तथागत बुद्ध के शिष्यों में आनन्द प्रमुख थे। तथागत के सभी शिष्यों में आनन्द को ही भगवन् का सामिप्य सबसे अधिक प्राप्त था। यह आनन्द…
View More बुद्ध के आनन्द ने राजकुमारों से पहले एक नाई की प्रव्रज्या क्यों कराई?Tag: अपना पन्ना
गीतातत्त्वमीमांसा : समसामयिक चिन्तन में सनातन धर्म प्रस्थान पर एक पठनीय टीका
श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म के सर्वसार ग्रन्थ के रूप में मान्य है। उपनिषद् (वेद), ब्रह्मसूत्र के साथ श्रीमद्भगवद्गीता को प्रस्थानत्रयी कहा जाता है। आस्तिक परम्परा में…
View More गीतातत्त्वमीमांसा : समसामयिक चिन्तन में सनातन धर्म प्रस्थान पर एक पठनीय टीकाक्या स्कूली बच्चों को पानी पीने तक का अधिकार नहीं?
आज-कल एक अहम खबर सुर्खियाँ बटोर रही है। यह कि पंजाब के फिरोजपुर के सरकारी विद्यालय में रोज़ तीन से चार बार घंटियाँ बजाई जा…
View More क्या स्कूली बच्चों को पानी पीने तक का अधिकार नहीं?‘स्माइली वाली लड़की’ : प्रेम के अव्यक्त व अलौकिक रूप का शानदार चित्रण
विकास वशिष्ठ के उपन्यास ‘स्माइली वाली लड़की’ में प्रेम के अव्यक्त व अलौकिक रूप का शानदार चित्रण है। जितना बेहतर पात्रों का चरित्र, उतनी ही…
View More ‘स्माइली वाली लड़की’ : प्रेम के अव्यक्त व अलौकिक रूप का शानदार चित्रणशिक्षक वो अज़ीम शख़्सियत है, जो हमेशा हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है
ज़िन्दगी में दो ही लोग चाहते हैं कि हम उनसे ज्यादा कामयाब हों। पहले- हमारे माता-पिता और दूसरे हमारे शिक्षक। हम कितने भी अमीर या…
View More शिक्षक वो अज़ीम शख़्सियत है, जो हमेशा हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता हैसंस्कार हमारे जीवन में कैसे अच्छी या बुरी भूमिका निभाते हैं?
संस्कार एक ऐसा शब्द है, जो हम अपने बचपन से ही और अभी भी रोज कहीं न कहीं सुनते ही रहते हैं। संस्कार का हमारे…
View More संस्कार हमारे जीवन में कैसे अच्छी या बुरी भूमिका निभाते हैं?हो सके तो अपनी दिनचर्या में ज्यादा से ज्यादा हिन्दी का प्रयोग करें, ताकि….
हमारे द्वारा प्रयोग में लाने वाली भाषा न सिर्फ संचार का जरिया है बल्कि वह हमारी पहचान भी है। हमारा जन्म भारत जैसे महान देश…
View More हो सके तो अपनी दिनचर्या में ज्यादा से ज्यादा हिन्दी का प्रयोग करें, ताकि….हमारे लिए होली के रंग अब हमेशा फीके रहेंगे ‘बाबा’, आपसे विदा लेना सम्भव नहीं है…!!
बाबा आपका जाना हम सबका अनाथ हो जाना है। पीपी सर के नाम से मशहूर पुष्पेंद्र पाल सिंह जी को हम स्टूडेंट्स प्यार से ऐसे…
View More हमारे लिए होली के रंग अब हमेशा फीके रहेंगे ‘बाबा’, आपसे विदा लेना सम्भव नहीं है…!!दुर्रानी व सामवेद का उर्दू अनुवाद: वेद किसी की धरोहर नहीं, वे मानव के लिए ईश्वरीय वाणी हैं
झारखंड के रहने वाले एक मशहूर फिल्मकार हैं इक़बाल दुर्रानी। उन्होंने कुछ समय पहले ‘सामवेद’ का उर्दू में अनुवाद किया था। लेकिन इतना वक़्त बीत…
View More दुर्रानी व सामवेद का उर्दू अनुवाद: वेद किसी की धरोहर नहीं, वे मानव के लिए ईश्वरीय वाणी हैंखुद को पहचानिए, ताकि आप खुद ही खुद से महरूम न रह जाएँ
हमारा जीवन दिन-ब-दिन और ज़्यादा तनवभरा होता जा रहा है। इसके पीछे बहुत से कारण हैं। जैसे हमारा भोजन, दिनचर्या और सबसे महत्त्वपूर्ण हमारा वातावरण।…
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