अंग्रेजी की कहावत है, “फर्स्ट इमप्रेशन इज़ द लास्ट इम्प्रेशन।” अक्सर हम सुनते रहते हैंl और इस कहावत का मतलब अक्सर किसी के कपड़ों से…
View More अपने मुल्क के तौर-तरीक़ों और पहनावे से लगाव रखना भी देशभक्ति हैAuthor: From Visitor
यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा, कि…..!
यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा,कि जीत लिया तुमको मैंने, हरदम के लिए। अब नहीं रोक सकता मुझे कोई,मुक्ति की अपनी राह, ख़ुद चुनने के लिए।…
View More यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा, कि…..!क्या रेस्टोरेंट्स और होटल भी अब ‘हनी ट्रैप’ के जरिए ग्राहक फँसाने लगे हैं?
हमारा समाज ऐसा है, जिसमें हर कोई ख़ुद को सम्पूर्ण ज्ञानी मानता है। और अपनी या अपने फैसले की तुलना में दूसरे को कमतर या…
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वर्षा की ऋतु निकल चुकी है। लेकिन बारिश इन दिनों कभी भी हो जाया करती है। आज भी हो रही है। उसे देखकर मन में…
View More इस मौसम में बारिश! हम प्रकृति का तारतम्य बिगाड़ क्यों रहे हैं?हमास के हमले पर इजराइली प्रतिकार से भारतीय जनमानस क्यों अभिभूत है?
जब इजराइल में युवाओं, बच्चों, वृद्धों और स्त्रियों पर खूनी हमले हुए और उन्हें मध्ययुगीन गुलामों के मानिन्द बंधक बनाकर हमास के हमलावर ले जाते…
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नई दिल्ली में मेट्रो की ‘यलो लाइन’ के पटेल चौक स्टेशन पर दोपहर को जैसे ही मैं उतरकर स्टेशन से बाहर निकला कि सामने से…
View More लुटियंस की दिल्ली में 2,000 का नोट बदलवाने वाले ‘लपकों की मौज़’घर में बच्चों को ‘लैंगिक समानता’ के बारे में भी बताएँ, ताकि वे आगे कोई भेद न करें
वैसे तो हम सब इस विषय से भली-भाँति परिचित हैं, लेकिन मैं आपको फिर से याद दिला दूँ। ‘लैंगिक समानता’ का मतलब पुरुषों, महिलाओं सहित…
View More घर में बच्चों को ‘लैंगिक समानता’ के बारे में भी बताएँ, ताकि वे आगे कोई भेद न करें‘मायाबी अम्बा और शैतान’ : स्मृतियों के पुरातत्त्व का कोई क्रम नहीं होता!
ये सन्नाटा तब टूटा, जब ‘उस पैर’ ने उसे फिर कुरेदा। नींद के बोझ से उसकी आँखें बोझिल थीं। चिपचिपी जुबान सूजकर दोगुनी मोटी हो…
View More ‘मायाबी अम्बा और शैतान’ : स्मृतियों के पुरातत्त्व का कोई क्रम नहीं होता!‘संस्कृत की संस्कृति’ : भाषा और व्याकरण का स्रोत क्या है?
मानव अपनी माता के गर्भ से ही भाषा से परिचित होना शुरू कर देता है। कोई ऐसा नहीं जो अपने विचारों को व्यक्त नहीं करता…
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हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था में ऐसी ढाँचागत त्रुटियाँ हैं, जिसके चलते वह समाज को नैतिक और सदाचारपरक मूल्य आधारित समर्थन प्रणाली देने में अक्षम…
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