जीवन ‘चाहना’ का नाम है। ‘चाहना,’ वस्तुत: रस की होती है। और ‘रस’ हमारे हर ज्ञान का आधार बनता है। उदाहरण के लिए, सूर्योदय पूर्व…
View More मनुष्य का सार है ‘रस’, नहीं तो जीवन ‘नीरस’Category: चहेते पन्ने
विज्ञान ‘चाँद’ को धरती पर ले आया पर धरती की ही गुत्थियाँ न सुलझा पाया
दो दिन पहले दो ख़बरें पढ़ीं। दोनों दिलचस्प। विज्ञान के दो दीगर पहलुओं से जुड़ी हुईं। साथ ही हमें सोचने पर मज़बूर करती हुईं भी।…
View More विज्ञान ‘चाँद’ को धरती पर ले आया पर धरती की ही गुत्थियाँ न सुलझा पायाटुकड़ों में बँटे हम ‘आत्मनिर्भर’ हों तो कैसे?
एक किस्सा है। हम में से कई लोगों ने थोड़े-बहुत फ़र्क के साथ बचपन से ही सुना होगा। एक बार हमारे शरीर के अंगों में…
View More टुकड़ों में बँटे हम ‘आत्मनिर्भर’ हों तो कैसे?क्या कोरोना और कश्मीर के बीच भी कोई सम्बन्ध हो सकता है?
सोचने और समझने में थोड़ा अजब लग सकता है। लेकिन सच हो तो शायद अचरज न लगे। मामला कोरोना और कश्मीर के बीच सम्बन्ध का…
View More क्या कोरोना और कश्मीर के बीच भी कोई सम्बन्ध हो सकता है?पटरी पर रोटी और बेपटरी रोजी!
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास शुक्रवार (आठ मई) तड़के एक मालगाड़ी पटरी पर सो रहे 16 कामगारों को कुचलते, काटते गुजर गई। इस हादसे की…
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