हाल में हुए ‘पर्यावरण दिवस’ पर जोर-शोर से ‘पेड़ लगाओ अभियान’ चला। सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर भी। लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि इतनी…
View More ‘पर्यावरण दिवस’ के नाम पर इतनी भीषण गर्मी में पेड़ लगाने का औचित्य क्या?Tag: सरोकार
Talking-Tree : I am also a living witness of this earth
“I am tree and feeling bad, because people cut me regularly for the self fulfilment. But they forget my value towards the nature. When people…
View More Talking-Tree : I am also a living witness of this earth‘मायावी अम्बा और शैतान’ : उसे लगा, जैसे किसी ने उससे सब छीन लिया हो
अचानक बिना किसी पूर्व चेतावनी के पटाला ने अंबा के चेहरे पर पीले पराग कण छिड़क दिए। ये पराग कण इतने शक्तिशाली थे कि जहाँ…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : उसे लगा, जैसे किसी ने उससे सब छीन लिया हो“Heat stroke can kill, get hydrated and chill”
As we all know that we are facing heat wave and during this time will lose our at least 78 people in 10 days which…
View More “Heat stroke can kill, get hydrated and chill”‘पर्यावरण दिवस’ : इन ख़बरों पर ग़ौर करें, फिर ‘पर्यावरण की पीड़ा’ का जश्न मनाएँ!!
आज ‘पर्यावरण दिवस’ है। जैसे- हर साल होली, दीवाली, जैसे तीज-त्यौहार होते हैं न और उनमें कुछ रस्म-ओ-रिवाज़ के साथ जश्न होता है। वैसे ही,…
View More ‘पर्यावरण दिवस’ : इन ख़बरों पर ग़ौर करें, फिर ‘पर्यावरण की पीड़ा’ का जश्न मनाएँ!!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : मात्रा ज्यादा हो जाए, तो दवा जहर बन जाती है
“तुमने तो हमें डरा ही दिया था। क्या लगा था तुम्हें? इतनी रात को जोतसोमा के घने जंगलों में तुम कहाँ तक पहुँच पाती? ऐसी…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : मात्रा ज्यादा हो जाए, तो दवा जहर बन जाती है‘मायावी अम्बा और शैतान’ : डायनें भी मरा करती हैं, पता है तुम्हें
जल्द ही अंबा के सामने जोतसोमा का अथाह घना जंगल था और पीछे भयानक पंजों, दाँतों वाला कोई शिकारी जानवर था शायद, क्रूर मौत की…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : डायनें भी मरा करती हैं, पता है तुम्हेंगुजरात-दिल्ली की आग हमारे सीनों में क्यों नहीं झुलसती?
राजकोट गुजरात में बच्चों के लिए बनाए गए एक गेम जोन में आग लग गई। इस हादसे में 28 लोग मारे गए। इनमें 12 बच्चे…
View More गुजरात-दिल्ली की आग हमारे सीनों में क्यों नहीं झुलसती?बेहतर है कि इनकी स्थिति में सुधार लाया जाए, एक कदम इनके लिए भी बढ़ाया जाए
स्कूल से घर लौटते वक्त अक्सर मानसरोवर पार्क के पास की झुग्गियों पर नज़र पड़ जाया करती है। इनके बारे में इतना कभी नहीं सोचा।…
View More बेहतर है कि इनकी स्थिति में सुधार लाया जाए, एक कदम इनके लिए भी बढ़ाया जाए‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह खुद अपना अंत देख सकेगी… और मैं भी!
तहखाने में जंगली पौधे बोल्डो की अजीब सी गंध भरी थी। उसमें अम्लीय नमक और रात भर खौलते सरसों के तेल में डुबोई गईं बादाम…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह खुद अपना अंत देख सकेगी… और मैं भी!