भारत ने सात अप्रैल से ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट करना शुरू किया है।
टीम डायरी
वे 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आए। वहाँ घूमते-फिरते, हँसते-खेलते सैलानियों को घुटनों के बल बैठाया। उनसे उनका धर्म पूछा। क़लमा पढ़ने को कहा। जो लोग क़लमा नहीं पढ़ सके, जिन्होंने अपना धर्म हिन्दू बताया उन्हें वहीं गोली मार दी। उन मारे गए लोगों की पत्नियों ने उन हमलावरों से चीख-चीख कर कहा, “तुमने मेरा सिन्दूर उजाड़ दिया। अब मुझे भी गोली मार दो।” इस पर उन दहशतग़र्दों ने कहा, “नहीं, तुम्हें नहीं मारेंगे। जिससे कि तुम जाओ और मोदी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) को बताओ कि यहाँ क्या हुआ है।”
मोदी को अलबत्ता, कुछ बताने की ज़रूरत नहीं थी। उन्हें सब पता था। यह भी कि ये सब किसने किया और कराया है। उन्होंने उसी समय तय कर लिया कि भारत की माँ, बहन, बेटियों की माँग का सिन्दूर उजाड़ने की क़ायराना हरक़त का मुँहतोड़ ज़वाब देना है। इस बार “आतंक फैलाने, उसे पालने-पोषने वालों को ‘ऐसा सबक सिखाना है, जो उनकी कल्पना से बाहर हो।” और अपने उसी इरादे के तहत नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पहलगाम की घटना के बाद 13वें दिन से पाकिस्तान की 13वीं का इंतिज़ाम शुरू कर भी दिया।
भारतीय सेना ने बुधवार, 7 अप्रैल की सुबह ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत कम दूरी में बेहद सटीक निशाना साधने वाली मिसाइलें दागी हैं। इनसे पाकिस्तान और उसके क़ब्ज़े वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है। इसकी सूचना ख़ुद भारतीय सेनाओं के सार्वजनिक सूचना विभाग ने दी है। उसी से जुड़ा एक वीडियो नीचे दिया गया है। देखा जा सकता है। कार्रवाई में कितने आतंकी मारे गए, अभी यह स्पष्ट नहीं है। फिर भी, अनुमान है कि कार्रवाई में लगभग 80 आतंकी मारे गए होंगे। इसमें कुछ आम नागरिकों की भी मौत हुई है।
हालाँकि, उन नौ आतंकी शिविरों की जानकारी ज़रूर सामने आई है, जिन्हें भारतीय मिसाइलों ने निशाना बनाया है। यह रही उनकी सूची :
1- भारत-पाकिस्तान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से क़रीब 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर में जैश-ए-मुहम्मद का मुख्यालय।
2- सीमा से 30 किलोमीटर दूर मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय।
3- नियंत्रण रेखा से 35 किलोमीटर दूर गुलपुर में मौज़ूद आतंकी ठिकाना।
4- पाकिस्तान के क़ब्जे वाले कश्मीर के सवाई में लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण शिविर।
5- जैश-ए-मुहम्मद का बिलाल प्रशिक्षण शिविर। यहाँ आतंकियों को इकट्ठा कर उन्हें अलग-अलग जगहों पर आतंकी वारदातें करने के लिए भेजा भी जाता है।
6- नियंत्रण रेखा के 15 किलोमीटर भीतर कोटी में लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण शिविर।
7- नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर उस तरफ बरनाला प्रशिक्षण शिविर।
8- सरजाल में जैश-ए-मुहम्मद का प्रशिक्षण शिविर। यह अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 8 किलोमीटर दूर स्थित है।
9- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर दूर महमूना, सियालकोट में हिज़्ब-उल-मुज़ाहिदीन का प्रशिक्षिण शिविर।
भारत की कार्रवाई से स्पष्ट है कि वह सिर्फ़ आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहा है। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहने वाली है। भारत ने पाकिस्तान के किसी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया है। फिर भी, उसे पूरी आशंका है कि पाकिस्तान अपना चेहरा बचाने के लिए भारत के ख़िलाफ़ पूर्ण युद्ध छेड़ सकता है। सो, इसके लिए भी भारत की तैयारी पूरी है। इस लिहाज़ से 1971 के बाद पहली बार बुधवार, 7 अप्रैल को ही पूरे देश में युद्ध की आपात स्थितियों में की जाने वाली तैयारियों को भी आजमाया (मॉक ड्रिल) जा रहा है।
इससे स्पष्ट है कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत अभी बहुत कुछ होना है। पाकिस्तान को इस बार अपनी क़ायराना आतंकी हरक़त महँगी पड़ने वाली है। तो क्या-कुछ हो सकता है, जानेंगे अगले लेख में।
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