एक प्रचलित कहावत है, ‘खाली दिमाग़ शैतान का घर’। मतलब अगर व्यक्ति के पास करने के लिए कोई ठीक-ठिकाने का काम-धन्धा न हो, तो खाली…
View More खाली दिमाग़ शैतान का घर.. इन युवक-युवतियों ने अपने खटकरमों से यह साबित किया!Category: चहेते पन्ने
भगवद् गीता पढ़िए, किसी और मोटिवेटर की ज़रूरत नहीं पड़ेगी
मोटिवेशन यानि प्रेरणा तीन चीजों से आती है। सम्बन्ध, समझ और संसाधन। ये तीनों चीजें एक साथ चाहिए होती हैं। ऐसा नहीं होता कि इसमें…
View More भगवद् गीता पढ़िए, किसी और मोटिवेटर की ज़रूरत नहीं पड़ेगीदीवाली की छुट्टी में नया काम नहीं क्योंकि हमने ‘अपने त्योहार’ की भावना का आदर किया
अभी कल ही हमने दीवाली की छुटि्टयों से पहले का अपना आखिरी उत्पाद (सॉफ्टवेयर, आदि) बनाया। इसके बाद दीवाली छुटि्टयाँ बीतने तक हम अब कोई…
View More दीवाली की छुट्टी में नया काम नहीं क्योंकि हमने ‘अपने त्योहार’ की भावना का आदर कियायह प्रमाण है कि कांग्रेस ने संसद में रखे धर्मदंड ‘सेंगोल’ के बारे में झूठ बोला, लेकिन क्यों?
देश की नई संसद में रखे गए धर्मदंड ‘सेंगोल’ के बारे में रोचक और प्रामाणिक जानकारी सामने आई है। नीचे इससे सम्बन्धित एक वीडियो दिया…
View More यह प्रमाण है कि कांग्रेस ने संसद में रखे धर्मदंड ‘सेंगोल’ के बारे में झूठ बोला, लेकिन क्यों?क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’
एक समय क्रिकेट ही मेरा जीवन था। हम लोग अपने दौर में शहर की सबसे अच्छी टीम के सदस्य हुआ करते थे। हमने उस दौरान…
View More क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’जानवर कोई ‘आदमख़ोर’ नहीं होता साहब, आदम ही ‘जानवरख़ोर’ होता है हमेशा!
राजस्थान के उदयपुर में एक जगह है गोगुन्दा। वहाँ के जंगलों में अभी एक-दो दिन पहले पुलिस के जवानों और पेशेवर निशानेबाज़ों ने मिलकर चार…
View More जानवर कोई ‘आदमख़ोर’ नहीं होता साहब, आदम ही ‘जानवरख़ोर’ होता है हमेशा!लोग भूल गए कि दशहरे पर पान क्यों खाते हैं और अब पूछते हैं या खाने वालों पर हँसते हैं!
हिन्दुस्तान सम्भवत: दुनिया में इक़लौता या फिर उन गिनती के देशों में शुमार होगा, जहाँ लोग अपनी परम्पराओं पर गर्व नहीं करते। बल्कि उनका मज़ाक…
View More लोग भूल गए कि दशहरे पर पान क्यों खाते हैं और अब पूछते हैं या खाने वालों पर हँसते हैं!किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है!
दो भारतीय कम्पनियों की छोटी-छोटी कहानियाँ हैं। लेकिन दोनों कहानियों का निष्कर्ष एक, ‘किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है।” पहली…
View More किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है!सरकारों से नहीं होगा गौ-संरक्षण, वे उसे ‘राज्यमाता’ बनाएँ, या उसके लिए अभयारण्य!
महाराष्ट्र सरकार ने अभी, 30 सितम्बर को एक चर्चित फ़ैसला लिया। इसके तहत
View More सरकारों से नहीं होगा गौ-संरक्षण, वे उसे ‘राज्यमाता’ बनाएँ, या उसके लिए अभयारण्य!सुबह 3 बजे तक काम करने की ज़रूरत नहीं, मर जाओगे किसी दिन…और वे सच में मर गए!
ऑनलाइन ऑर्डर लेकर घर-घर तक भोजन आदि खाने-पीने की वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कम्पनी ‘स्विग्गी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं रोहित कपूर। उन्होंने हाल…
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