जब इजराइल में युवाओं, बच्चों, वृद्धों और स्त्रियों पर खूनी हमले हुए और उन्हें मध्ययुगीन गुलामों के मानिन्द बंधक बनाकर हमास के हमलावर ले जाते…
View More हमास के हमले पर इजराइली प्रतिकार से भारतीय जनमानस क्यों अभिभूत है?Author: From Visitor
लुटियंस की दिल्ली में 2,000 का नोट बदलवाने वाले ‘लपकों की मौज़’
नई दिल्ली में मेट्रो की ‘यलो लाइन’ के पटेल चौक स्टेशन पर दोपहर को जैसे ही मैं उतरकर स्टेशन से बाहर निकला कि सामने से…
View More लुटियंस की दिल्ली में 2,000 का नोट बदलवाने वाले ‘लपकों की मौज़’घर में बच्चों को ‘लैंगिक समानता’ के बारे में भी बताएँ, ताकि वे आगे कोई भेद न करें
वैसे तो हम सब इस विषय से भली-भाँति परिचित हैं, लेकिन मैं आपको फिर से याद दिला दूँ। ‘लैंगिक समानता’ का मतलब पुरुषों, महिलाओं सहित…
View More घर में बच्चों को ‘लैंगिक समानता’ के बारे में भी बताएँ, ताकि वे आगे कोई भेद न करें‘मायाबी अम्बा और शैतान’ : स्मृतियों के पुरातत्त्व का कोई क्रम नहीं होता!
ये सन्नाटा तब टूटा, जब ‘उस पैर’ ने उसे फिर कुरेदा। नींद के बोझ से उसकी आँखें बोझिल थीं। चिपचिपी जुबान सूजकर दोगुनी मोटी हो…
View More ‘मायाबी अम्बा और शैतान’ : स्मृतियों के पुरातत्त्व का कोई क्रम नहीं होता!‘संस्कृत की संस्कृति’ : भाषा और व्याकरण का स्रोत क्या है?
मानव अपनी माता के गर्भ से ही भाषा से परिचित होना शुरू कर देता है। कोई ऐसा नहीं जो अपने विचारों को व्यक्त नहीं करता…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : भाषा और व्याकरण का स्रोत क्या है?देश में अदालतें क्या एक बन्द प्रणाली की तरह काम कर रही हैं?
हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था में ऐसी ढाँचागत त्रुटियाँ हैं, जिसके चलते वह समाज को नैतिक और सदाचारपरक मूल्य आधारित समर्थन प्रणाली देने में अक्षम…
View More देश में अदालतें क्या एक बन्द प्रणाली की तरह काम कर रही हैं?सत्य, विश्वसनीयता और नैरेटिव पर वर्चस्व के लिए मीडिया व सोशल मीडिया की भिड़न्त शुरू
पारम्परिक मीडिया और सोशल मीडिया के बीच लोकरंजक नैरेटिव पर नियंत्रण के लिए संघर्ष शुरू हो गया है। तकाजा चूँकि सत्य का या चाहे कह…
View More सत्य, विश्वसनीयता और नैरेटिव पर वर्चस्व के लिए मीडिया व सोशल मीडिया की भिड़न्त शुरूइस तरह कैसे बचेगा डॉक्टरों का ‘दूसरे भगवान’ का दर्ज़ा?
देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में चले जाइए अधिकतर (शब्द ‘अधिकतर’ पर गौर कीजिएगा) चिकित्सकों का मरीजों के प्रति व्यवहार रुखा ही देखने को…
View More इस तरह कैसे बचेगा डॉक्टरों का ‘दूसरे भगवान’ का दर्ज़ा?‘संस्कृत की संस्कृति’ : मिलते-जुलते शब्दों का अर्थ महज उच्चारण भेद से कैसे बदलता है!
उच्चारण के महत्त्व को दर्शाता उदाहरण हमने पिछली कड़ी में देखा था कि एक अच्छे पाठक, वक्ता को उसी तरह शब्दों का उच्चारण करना चाहिए…
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‘झल्लाहट और चिड़चिड़ाहट’ से आज हर दूसरा इंसान त्रस्त मिलेगा। ये हमारे शरीर के भीतर बैठे रावण की तरह हैं। क्योंकि इनके भी 10-10 सिर…
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