टीम डायरी ; 19/8/2020
शीटी बजाना आम तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। अक्सर बड़े-बुज़ुर्ग ऐसा करने से छोटों को रोकते हैं। कई बार शीटी के चक्कर में पिटने-पीटने की नौबत भी आ जाती है। लेकिन ऐसी आम धारणा को इस वीडियो में प्रदर्शित रचनात्मकता पूरी तरह छिन्न-भिन्न करती है।
यह वीडियो ‘इंडियन व्हिशलर्स एसोसिएशन’ के यू-ट्यूब चैनल से लिया गया है। ये संगठन उन लोगों का है, जिन्होंने शीटी बजा-बजाकर सुर-संगीत को साध लिया है। वह भी इस स्तर पर कि देखने-सुनने वाले के मुँह से ‘वाह’ निकल उठे। इतना कि दूरदर्शन जैसे राष्ट्रीय चैनल पर भी इनकी शीटियों से निकली रचना का प्रदर्शन किया जाने लगे।
इस संगठन के 50 कलाकारों ने अपने ज़माने की मशहूर रचना ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ का शीटियों से पुनर्निर्माण किया है। ये कलाकार 18 शहरों और 17 अलग बिरादरियों से ताल्लुक रखते हैं। ऐसी जानकारी संगठन के यू-ट्यूब चैनल पर ही नीचे दी गई है।
इस पुनर्निर्मित रचना का स्तर तो ख़ास काबिल-ए-गौर है। इसे किसी भी सूरत में उस मूल रचना से कम नहीं कहा जा सकता जो 1988 में आई थी। जिसमें पंडित भीमसेन जोशी, लता मंगेशकर जैसे संगीत और सिनेमा के तमाम दिग्गजों ने आवाज़ दी थी।
इसीलिए दूरदर्शन के चैनलों पर इन दिनों ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ का यह नया संस्करण प्रमुखता से प्रदर्शित हो रहा है। यह रचना छह महीने पहले 71वें गणतंत्र दिवस पर तैयार हुई थी। उसी समय पर शीटी बजाने वालों के इस संगठन ने भी स्थापना के 15 साल पूरे किए थे।
लिहाज़ा यह एक ‘रोचक-सोचक’ सा प्रश्न भी उठता है कि अगर रचना ऐसी अद्भुत हो तो क्या शीटी बजाना तब भी बुरा समझा जाएगा? ज़वाब यकीनन ‘नहीं’ ही होना चाहिए।
मानव एक समग्र घटक है। विकास क्रम में हम आज जिस पायदान पर हैं, उसमें… Read More
देश की राजनीति में इन दिनों काफ़ी-कुछ दिलचस्प चल रहा है। जागरूक नागरिकों के लिए… Read More
विश्व-व्यवस्था एक अमूर्त संकल्पना है और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रम ठोस जमीनी वास्तविकता… Read More
अपनी जड़ों से कटा समाज असंगत और अविकसित होता है। भारतीय समाज इसी तरह का… Read More
अभी गुरुवार, 6 मार्च को जाने-माने अभिनेता पंकज कपूर भोपाल आए। यहाँ शुक्रवार, 7 मार्च… Read More
कला, साहित्य, संगीत, आदि के क्षेत्र में सक्रिय लोगों को समाज में सम्मान की निग़ाह… Read More