‘सरकार’ हिन्दी के लिए ऐसे कैसे जगेगा स्वाभिमान, जब आप ही…!

टीम डायरी

नीचे दी गईं ये तस्वीरें केन्द्र सरकार के ‘नागर विमानन मंत्रालय’ से ताल्लुक रखती हैं। उसकी ओर से सोशल मीडिया पर नियमित रूप से साझा की जाने वाली सूचनाओं के बेहद अहम हिस्से हैं ये। इनमें से पहली में मंत्रालय ने गर्व के साथ घोषणा की है, ‘स्वाभिमान का भाव जगाएँ, हिंदी को प्रयोग में लाएँ’। अव्वल तो यहीं पर हिंदी को ग़लत तरीक़े से लिखा गया है। सही तब होता, जब आधे ‘न्’ के साथ ‘हिन्दी’ लिखा जाता। 

फिर आगे लिखा है, ‘अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादित कुछ शब्द’। जबकि Translated के लिए ‘अनुवादित’ के बजाय ‘अनूदित’ लिखना सही रहता है। फिर पाँच शब्दों की सूची के पाँचवें वाले में Effective Loading के लिए लिखा है, ‘प्रभावी भरण’। वास्तव में इसका सही अनुवाद है ‘प्रभावी भारण’ या ‘प्रभावी लदान’। ‘भरण’ तो भरण-पोषण के अर्थ में प्रयोग होता है, लोडिंग या मालढुलाई के लिए नहीं। 

इसी तरह, दूसरी सूचना में हिन्दी के पहले ही वाक्य पर ग़ौर कीजिए। “संसदीय राजभाषा समिति ने कल उपमहानिदेशक नागर विमानन महानिदेशालय का कार्यालय, कोलकाता के साथ निरीक्षण बैठक की।

यह वाक्य हिन्दी की सामान्य समझ भी रखने वाले किसी व्यक्ति के गले उतरता हो तो कृपया अपनी टिप्पणी कर के ज़रूर बताएँ। इसका सही वाक्य होता, “संसदीय राजभाषा समिति ने कल उपमहानिदेशक कार्यालय, नागर विमानन महानिदेशालय, कोलकाता के साथ निरीक्षण बैठक की।” हालाँकि सम्भवत: यह समीक्षा बैठक होगी, न कि निरीक्षण बैठक

ऐसे में इसे दो वाक्यों में और सरल तरीक़े से लिखा जा सकता था, “संसदीय राजभाषा समिति ने कल कोलकाता में निरीक्षण बैठक (या समीक्षा बैठक) की। इसमें उपमहानिदेशक कार्यालय, नागर विमानन महानिदेशालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।”  

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ये तस्वीर दिल्ली से डायरी के कुछ सजग पाठकों भेजी हैं। #अपनीडिजिटलडायरी उनकी आभारी है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिख भेजिए।
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पिछली कड़ियों पर भी ग़ौर कीजिए

1- आज विश्व हिन्दी दिवस है… और ये विश्व ‘विधालय’ अनुदान आयोग है!

 

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