Shiv-Rajyabhishek

शिवाजी ‘महाराज’ : सिंहासनाधीश्वर, क्षत्रियकुलावतंस महाराज शिवछत्रपति

महाराज के माथे पर से अभिषेक-जल की अमृतमय धाराएँ बह निकलीं। जिजाऊ साहब का बरसों से सजाया हुआ सपना उनके जीते-जी पूरा हुआ। उनके बेटे,…

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Shivaji Rajyabhishek

शिवाजी ‘महाराज’ : पहले की शादियाँ जनेऊ संस्कार से पहले की थीं, अतः वे नामंजूर हो गईं

रायगढ़ पर मंगल बाजे बजने लगे। पहला संस्कार होना था। पहले महाराज का जनेऊ संस्कार हुआ ही नहीं था। अब तक के 350 साल के…

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Raigarh

शिवाजी ‘महाराज’ : रायगढ़ सज-धज कर शिवराज्याभिषेक की प्रतीक्षा कर रहा था

राजसभा के चबूतरे पर महाराज का सिंहासन था। नक्कारखाने से राजसभा में प्रवेश करते ही सामने शानदार ऊँचे चबूतरे पर यह चौकी दिखाई देती है।…

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Shivaji Raigarh

शिवाजी ‘महाराज’ : महाराष्ट्र का इन्द्रप्रस्थ साकार हो रहा था, महाराज स्वराज्य में मगन थे

रायगढ़ पर वेदमूर्ति गागाभट्ट तथा राजोपाध्याय अर्वीकर के मार्गदर्शन में राज्याभिषेक की पूर्व तैयारी शुरू हुई। गागाभट्ट तो बहुत ही कर्मठ थे। राज्याभिषेक के लिए…

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Gagabhatt-Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : राज्याभिषिक्त हों, सिंहानस्थ हों शिवबा

महाराज का सबसे चहेता और महत्त्वपूर्ण किला पन्हालगढ़ अभी स्वराज में वापिस नहीं आया था। महाराज को पन्हाला वापस लेने की तीव्र इच्छा थी। एक…

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Hanuman ji

भक्तों की भक्ति-कीर्तन परम्परा : हनुमान की जय, हो जय जय, हनुमान की जय

भक्त हनुमान की जयन्ती पर भक्ति भाव के साथ आस्थावान भक्तों का नृत्य। इस वीडियो को देखने के बाद शायद किसी को इससे मतलब हो…

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Samarth Ramdas-Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : शिव-समर्थ भेंट हो गई, दो शिव-सागर एकरूप हुए

दिंडोरी की जीत के आठ ही दिन बाद मोरोपन्त पिंगले ने त्र्यम्बकगढ़ जीत लिया (दिनांक 25 अक्टूबर 1670)। अगले ही महीने (नवम्बर) में महाराज विदर्भ…

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Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : दुःख से अकुलाकर महाराज बोले, ‘गढ़ आया, सिंह चला गया’

सिंहगढ़ तो हाथ आया लेकिन महाराज को अपने जानी दोस्त, सूबेदार तान्हाजीराव मालुसरे से हाथ धोना पड़ा। सूर्याजी के दुःख का पार नहीं था। उन्होंने…

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Tanaji Malusare

शिवाजी ‘महाराज’ : राजगढ़ में बैठे महाराज उछल पड़े, “मेरे सिंहों ने कोंढाणा जीत लिया”

माघ कृष्ण पक्ष नवमी। काली डरावनी आधी रात (दिनांक 4 फरवरी 1670)। आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। झुरमुटों में झींगुर बोल रहे थे। सिंहगढ़…

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Kondhana Fort

शिवाजी ‘महाराज’ : तान्हाजीराव मालुसरे बोल उठे, “महाराज, कोंढाणा किले को में जीत लूँगा”

महाराज ने औरंगजेब के खिलाफ युद्ध छेड़ने का फैसला किया। राजधानी के सामने सिर्फ छह कोस की दूरी पर था कोंढाणा उर्फ सिंहगढ़। सबसे पहले…

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