origin of alphabets

संस्कृत की संस्कृति : वर्ण यानी अक्षर आखिर पैदा कैसे होते हैं, कभी सोचा है? ज़वाब पढ़िए!

संस्कृत अध्येताओं द्वारा वर्णों के शुद्ध उच्चारण के महत्त्व पर दिए उदाहरणों को मैंने कई बार देखा। इस प्रक्रिया के दौरान मन में प्रश्न उत्पन्न…

View More संस्कृत की संस्कृति : वर्ण यानी अक्षर आखिर पैदा कैसे होते हैं, कभी सोचा है? ज़वाब पढ़िए!
Yaksh-Dharm

देखिए, अगर ‘यक्ष’ आज के सन्दर्भ में ‘धर्म’ से प्रश्न पूछें तो वे और उनके उत्तर कैसे होंगे?

हर समय कोई यक्ष अपने प्रश्न लिए उपस्थित रहता है, जहाँ कर्तव्य-अकर्तव्य, कर्म-अकर्म, धर्म-अधर्म के झंझावत में मनुष्य का सम्पूर्ण अस्तित्त्व दाँव पर लगा होता…

View More देखिए, अगर ‘यक्ष’ आज के सन्दर्भ में ‘धर्म’ से प्रश्न पूछें तो वे और उनके उत्तर कैसे होंगे?
Nikesh jain

जब हमारे माता-पिता को हमारी ज़रूरत हो, हमें उनके साथ होना चाहिए…

मैं सिर्फ़ एक ही कारण से अमेरिका से भारत लौटा। वह कारण थे, मेरे माता-पिता। अमेरिका अच्छा देश है। वहाँ आपको तरक़्क़ी के मौक़े ख़ूब…

View More जब हमारे माता-पिता को हमारी ज़रूरत हो, हमें उनके साथ होना चाहिए…
Depression

असफलता झेलने के लिए ख़ुद को पहले से तैयार रखें, इसमें कोई बुराई नहीं

आज के दौर में जहाँ हमारे पास सोशल मीडिया पर विज्ञापनों कि भरमार है, वहीं हमारी समझ इतनी छोटी हो गई है कि हम अच्छे…

View More असफलता झेलने के लिए ख़ुद को पहले से तैयार रखें, इसमें कोई बुराई नहीं
Indra Dev

दूषित वाणी वक्ता का विनाश कर देती है….., समझिए कैसे!

वर्णों के उच्चारण की प्रक्रिया ‘शिक्षा’ नामक वेदांग से सीखने को मिलती है। वर्णों के स्पष्ट उच्चारण को संस्कृत व्याकरण परम्परा के ऋषि अत्यधिक महत्त्व…

View More दूषित वाणी वक्ता का विनाश कर देती है….., समझिए कैसे!
Teen Taal - Teen Saal

#अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल, तीन ताल जैसे… कभी भरे, कहीं खाली!

तीन साल। तीन साल हो गए। हमें जुड़े हुए। जोड़े रखते हुए। आपकी #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल। एक फेसबुक पेज से हुई यह छोटी-सी शुरुआत…

View More #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल, तीन ताल जैसे… कभी भरे, कहीं खाली!
Ganesh ji

गणेशोत्सव का सन्देश : सर्जन, अर्जन और फिर विसर्जन… यही जीवन है!

इसी सोमवार, मंगलवार से देश भर में गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई। अब 10 दिन तक यूँ ही चलने वाली है। इस दौरान लगातार…

View More गणेशोत्सव का सन्देश : सर्जन, अर्जन और फिर विसर्जन… यही जीवन है!
GDP

भारतीय परम्परागत अर्थशास्त्र और आधुनिक सोच वाले इकॉनमिक्स में क्या फ़र्क है?

उपनिवेशी भड़िहाई – 3 जिस तरह धर्म का शास्त्र, काम का शास्त्र और मोक्ष का शास्त्र होता है, वैसे ही हमारी भारतीय परम्परा में अर्थ…

View More भारतीय परम्परागत अर्थशास्त्र और आधुनिक सोच वाले इकॉनमिक्स में क्या फ़र्क है?
Education

‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?

भाषा के तौर पर संस्कृत की तकनीक और उसका सौन्दर्य अतुलनीय है। हम क्रमश: इसके तकनीक पक्ष पर दृष्टि डालेंगे। तो, सामान्य जन को भाषा…

View More ‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?
Delhi-slums

जी-20 के लिए चमचमाती दिल्ली की पर्दों से ढँकी स्याह हक़ीक़त!

मानव मनोविज्ञान के अनुसार हर चमचमाती चीज हमें अपनी तरफ़ आकर्षित करने में कारग़र होती है। लेकिन क्या ये ज़रूरी है कि उसके पीछे का…

View More जी-20 के लिए चमचमाती दिल्ली की पर्दों से ढँकी स्याह हक़ीक़त!