आजकल यदि किसी प्रकार कोई परंपरा में निष्ठावान् व्यक्ति हम जैसे ज्ञानलवदुर्विदग्ध के सम्मुखी हो जाए तो क्या मज़ाल कि हम उस व्यक्ति को सुनेंगे।…
View More प्रकृति मतान्धता का भार ही भारी मन से उठा रही हैTag: अपना पन्ना
परोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!
एक ख़ूबसूरत कविता। एक उतनी ही सुकून भरी आवाज़। इन दो कलाकारों में लिखने वाले एक हैं, आशीष मोहन ठाकुर। ये मध्य प्रदेश पुलिस में…
View More परोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!ख़ुदकुशी के ज्यादातर मामलों में लोग मरना नहीं चाहते… वे बस चाहते हैं कि उनका दर्द मर जाए
अभी 10 सितम्बर को ‘वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे’ था। यानी ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’। ऐसे मौकों पर अक्सर चर्चा आत्महत्या के बारे में ही होती…
View More ख़ुदकुशी के ज्यादातर मामलों में लोग मरना नहीं चाहते… वे बस चाहते हैं कि उनका दर्द मर जाएमाँगिए तो कृष्ण को ही माँग लीजिए, सब कुछ जीत लेंगे
बड़ा सरल है ‘चोर’ कहना। कहें भी क्यों न, आखिर ‘चोर’ कहने से कुछ-कुछ अपना सा लगता है। किसी को अपने जैसा पाते हैं तो…
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महाराष्ट्र के पंढरपुर में भगवान विट्ठल के नाम से विष्णुजी का अवतार विराजित है। उनके दर्शनों के लिए पूरे महाराष्ट्र से पैदल यात्रा करते हुए…
View More आषाढ़ी एकादशी : हमेशा बने रहने वाले भक्ति-भाव से भरा भजन, विट्ठल-हरि के लिएजैन धर्म, जिसने भारतीय सनातन का विशिष्ट अंग होकर सार्थकता बनाए रखी
एक सुदर्शन युवा अपना समस्त वैभव, सुख, सुविधाएँ त्याग कर निकल पड़ता है। एक ऐसी खोज में जो सदियों से महान लोग करते आ रहे…
View More जैन धर्म, जिसने भारतीय सनातन का विशिष्ट अंग होकर सार्थकता बनाए रखीनि:शब्द सदा ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ!
भूपेन हजारिका के एक गाने की पंक्तियाँ याद आ रही हैं… “निःशब्द सदा ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ ” . नारी और नदी,…
View More नि:शब्द सदा ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ!जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
वेदों में देवता से कई प्रकार के भाव लिए गए हैं। साधारणतः वेदमंत्रों के जितने विषय हैं, वे देवता कहलाते हैं। नैरुक्तकार यास्क ने देवता…
View More जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसीमैं अपने अँधेरों के संग बदस्तूर चल रहा हूँ
जीवन में मृत्यु एक शाश्वत और अनिवार्य सच्चाई है। इसकी अनिवार्यता अब तो इतनी हो चुकी है कि रोज ही इस किस्म की ख़बर सुनने…
View More मैं अपने अँधेरों के संग बदस्तूर चल रहा हूँजब कोई ‘लीडर’ से ‘लैडर’ हो जाए…
आज यूँ ही अपने छोटे शहर के कुछ वाक़ये याद हो आए। ये ऐसे वाक़ये हैं, तमाम लोगों के साथ गुजरे होंगे, जो ऐसे शहरों…
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