हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्यों भारत के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश का हिस्सा हो सकती है?

निकेश जैन, इन्दौर मध्य प्रदेश

भारतीय निवेशकों ने इस बार हिंडेनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट को झटका दे दिया। क्योंकि इस रिपोर्ट के बावज़ूद शेयर बाज़ार ने ऊपर की तरफ़ यात्रा जारी रखी। यही नहीं, इस रिपोर्ट में जिस अदाणी समूह पर आरोप लगाए गए, उसकी कम्पनियों के शेयरों की क़ीमत भी कम होने के बजाय बेहतर ही रही। 

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में शेयर बाज़ार की नियामक संस्था ‘सेबी’ की प्रमुख माधबी बुच पर ‘हितों के टकराव’ का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि उनके अदाणी समूह के साथ कारोबारी सम्बन्ध रहे हैं। हालाँकि इस रिपोर्ट के बाबत इस ख़ुलासे से बड़ी चिन्ता की बात ये है कि एक विदेशी कम्पनी अपनी झूठी रिपोर्टों के माध्यम से भारत के शेयर बाज़ार में शेयरों की क़ीमतों को गिराने की साज़िश में लगी दिखती है।

यह रिपोर्ट साज़िश का हिस्सा कैसे हो सकती है? इसका प्रमाण देखिए। अमेरिकी कम्पनी ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ की ताज़ा रिपोर्ट शनिवार को आई। लेकिन इसके प्रकाशित होने के कुछ घंटों के भीतर ही सोशल मीडिया के कई ‘प्रभावशाली’ कहलाने वाले लोगों ने रिपोर्ट के विवरण बिन्दुवार प्रसारित करने शुरू कर दिए। यह भी बताया कि सेबी की प्रमुख और उनके परिजनों ने कब-किस तारीख़ को कहाँ-कहाँ निवेश किया। 

अब यहाँ एक साधारण सा सवाल है कि क्या इतनी ज़ल्दी किसी के लिए भी यह सहज होता कि वह पूरी रिपोर्ट अच्छी तरह पढ़ ले? उसमें बिन्दुवार सभी निष्कर्ष निकाल ले? उन पर अपनी ओर से शोध भी कर ले? और फिर एक अच्छा सा लेख लिखकर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित भी कर डाले?

मुझे तो नहीं लगता। तो फिर क्या हुआ होगा? ज़वाब स्पष्ट है कि कुछ लोगों को पहले ही रिपोर्ट से जुड़े सभी महत्त्वपूर्ण बिन्दु मुक़म्मल शोध के साथ थमा दिए गए होंगे। दिन-समय तय कर दिया गया होगा। साफ़ बताया गया होगा कि रिपोर्ट प्रकाशित होते ही बड़े पैमाने पर इस-इस तरह से, इन-इन चीज़ों को सोशल मीडिया पर प्रसारित करना है। आजकल ये बहुत सामान्य बात है। ऐसी तैयारी को ‘टूलकिट’ कहा जाता है।    

इस बाबत मैंने दो साल पहले भी लिखा था कि भारत जैसे-जैसे दुनिया में अपनी शक्ति बढ़ाता जाएगा, अपनी स्वतंत्र भूमिका तय करता जाएगा, दुनिया के अन्य शक्तिशाली देशों से इस तरह के हमले होंगे। भारत की बढ़ती शक्ति के साथ ये हमले भी निरन्तर बढ़ते जाएँगे। आज वास्तव में, यही हो रहा है। भारत और भारतीयों को इस तरह के और हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए। इनसे निपटने के इंतिज़ाम रखने चाहिए। 

हालाँकि यहाँ ज़्यादा चिन्ता की बात यह है कि भारत के कई विपक्षी नेता देश पर हमले करने वालों के मोहरा बने हुए दिख रहे हैं। इसीलिए भारत और भारतीयों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ज़रूरत होगी। उन्हें लगातार अपना काम करते जाना होगा, निरन्तर नवाचार करने होंगे, भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी ओर से मूल्यसंवर्धन करते जाना होगा, साथ ही बाहर-भीतर की ऐसी ताक़तों से सचेत भी रहना होगा। 

क्या लगता है? 

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निकेश का मूल लेख

Indian investors called out Hindenburg’s BLUFF this time – stock market is up and Adani shares are doing fine but the irony is ….

Hindenburg report called out a “conflict of interest” by SEBI chairman but what could be bigger conflict of interest than an entity which has short sell position is trying to push down share price by publishing a false report?

Another interesting pattern – the report got published over the weekend and within few hours some so called LinkedIn influencers posted a line by line explanation of the report and holdings of SEBI chairman (and family) with dates!!!

In few hours they were able to read and understand entire report and do their own research to come up with a post like this? Seriously?

It was pretty clear that these people were handed over all the information and perhaps paid to push the agenda – this is called toolkit!

I had written two years ago about this – as India becomes more powerful and start taking independent positions against world’s powers ( e.g, position taken in Russia/Ukraine w*r), the world powers will come after her like this.

India and Indians should be prepared to handle more such atta*ks in next coming years!

The worrying part is – Indian opposition is hand in glove with such powers!

What should Indians do – keep working hard; keep innovating; keep adding value to Indian economy BUT stay alert against such powers!

Thoughts? 

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(निकेश जैन, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

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