भगवान बुद्ध ने पंचवर्गीय भिक्षुओं को अपनी बात सुनने के लिए मना लिया। तथागत ने उन्हें समझाया। उनकी रुचि देख जो पहला उपदेश दिया वह…
View More बुद्ध की दृष्टि में दु:ख क्या है और आर्यसत्य कौन से हैं?Tag: अपना पन्ना
बीती जा रही है सबकी उमर पर हम मानने को तैयार ही नहीं हैं
अड़सठ घाट भीतर हैं। कहाँ जाना है? न गंगा, न यमुना, सुमिरन कर ले मेरे मना, मन चंगा तो कठौती में ही गंगा है। बीती जा रही है…
View More बीती जा रही है सबकी उमर पर हम मानने को तैयार ही नहीं हैंवैशाख पूर्णिमा, बुद्ध का पुनर्जन्म और धर्मचक्रप्रवर्तन
वन में वैशाख पूर्णिमा को जन्मा राजकुमार फिर वन की तरफ चल दिया। पुनः जन्म लेने हेतु। वह राजगृह के घने वनों में भटकता रहा।…
View More वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध का पुनर्जन्म और धर्मचक्रप्रवर्तनलगता है, हम सब एक टाइटैनिक में इस समय सवार हैं और जहाज डूब रहा है
यहाँ आसमान में कड़क बिजलियाँ चमक रही है। बादलों की गड़गड़ाहट में किसी की आवाज सुनाई नहीं देती। बरसात की बूंदें बड़े ओलों के रूप में…
View More लगता है, हम सब एक टाइटैनिक में इस समय सवार हैं और जहाज डूब रहा हैये पंछियों की चहचहाहट नहीं, समय का गीत है
ये राजस्थान के एक गाँव का दृश्य है। सवेरा अभी हुआ नहीं है। बस होने को है। यह सूर्योदय से ठीक पहले की वेला है।…
View More ये पंछियों की चहचहाहट नहीं, समय का गीत हैसिद्धार्थ के बुद्ध हो जाने की यात्रा की भूमिका कैसे तैयार हुई?
लगभग 2,600-2,700 वर्ष पूर्व भारत-भारती पर भासमान भास्कर का उदय हुआ। उसने भारत ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व को प्रकाशित किया। यह सूर्योदय कपिलवस्तु के सिंहासन…
View More सिद्धार्थ के बुद्ध हो जाने की यात्रा की भूमिका कैसे तैयार हुई?लगता है, अपना खाने-पीने का कोटा खत्म हो गया है!
एक संतरा सामने है, एक सेवफ़ल, एक बड़ा सा पपीता, एक कीवी, कुछ बेर रखे हैं। मैं सोचता हूँ कि आज भोजन न करूँ। इन चीज़ों से अपनी…
View More लगता है, अपना खाने-पीने का कोटा खत्म हो गया है!मैं काल का ग्रास बनने से बचा हुआ हूँ, अन्धकार को सूरज का ग्रास बनाकर!
दिल्ली। साल 2021, मई का महीना, 10 तारीख। बीती रात बारिश हुई है। इसे बारिश कहना गलत होगा। बादलों ने धधकती दिल्ली के कलेजे पर…
View More मैं काल का ग्रास बनने से बचा हुआ हूँ, अन्धकार को सूरज का ग्रास बनाकर!मैं थककर मौत का इन्तज़ार नहीं करना चाहता…
सामने एक मराठी परिवार था, जिसमें एक बुजुर्ग साथ रहते थे। बाद में मालूम पड़ा कि वे अकेले ही थे। जीवन संग्राम अकेले ही लड़ते…
View More मैं थककर मौत का इन्तज़ार नहीं करना चाहता…दर्शन हमें परिवर्तन की राह दिखाता है, विश्वरथ से विश्वामित्र हो जाने की!
भौतिक उन्नति करना यानि आज के सन्दर्भ में कहें तो पैसा कमाना। सामान्य तौर पर इसे बुरा नहीं माना जाता। लेकिन हमें यह पता होना चाहिए कि जीवन…
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