लड़कियों को भी खुले आसमान में उड़ने का हक है, हम उनसे ये हक नहीं छीन सकते

ज़ीनत ज़ैदी, शाहदरा, दिल्ली से

“लैंगिक समानता” (gender equality)। हम इसका मतलब अक्सर ये निकाल लेते हैं कि महिला वह काम करे, जो पुरुष करते हैं। उनकी आदतों को अपना ले। लेकिन क्या सही मायने में यही इसका मतलब है?

हम एक पितृ-प्रधान देश के निवासी हैं। जहाँ स्त्री को देवी की तरह पूजा तो जाता है। लेकिन उन्हें हमेशा पुरुषों से कमतर समझा जाता है। हमारे यहाँ पुरुषों को औरत के मुक़ाबले में हमेशा से ही ज्यादा बलशाली, काबिल, और इंटेलिजेंट माना जाता है। जबकि समानता का मतलब है, दोनों को बराबर अवसर देना, न कि महिलाओ के लिए आरक्षण। हमें एक ऐसा नियम बनाना होगा, जहाँ महिलाओं को भी उतनी ही इज्जत मिले, जितनी पुरुषों को।

आमतौर पर हम देखते हैं कि हमारे यहाँ महिलाओं के साथ क्या हो रहा है। हमारे संस्थान या कम्पनियों में बराबर मेहनत के बवाजूद महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है। जबकि वे अपने काम को जी-जान लगाकर पूरी जिम्मेदरी के साथ अंजाम देती है। लड़कियों की पढ़ाई का खर्चा हमें काँटे की तरह चुभता है। क्यों? क्योकि वह पराया धन है। ज्यादातर घरों में घर का मुखिया पुरुष है। क्योंकि हमारे दिमाग में बचपन से ये बात भरी गई है कि लड़कियाँ नासमझ हैं।

क्यों हम अपने बेटों को नहीं सिखाते कि लड़कियों के साथ कैसा व्यवहार करना है? क्यों हम उन्हें नहीं समझाते कि मोहल्ले में घूम रही हर लड़की किसी की बहन और माँ है? इसके उलट, हम अपनी बेटियों को ये जरूर सिखाते हैं कि ऐसे कपड़े पहनकर रात में न जाओ। रात को आठ बजे से पहले घर वापस आ जाओ। जबकि लड़के पूरी रात दोस्तों के साथ आवारापन कर सकते हैं। वहीं, लड़कियों को क्यों नाइट-ड्यूटी का हक भी नहीं?

समानता का असली मतलब है- हम अपने घर की महिलाओं को वही अधिकार दें जो अपने बेटों को देते हैं। मनचाही नौकरी, पढ़ने का अधिकार, अपनी बात रखने का अधिकार, और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार। न कि हम उनसे कहें कि लड़कियो तुम्हें ही कॉम्प्रोमाइज करना होगा।

भारत के शहरों में काफी हद तक लड़कियों को उनके सपने पूरे करने का हक दिया जा रहा है। लेकिन गाँवों में वही हाल है। आज भी कई गाँवों में लड़कियों को पढ़ने तक का अधिकार नहीं। जबकि देश का विकास तभी होगा, जब हम सब एकजुट होकर मेहनत करेंगे। जब महिलाओं को हक होगा कि वे अपने सपनों को पूरा करें। इसके लिए हमें उनका साथ देना होगा। उनकी उड़ान में उन्हें मदद करनी होगी।

हम उनके पंख काट कर उन्हें कैद नहीं कर सकते। कुदरत ने उन्हें हक दिया है कि वे भी खुले नीले असमान में अपने पंखो को फैलाकर लम्बी उड़ान भर सकें। हम उनसे यह हक नहीं छीन सकते।
——
(ज़ीनत #अपनीडिजिटलडायरी के सजग पाठकों में से एक हैं। दिल्ली के आरपीवीवी, सूरजमलविहार स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ती हैं। उन्होंने यह आर्टिकल सीधे #अपनीडिजिटलडायरी के ‘अपनी डायरी लिखिए’ सेक्शन पर पोस्ट किया है।)
——-
ज़ीनत के पिछले लेख

3-उड़ान भरने का वक्त आ गया है, अब हमें निकलना होगा समाज की हथकड़ियाँ तोड़कर
2- दूसरे का साथ देने से ही कर्म हमारा साथ देंगे
1- सुनें उन बच्चों को, जो शान्त होते जाते हैं… कहें उनसे, कि हम हैं तुम्हारे साथ

सोशल मीडिया पर शेयर करें
From Visitor

View Comments

  • परिपक्व विचार। जानकर अच्छा लगा कि दसवीं क्लास की बच्ची ऐसा लिख रही है। उम्दा लेखन। ज़ीनत को बहुत शुभकामनाएँ… लिखतीं रहे और इस दुनिया को बेहतर बनाने में अपना योगदान देती रहे…

    • आप सभी के साथ और आशीर्वाद की जरूरत है।देखकर खुशी हुई कि आप ने अपनी कीमती समय को निकालकर मेरा लेख पढा।😃

Share
Published by
From Visitor

Recent Posts

कोशिश तो खूब कर रहे हैं, मगर अमेरिका को ‘ग्रेट’ कितना बना पा रहे हैं ट्रम्प?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगभग वह सब कर रहे हैं, जो उनसे अपेक्षित था।… Read More

11 hours ago

समाचार चैनलों को सर्कस-नौटंकी का मंच बनाएँगे तो दर्शक दूर होंगे ही!

आज रविवार, 18 मई के एक प्रमुख अख़बार में ‘रोचक-सोचक’ सा समाचार प्रकाशित हुआ। इसमें… Read More

1 day ago

गाँव की दूसरी चिठ्ठी : रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ…!!

मेरे प्यारे बाशिन्दे, मैं तुम्हें यह पत्र लिखते हुए थोड़ा सा भी खुश नहीं हो… Read More

4 days ago

ट्रम्प की दोस्ती का अनुभव क्या मोदीजी को नई सोच की ओर प्रेरित करेगा?

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चलाए गए भारत के ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हो… Read More

4 days ago

ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता, इस बात में कितनी सच्चाई है?

अगर आप ईमानदार हैं, तो आप कुछ बेच नहीं सकते। क़रीब 20 साल पहले जब मैं… Read More

5 days ago

जो हम हैं, वही बने रहें, उसे ही पसन्द करने लगें… दुनिया के फ़रेब से ख़ुद बाहर आ जाएँगे!

कल रात मोबाइल स्क्रॉल करते हुए मुझे Garden Spells का एक वाक्यांश मिला, you are… Read More

6 days ago