों…
View More ख़ुद के अंदर कहीं न कहीं, तुम अब भी मौजूद हो‘परवरिश हो तो ऐसी’… चीन की कहानी बताकर ऐसा लिखने-पढ़ाने वाले ख़ुद क्या करते हैं?
बीते चार-पाँच दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर चीन की एक कहानी सुर्ख़ियों में है। ये ‘प्रेरक’ है और ‘रोचक-सोचक’ भी।…
View More ‘परवरिश हो तो ऐसी’… चीन की कहानी बताकर ऐसा लिखने-पढ़ाने वाले ख़ुद क्या करते हैं?सिंगापुर वरिष्ठ कर्मचारियों को पढ़ने के लिए फिर यूनिवर्सिटी भेज रहा है और हम?
सिंगापुर में 40 साल की उम्र से ऊपर के वरिष्ठ कर्मचारियों को पढ़ने के लिए फिर विश्वविद्यालयों में भेजा जा रहा है। क्यों? क्योंकि उन्होंने…
View More सिंगापुर वरिष्ठ कर्मचारियों को पढ़ने के लिए फिर यूनिवर्सिटी भेज रहा है और हम?‘मायावी अम्बा और शैतान’ : खून से लथपथ ठोस बर्फीले गोले में तब्दील हो गई वह
जोतसोमा के घने जंगलों की अंतहीन टेढी-मेढ़ी राहों पर एक अजनबी आकृति उदास सी भटक रही थी। मानो वह जादू-टोने और भटकती आत्माओं की मायावी…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : खून से लथपथ ठोस बर्फीले गोले में तब्दील हो गई वहछेड़ो नहीं बस, रंग दो लाल…
होली के मौके पर भोपाल, मध्य प्रदेश की जानी-मानी भरतनाट्यम गुरु श्रीमति लतासिंह मुंशीजी की शिष्या वैष्णवी द्विवेदी द्वारा तैयार की गई एक सुन्दर नृत्य…
View More छेड़ो नहीं बस, रंग दो लाल…टीएम कृष्ण विवाद : होली है भाई होली है, संगीत जगत में भी ‘कीचड़ वाली होली’ है!
होली आ रही है। देश के कई स्थानों में पाँच दिन का यह उत्सव होलिका दहन के अगले दिन कीचड़ वाली होली से शुरू होता…
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