बुद्ध अपने प्रतीत्य समुत्पाद के तीसरे भाग अर्थात् समाधि की बात करते हैं। भारतीय दर्शन में समाधि अत्यधिक महत्त्वपूर्ण विचार है। बुद्ध समाधि में तीन चीजों को…
View More सम्यक प्रयत्न; बोल्ट ने ओलम्पिक में 115 सेकेंड दौड़ने के लिए जो श्रम किया, वैसा!Category: चहेते पन्ने
“बापू, अब तो मुझे आत्मग्लानि होने लगी है। ख़ुद पर ही शर्म आने लगी है।”
अरसा हो गया। इतने वर्षों से बापू को एक ही पोजिशन में बैठे हुए देखते-देखते। झुके हुए से कंधे। बंद आँखें। भावविहीन चेहरा। कहने की जरूरत…
View More “बापू, अब तो मुझे आत्मग्लानि होने लगी है। ख़ुद पर ही शर्म आने लगी है।”तुमने अपना स्वर्ण बाँटकर स्वर्णाक्षरों में नाम लिखवा लिया मुताज़
कल से आँखें ख़ुशी से नम हैं। ओलम्पिक में रोज़ाना ही कोई न कोई इतिहास रचा जा रहा है। कल क़तर के एक खिलाड़ी ने…
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कोरोना काल में न जाने कितने लोगों को अपनी आजीविका से विरत होना पड़ा। बहुतों ने इसे नई आजीविका के अवसर के रूप में देखा और नए…
View More सम्यक आजीविका : ऐसा कार्य, आय का ऐसा स्रोत जो ‘सद्’ हो, अच्छा होकोई हम पर मिट्टी, कीचड़ फेंके तो हम क्या करें?
किसी ने व्हाट्स एप पर यह कहानी मुझे भेजी। आज के दौर में जब हर कोई एक-दूसरे को गिराने की कोशिश करता है। कीचड़ उछालता…
View More कोई हम पर मिट्टी, कीचड़ फेंके तो हम क्या करें?खिलाड़ी देश के प्रतिनिधि हैं, किसी जाति, धर्म या प्रदेश के नहीं
सौभाग्य से मुझे भारतीय सेना के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं व्यक्तिगत तौर पर जिन भी सैनिकों से संपर्क में आया, उनसे…
View More खिलाड़ी देश के प्रतिनिधि हैं, किसी जाति, धर्म या प्रदेश के नहींसम्यक कर्म : सही क्या, गलत क्या, इसका निर्णय कैसे हो?
मेरे मित्र के बॉस नेत्रहीन हैं। उनका मानना है कि उनके द्वारा किए गए सभी कार्य सही ही हैं। चाहे वे कार्य दूसरों की नज़र में ग़लत या…
View More सम्यक कर्म : सही क्या, गलत क्या, इसका निर्णय कैसे हो?अपने बच्चों से हमें बाज की परवाज़ सी उम्मीद कब करनी चाहिए?
बड़ी मौज़ूँ है ये कहानी। अभी जब जापान की राजधानी में टोक्यो में ओलम्पिक खेल चल रहे हैं, तब ख़ास तौर पर। बाज या शाहीन, जिसे…
View More अपने बच्चों से हमें बाज की परवाज़ सी उम्मीद कब करनी चाहिए?सम्यक वचन : वाणी के व्यवहार से हर व्यक्ति के स्तर का पता चलता है
“ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरन को शीतल करे आपहुँ शीतल होए।” यह दोहा हम बचपन से सुनते-पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन इसे अपनाते-अपनाते…
View More सम्यक वचन : वाणी के व्यवहार से हर व्यक्ति के स्तर का पता चलता हैदो शहर, दो बरस, दो पुस्तक पंक्तियाँ, एक कवि और एक ही तारीख
आज फेसबुक की याद गली से गुज़रा तो यादें मिलीं। उसने कमाल की चीज़ याद दिलाई। दो साल के अंतराल की। एक 2018 और दूसरी 2020 की।…
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