Love Poetry

सुनिए और पढ़िए…, एक कविता प्रेम की : ग़र कहीं नहीं मिली मैं तो मिलूँगी वहीं

एक कविता अपनी छोड़ आई हूँ मैं उसके घर,चार नज़रों में जबदो नाकों जितनी दूरी थी, ग़र कहीं नहीं मिली मैं तो मिलूँगी वहींजहाँ पहुँचने…

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Love

पूछती हो, तुम्हारा प्रेम क्या है? सुनो…

पूछती हो, तुम्हारा प्रेम क्या है? सुनो!  तुम जानती हो मुझे शायद मुझसे बेहतर ही।चंद शौक, यादों और नापसंदगियों की दास्तां है।। और तुम भी…

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Hopeful Lady

ख़ुद के अंदर कहीं न कहीं, तुम अब भी मौजूद हो

मैं मिल जाती हूँ ख़ुद से जब हवा मुझे छूकर गुज़रती है  वो याद दिलाती है मुझे बार बार कि मैं मौजूद हूँ सूखे पत्तों…

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Husband Wife

आज तुमसे कहना चाहता हूँ…, ऐसा लिखने वाले को पढ़िए और कहने वाले को सुनिए!

आज तुमसे कहना चाहता हूँ… कभी तुम से कहा नहीं कि तुम खाना बहुत अच्छा बनती।तुम्हारे घरेलू कामों की कभी तारीफ नहीं की।तुमने कितनी सफाई…

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shikayat

सुनिएगा, एक अच्छी रचना…: कैसे करूँ शिक़वा या गुज़ारिश तुमसे

जब मैंने तुमसे सिर्फ तुम्हारा समर्पण माँगा,सच कहूं तो केवल अपना सुख ही चाहा था।जो मैं सच्चा रिझवार हो जाता प्रियवर,अगन में तुम्हारी जलकर फ़ना…

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Radha Krishna

…लगी निभाने की सौगंध नहीं क्या तुम्हारी है?

तेरी नज़र जब मुझे अपने से ज़ुदा करती है मेरी नज़र तुझे भूलने की ख़ता करती है न देखा, न समझा, न सुना ही है…

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old man eyes

दोबारा जन्म हुआ तो ख़ुदा से माँग के आऊँगा…

ये आवाज़ अमित साहू की है। ये जो कविता पढ़ रहे हैं, वह भी इन्हीं की है। अमित वैसे तो, भारतीय निर्यात-आयात बैंक के सबसे…

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सुनिएगा… ज़ीनत की कविता, देवांशी की आवाज़ में… Mistakes are a part of life

*Yes, mistakes are a part of life-They teach us, how to survive-They sometimes appear as a knife-But yes, they are a part of life*It is…

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DiaryWani-4

काम को संज़ीदगी से नहीं किया, तो समझो पत्ता साफ़?

कुछ लोगों की आदत होती है कि वे अपने ही काम के प्रति बहुत संज़ीदा नहीं होते। उसे चलताऊ तरीक़े से किया करते हैं। इसलिए…

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DiaryWani-3

एक-दूसरे के साथ हमारी संगत या संगति कैसी हो, इस मिसाल से समझिए!

जिसे भी देखिए, वो अपने आप में ग़ुम है। ज़ुबाँ मिली है, मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता।।  यह मशहूर शेर हम में अधिकांश लोगों की ज़िन्दगी की…

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