भीड़ हक्का-बक्का होकर उस युवा ‘डायन’ को देख रही थी। वे चाहते थे कि वह रोए। दया की भीख माँगे। जान बख्श देने के लिए…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : वह घंटों से टखने तक बर्फीले पानी में खड़ी थी, निर्वस्त्र!Tag: सरोकार
प्रेमचंद जी के फटे जूते देख परसाईं जी ने लिखा- तुम परदे का महत्त्व नहीं जानते, और हम…
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है। पत्नी के साथ फ़ोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुर्ता और धोती पहने…
View More प्रेमचंद जी के फटे जूते देख परसाईं जी ने लिखा- तुम परदे का महत्त्व नहीं जानते, और हम…प्रकृति के प्रति हम कैसे-कितने उत्तरदायी हों, ‘एपल’ कम्पनी के इस वीडियो से सीखें
प्रकृति के प्रति हम कैसे और कितने उत्तरदायी हों? कैसे समझें कि सम्पोषी (सस्टेनेबल) विकास के नाम पर हम जो प्रयास कर रहे हैं, वे…
View More प्रकृति के प्रति हम कैसे-कितने उत्तरदायी हों, ‘एपल’ कम्पनी के इस वीडियो से सीखेंलोकतंत्र में जैसे ‘नेता’ चाहिए, उसकी मिसालें सिर्फ़ गाँधी-शास्त्री तक क्यों ठहरी है?
लोकतंत्र में जिस तरह के ‘नेता’ होने की परिकल्पना की गई, वे हिन्दुस्तान तो क्या दुनियाभर में दुर्लभ हैं। हर कहीं कुछ अँगुलियों पर गिनने…
View More लोकतंत्र में जैसे ‘नेता’ चाहिए, उसकी मिसालें सिर्फ़ गाँधी-शास्त्री तक क्यों ठहरी है?‘मायावी अंबा और शैतान’ : उसे अब यातना दी जाएगी और हमें उसकी तकलीफ महसूस होगी
# केंचुली छोड़ना # तथ्य : इंसान जैसी जिंदगी इंसानों को ही नसीब है। तथ्य : ये तय था कि वह ऐसे रास्ते पर बढ़ने…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : उसे अब यातना दी जाएगी और हमें उसकी तकलीफ महसूस होगी‘मायावी अंबा और शैतान’ : फिर उसने गला फाड़कर विलाप शुरू कर दिया!
शाम को जब गोलीबारी थमी, तो लगा जैसे सब काल्पनिक सा घटा हो। झुलसे हुए और खून, धूल, मिट्टी के रंगों में रंगे हुए रास्ते…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : फिर उसने गला फाड़कर विलाप शुरू कर दिया!भाषा के नाम पर राजनीति करने वालों को ‘दक्षिण में हिन्दी’ से जुड़ी ये ख़बर पढ़नी चाहिए
आज, 14 सितम्बर को ‘हिन्दी दिवस’ मनाया गया। मीडिया और सोशल मीडिया में पूरे ज़ोर-शोर से रस्में हुईं। हालाँकि यह बात दीगर है कि रस्म-अदायगी…
View More भाषा के नाम पर राजनीति करने वालों को ‘दक्षिण में हिन्दी’ से जुड़ी ये ख़बर पढ़नी चाहिए‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?
भाषा के तौर पर संस्कृत की तकनीक और उसका सौन्दर्य अतुलनीय है। हम क्रमश: इसके तकनीक पक्ष पर दृष्टि डालेंगे। तो, सामान्य जन को भाषा…
View More ‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?‘मायावी अंबा और शैतान’ : ऐसे बागी संगठन का नेतृत्त्व करना महिलाओं के लिए सही नहीं है
“मैं तो बस ये कह रहा था कि ऐसे बागी संगठन का नेतृत्त्व करना महिलाओं के लिए सही नहीं है… या यूँ समझ लो कि…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : ऐसे बागी संगठन का नेतृत्त्व करना महिलाओं के लिए सही नहीं हैसंस्कृत एक तकनीक है, एक पद्धति है, एक प्रक्रिया है…!
भाषा की दृष्टि से समझने पर संस्कृत मात्र विचारों के आदान प्रदान की माध्यम प्रतीत नहीं होती। वास्तव में संस्कृत एक तकनीक है, एक पद्धति…
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