Mayavi Amba-56

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : समय खुशी मनाने का नहीं, सच का सामना करने का था

खड़ाक——-क अचानक सनसनाती हुई उसके कान के पास से गुजरी गोली ने पास में एक पत्थर के टुकड़े कर दिए थे। हवा में छिटके पत्थर…

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swadeshi

विदेशी है तो बेहतर ही होगा, इस ‘ग़ुलाम सोच’ को जितनी जल्दी हो, बदल लीजिए!

विदेशी है तो बेहतर ही होगा! आम तौर पर हम भारतीयों की यही सोच होती है कि अगर कोई सामान विदेश में बना है तो…

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Teachers-Student

हमें समझना होगा कि मात्र विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा ही सबकुछ नहीं है!

“इतने गन्दे कपड़े पहनकर रोज आता है, क्या तुझे वर्दी के पैसे नहीं मिले? भाई नई खरीद ले।” अपनी कक्षा के बच्चे से ऐसा कह…

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Mayavi Amba-55

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : पलक झपकते ही कई संगीनें पटाला की छाती के पार हो गईं

“तुम मेरे साथ यहाँ क्यों नहीं छिप सकती? यहाँ हम दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।” पटाला उसे उस गोपनीय जगह पर छोड़कर जाने लगी तो…

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Save Teachers

“जब से शिक्षक की नौकरी में लगा हूँ, रोज मानसिक प्रताड़ना झेल रहा हूँ!”

“भाई! सोच रहा हूँ, इस्तीफा देकर कहीं सब्जी का ठेला लगा हूँ।” “अरे ऐसा क्या हो गया?” मैंने पूछा। मित्र ने बताया, “बच्चे पढ़ते नहीं।…

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Teacher

अन्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में शिक्षक सबसे निरीह क्यों लगता है?

शिक्षक, जिसके बारे में कहा जाता है कि समाज उसे बहुत सम्मान की दृष्टि से देखता है। लेकिन मुझे लगता है शिक्षक जब तक सिर्फ…

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Expectation

मत लादिए अपनी इच्छाएँ, अपनी कुंठाएँ, अपनी आशाएँ, अपने सपने किसी पर!

आत्महत्या के कारणों पर जब भी चर्चा होती है, तब हम बाहरी कारण गिनने-गिनाने लग जाते हैं। करियर, वित्तीय परेशानी, सामाजिक हैसियत, आदि। इनके बाद…

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Mensturation

दक्षिण भारत से सीखिए – मासिक धर्म छिपाने का नहीं उत्सव मनाने का मौका है!

हिन्दुस्तान के बड़े हिस्से में महिलाओं का मासिक धर्म आज भी दूसरों से छिपाने का विषय होता है। इससे जुड़ी तमाम तरह की भ्रान्तियाँ देश…

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Mayavi Amba-54

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : जिनसे तू बचकर भागी है, वे यहाँ भी पहुँच गए है

वह घनी अँधेरी रात थी। इतनी अँधेरी कि साधारण आदमी तो एक-दूसरे को देख भी न सके। चलते वक्त एक-दूसरे से टकरा जाए। ऐसे माहौल…

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Mayavi Amba-53

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : तुम कोई भगवान नहीं हो, जो…

ज्ञान उतना ही पुराना था, जितने पर्वत। यह इतना ही विस्तारित था, जितनी कि वनों में जड़ी-बूटियों की संख्या। उसके मिश्रणों, काढ़ों और घोलों को…

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