टीम डायरी, 13/9/2020
आज देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त परीक्षा (नीट-2020) आयोजित की जा रही है। इस परीक्षा में लगभग 15 लाख विद्यार्थी बैठ रहे हैं। इसके एक दिन पहले ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) यानि आईआईटी-जेईई (मेन्स) का नतीजा आया है। इसमें 24 परीक्षार्थियों की सफलता की चर्चा तो उनके अंकों की वज़ह से पूरे देश में हो रही है। इसके बावज़ूद तमाम ऐसे विद्यार्थी हैं, जो तनाव में हैं। इस तनाव की वज़ह परीक्षा और उसमें सफलता-असफलता का दबाव तो है ही। कोरोना महामारी के संक्रमण ने भी इस दबाव और तनाव को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। आलम ये है कि नीट के आयोजन से पहले ही तमिलनाडु के चार विद्यार्थी तो आत्महत्या तक कर चुके हैं।
इस हाल में विद्यार्थियों का मनोबल बनाए रखने के लिए, उसे बढ़ाने के उद्देश्य से जाे भी प्रयास बन पड़ें, अपेक्षित हैं। इन्हीं प्रयासों की एक कड़ी जाने-माने लेखक चेतन भगत का एक पुराना वीडियो भी है। यह सम्भवत: नवम्बर-2018 में पहली बार यू-ट्यूब पर आया था। ‘थिंक डिफरेन्ट’ नाम का एक यू-ट्यूब चैनल है, उसमें ऐसी जानकारी दर्ज़ है। ऐसे सम्वेदनशील मसलों पर अपने ‘सरोकार’ के चलते #अपनीडिजिटलडायरी के पाठकों के लिए यह वीडियो उसी चैनल से लिया गया है, साभार। वीडियो चेतन भगत के एक व्याख्यान का है। इसमें वे तीन बातों पर ख़ास गौर कर रहे हैं। पहली- सफलता का मतलब सिर्फ़ नीट, आईआईटी-जेईई जैसी परीक्षाओं में सफलता मात्र नहीं होता। हम कुछ भी जब बड़ा करने जाते हैं और उसे कर पाते हैं तो उसे हमारी सफलता के तौर पर मान्यता मिलती है। दूसरी बात- इस तरह की कोई भी बड़ी सफलता पाने के लिए मोटिवेशन यानि प्रोत्साहन सबसे पहले और सर्वाधिक हमारे अपने भीतर से पैदा होता है, होना चाहिए। और तीसरी ये कि कामचलाऊ ‘धक्कामार मोटिवेशन’ इस तरह का कोई भी बड़ा काम कभी होता नहीं है।
बाकी पूरी व्याख्या वीडियो में है ही। इसे सुना जा सकता है। समझा जा सकता है। सीखा जा सकता है। क्योंकि यह सिर्फ़ नीट और आईआईटी-जेईई वालों के लिए नहीं है! हम सबके लिए है।
पहलगाम में जब 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, तब मेरी माँ और बहन वहीं… Read More
एक ‘आवारा’ ख़त, छूट गई या छोड़ गई प्रियतमा के नाम! सुनो सखी मैं इतने… Read More
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला तो करा दिया, लेकिन उसे शायद ऐसी… Read More
महात्मा गाँधी कहा करते थे, “पत्र लिखना भी एक कला है। मुझे पत्र लिखना है,… Read More
पहलगाम की खूबसूरत वादियों के नजारे देखने आए यात्रियों पर नृशंसता से गोलीबारी कर कत्लेआम… Read More
प्रिय दादा मेरे भाई तुम्हें घर छोड़कर गए लगभग तीन दशक गुजर गए हैं, लेकिन… Read More