टीम डायरी ; 12/9/2020
चीन ने अपने यहाँ बंधक बनाए गए पाँच भारतीयों को रिहा कर दिया है। ये सभी अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर बसे एक गाँव से बीते एक सितम्बर से लापता थे। बाद में पता चला कि ये चीन के इलाके में चले गए हैं। वहाँ इन्हें भारतीय जासूस होने के सन्देह में पकड़ लिया गया था। हालाँकि बाद में राजनयिक स्तर पर चली बातचीत के बाद इन सभी को रिहा करने पर सहमति बन गई। एनडीटीवी के मुताबिक भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर पाँचों भारतीय नागरिकों को रिहा किए जाने की पुष्टि की है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने भी ट्वीट करके इनकी रिहाई पर खुशी जताई है।
पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल के पुत्र युवा संगीतकार आदित्य का निधन
हिन्दी फिल्म उद्योग के युवा संगीतकार आदित्य पौडवाल का शनिवार, 12 सितम्बर को निधन हो गया। वे महज 35 वर्ष के थे। उनकी किडनियाँ खराब हो गईं थीं। उनके निधन का कारण भी यही बताया गया है। आदित्य जानी-मानी पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल के पुत्र थे। आदित्य पौडवाल के निधन की वरिष्ठ फिल्म संगीतकार शंकर महादेवन ने भी पुष्टि की है।
बहरीन और इज़रायल के बीच शान्ति समझौते की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को घोषणा की कि इज़रायल के साथ बहरीन भी शान्ति समझौते के लिए तैयार हो गया है। महज़ एक महीने के भीतर बहरीन दूसरा अरब देश है, जिसने इज़रायल से अपने सम्बन्ध सामान्य बनाने की तरफ़ कदम बढ़ाए हैं। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात भी इज़रायल से दोस्ताना सम्बन्ध स्थापित करने पर राजी हुआ था। जबकि इससे पहले तक सभी अरब देश इज़रायल का बहिष्कार करते रहे हैं। इस दलील पर कि जब तक फिलिस्तीन पर इज़रायल अपना दावा नहीं छोड़ता, वह मसला हल नहीं हो जाता, वे उससे दूर रहेंगे। लेकिन ख़बरों के मुताबिक ट्रम्प और उनके दामाद जेर्ड कुशनेर की मध्यस्थता के बाद स्थितियाँ बदली हैं। बहरीन के साथ शान्ति समझौते पर इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने भी खुशी जताई है।
चीन का उपग्रह प्रक्षेपण असफल
चीन ने शनिवार को एक सुदूर-सम्वेदी उपग्रह (रिमोट सेन्सिंग सैटेलाइट) का प्रक्षेपण किया था। लेकिन यह असफल हो गया है। समाचारों के अनुसार जिलिन-1 गाओफेन 02सी उपग्रह अपनी निर्धारित कक्षा में नहीं पहुँच सका। यह प्रक्षेपण असफल क्यों हुआ, इसकी जाँच की जा रही है।
अमेरिका ने मालदीव के साथ रक्षा-सहयोग समझौता किया
अमेरिका ने मालदीव के साथ रक्षा-सहयोग समझौते की घोषणा की है। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ और चुनौती के मद़देनज़र यह समझौता काफ़ी अहम बताया जा रहा है। इससे क्षेत्र में अमेरिका को रणनीतिक बढ़त मिलने की सम्भावना है। वह मालदीव के भू-भाग का अपनी सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर सकेगा। बदले में मालदीव भी अमेरिका से सैन्य सहयोग हासिल कर सकेगा।
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