अभी हर तरफ़ एक बेहद सफल फिल्म ‘12वीं फेल’ के चर्चे हैं। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी श्री मनोज शर्मा के जीवन की सच्ची…
View More ‘12वीं फेल’ की चमक-दमक के बीच एक ‘छोटी सी बड़ी’ फिल्म यह भी देखिए, ‘प्लूटो’Tag: सरोकार
‘संस्कृत की संस्कृति’ : बच्चे का नाम कैसा हो- सुन्दर और सार्थक या नया और निरर्थक?
हमने पिछली बार यादृच्छिक शब्दों के प्रयोग पर और धातु से उत्पन्न शब्दों के बारे में चर्चा की थी। यादृच्छिक शब्दों के प्रयोग से एक…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : बच्चे का नाम कैसा हो- सुन्दर और सार्थक या नया और निरर्थक?आज विश्व हिन्दी दिवस है… और ये विश्व ‘विधालय’ अनुदान आयोग है!
आज ‘विश्व हिन्दी दिवस’ है। दुनिया भर के हिन्दी विशेषज्ञ, मीडिया और सोशल मीडिया वग़ैरा के मंचों पर भर-भर के ज्ञान दिया जा रहा है।…
View More आज विश्व हिन्दी दिवस है… और ये विश्व ‘विधालय’ अनुदान आयोग है!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : खून और आस्था को कुरबानी चाहिए होती है
अंबा के खाली पेट में गुड़गुड़ाहट हो रही थी। भूख के कारण बहुत कमजोरी लग रही थी। लिहाजा, वह पास में ही बह रही नदी…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : खून और आस्था को कुरबानी चाहिए होती हैजानवरों के भी हुक़ूक हैं, उनका ख़्याल रखिए
आज ज़्यादातर लोग नौकरी या किसी और सिलसिले में अपने घर और अपनों से दूर दूसरे शहरों में रहते हैं। इसी कारण अकेलेपन से पीछा…
View More जानवरों के भी हुक़ूक हैं, उनका ख़्याल रखिए‘मायावी अम्बा और शैतान’ : मृतकों की आत्माएँ उनके आस-पास मँडराती रहती हैं
धुंध में घिरा जोतसोमा जल्दी ही जमीन के नीचे से बाहर निकल आए जीव-जंतुओं के लिए जानलेवा खेल का मैदान बन गया था। सूरज ढलने…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : मृतकों की आत्माएँ उनके आस-पास मँडराती रहती हैं‘संस्कृत की संस्कृति’ : पंडित जी पूजा कराते वक़्त ‘यजामि’ या ‘यजते’ कहें, तो क्या मतलब?
पूर्व में हमने संस्कृत की विविध विशेषताओं को देखा। अब आगे बढ़ते हुए, कुछ प्रयोग देखेंगे। इन प्रयोगों से हम संस्कृत भाषा के प्रयोग के…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : पंडित जी पूजा कराते वक़्त ‘यजामि’ या ‘यजते’ कहें, तो क्या मतलब?ये विज्ञापन है, पर हम प्रसार कर रहे हैं… ताकि किसी की आँखें खुल सकें!
ये विज्ञापन है। इस पर #अपनीडिजिटलडायरी का कोई कॉपीराइट नहीं। किसी तरह का अधिकार नहीं। जिन्होंने इसे बनाया है, सब कुछ उन्हीं का है। अलबत्ता…
View More ये विज्ञापन है, पर हम प्रसार कर रहे हैं… ताकि किसी की आँखें खुल सकें!‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण की धुरी किसे माना जाता है?
पाणिनीय व्याकरण के प्रसंग में हमने बहुत से प्राचीन और अर्वाचीन आचार्यों विद्वानों के मत देखे। इस सन्दर्भ में हमें आज संस्कृत व्याकरण के नाम…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण की धुरी किसे माना जाता है?‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह तब तक दौड़ती रही, जब तक उसका सिर…
अंबा के लिए बैकाल जेल से दूर निकल जाना बहुत जरूरी था। कोई और रास्ता नहीं था, सिवाय इसके कि वह सामने दिख रहे अँधेरे,…
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