पूर्व में हमने संस्कृत की विविध विशेषताओं को देखा। अब आगे बढ़ते हुए, कुछ प्रयोग देखेंगे। इन प्रयोगों से हम संस्कृत भाषा के प्रयोग के…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : पंडित जी पूजा कराते वक़्त ‘यजामि’ या ‘यजते’ कहें, तो क्या मतलब?Tag: अपना पन्ना
अनुभवी व्यक्ति अपने आप में एक सम्पूर्ण पुस्तक होता है
साल 2017 में कुछ प्राथमिक विद्यालयों का चयन अँग्रेजी माध्यम के लिए किया गया l लिखित परीक्षा के उपरांत जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में इंटरव्यू…
View More अनुभवी व्यक्ति अपने आप में एक सम्पूर्ण पुस्तक होता है‘मेरो मन मेरा वृन्दावन’ : रास, रस और उपासना
वृन्दावन की रसोपासना में प्रेम के उत्तुंग शिखर और विरहसिन्धु के अतल तल से प्रवेश है। इसमें पात्रता का एक ही पैमाना है- प्रेमास्पद की…
View More ‘मेरो मन मेरा वृन्दावन’ : रास, रस और उपासना‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण की धुरी किसे माना जाता है?
पाणिनीय व्याकरण के प्रसंग में हमने बहुत से प्राचीन और अर्वाचीन आचार्यों विद्वानों के मत देखे। इस सन्दर्भ में हमें आज संस्कृत व्याकरण के नाम…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण की धुरी किसे माना जाता है?मेरो मन, मेरो वृन्दावन : सियाराममय सब जग जानीं…
वृन्दावन को यदि हम निखालिस भौतिकता की दृष्टि से देखें तो वह उतना ही पाँचभौतिक है, जितना कोई और वन, गाँव, कस्बा या नगर। वही…
View More मेरो मन, मेरो वृन्दावन : सियाराममय सब जग जानीं…सुनिएगा… ज़ीनत की कविता, देवांशी की आवाज़ में… Mistakes are a part of life
*Yes, mistakes are a part of life-They teach us, how to survive-They sometimes appear as a knife-But yes, they are a part of life*It is…
View More सुनिएगा… ज़ीनत की कविता, देवांशी की आवाज़ में… Mistakes are a part of lifeमहायुद्ध पूर्व की लड़ाइयाँ जहाँ होती हैं, वहाँ क्यों इनका आभास भी नहीं होता?
विश्व एक संरचनात्मक बदलाव की स्थिति में प्रवेश कर चुका है। दरक रही निवर्तमान विश्व-व्यवस्था के लक्षणों पर कहीं कोई आवाज़ नहीं हो रही है।…
View More महायुद्ध पूर्व की लड़ाइयाँ जहाँ होती हैं, वहाँ क्यों इनका आभास भी नहीं होता?‘संस्कृत की संस्कृति’ : ‘पाणिनि व्याकरण’ के बारे में विदेशी विशेषज्ञों ने क्या कहा, पढ़िएगा!
आचार्य पाणिनि के बृहद् कार्य पर दृष्टि डालने के क्रम में पुन: भगवान पतंजलि की उक्ति का उल्लेख समीचीन होगा। पतंजलि आचार्य पाणिनि के लिए…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : ‘पाणिनि व्याकरण’ के बारे में विदेशी विशेषज्ञों ने क्या कहा, पढ़िएगा!अहम मौक़ों अपने ज़मीर की सुनिए, तारीख़ में नायक बनेंगे!
अहम मौक़ों पर अक़्सर हम ख़ुद को दोराहे पर खड़ा पाते हैं। क्या करें, क्या न करें? क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए? ऐसे…
View More अहम मौक़ों अपने ज़मीर की सुनिए, तारीख़ में नायक बनेंगे!,एक कविता….. ‘क़ातिल ऐशगाह!’
देर रात भूखे कुत्तों को पैकबंद फूड लिए घूमते हैं शफ़ीक़। वह बेक़सूर जानवरों के मुर्दा ज़िस्मों से बना होता है।।नेकी-पुण्य कमाने के लिए जो…
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