तुलसी के रामचरितमानस की सामान्यजन और अभिजन दोनों में अपूर्व लोकप्रियता का रहस्य सम्भवत: लोक-जीवन, लोक-मन और लोक-संवेदना में तुलसी की गहरी पैठ है। उन्होंने…
View More तुलसी पर ब्राह्मणवादी होने का आरोप क्यों निराधार है?Author: Neelesh Dwivedi
हिन्दुस्तान में अंग्रेजी अनिवार्य है क्या?
बड़ा मौज़ूँ सा सवाल है। अक्सर ज़ेहन में आया करता है कि हिन्दुस्तान में अंग्रेजी अनिवार्य है क्या? ये नाहक ही नहीं आया है। दरअस्ल,…
View More हिन्दुस्तान में अंग्रेजी अनिवार्य है क्या?क्या तुलसी ने वर्णाश्रम की पुन:प्रतिष्ठा के लिए षड्यंत्र किया?
सन्दर्भ : मुक्तिबोध का आलेख—‘मध्ययुगीन भक्ति-आन्दोलन का एक पहलू’ (जन विकल्प, सितम्बर-2007) अन्धभक्ति किसी के प्रति हो, त्याज्य है। मुक्तिबोध जैसों ने स्वयं अन्धभक्ति का…
View More क्या तुलसी ने वर्णाश्रम की पुन:प्रतिष्ठा के लिए षड्यंत्र किया?प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने की शिक्षा!
ज़बर्दस्त विरोधाभास है। भारत सरकार ‘स्वच्छतापखवाड़ा’ मना रही है। इस दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें #SayNoToPlastic जैसी हिदायतें दी जा रही हैं। हर साल…
View More प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने की शिक्षा!ओशो की पुण्यतिथि और जीवन-मृत्यु के बारे में उनकी बात, सुनिएगा
आज, 19 जनवरी को ‘ओशो’ यानि आचार्य रजनीश की पुण्यतिथि हो गई। साल 1990 में इसी तारीख़ को उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में अपनी देह…
View More ओशो की पुण्यतिथि और जीवन-मृत्यु के बारे में उनकी बात, सुनिएगामृच्छकटिकम्-अंतिम भाग : दासता ऐसी बुरी होती है कि सत्य कहने पर भी कोई भरोसा नहीं करता
चारुदत्त चांडालों द्वारा वध हेतु ले जाया जाता है। वह अपनी मृत्यु की सम्भावना से दुखी नहीं है। अपितु कलंकित होकर मृत्यु का ग्रास बन…
View More मृच्छकटिकम्-अंतिम भाग : दासता ऐसी बुरी होती है कि सत्य कहने पर भी कोई भरोसा नहीं करताअग्नि परीक्षा प्रसंग : किस तरह तुलसी ने सीता जी को ‘वाल्मीकीय सीता’ की त्रासदी मुक्त किया!
भिन्न-भिन्न काल में, भिन्न-भिन्न वैचारिक समूहों का प्रतिनिधित्त्व करनेवाली कई रामायणें लिखी गईं। किन्तु देश की मुख्य धारा में वाल्मीकीय रामायण को इतनी प्रतिष्ठा मिली…
View More अग्नि परीक्षा प्रसंग : किस तरह तुलसी ने सीता जी को ‘वाल्मीकीय सीता’ की त्रासदी मुक्त किया!अपने खोल से बाहर निकलिए, पटियों पर पाँव धरिए, दोस्तों से गपियाइए, खुशी के कई पायदान ऊपर चढ़ जाएँगे
नए साल की शुरुआत से ही बीते साल (2022) की एक रिपोर्ट कई जगहों पर सुर्ख़ियों में है। रिपोर्ट में ख़ुशियों के पैमाने पर दुनिया…
View More अपने खोल से बाहर निकलिए, पटियों पर पाँव धरिए, दोस्तों से गपियाइए, खुशी के कई पायदान ऊपर चढ़ जाएँगे‘राम इक दिन चंग उड़ाई’…..बालकांड तो क्या, पूरे रामचरित मानस में ये चौपाई है कहाँ?
आज मकर संक्रान्ति हो गई। देश के कई इलाक़ों में इस रोज़ पतंग उड़ाए जाने की परम्परा है। उसका भी पालन हुआ। इसके साथ ही…
View More ‘राम इक दिन चंग उड़ाई’…..बालकांड तो क्या, पूरे रामचरित मानस में ये चौपाई है कहाँ?अधूरी सीख : सदियों में कभी पहाड़ सुबकते हैं, तो संभलते नहीं….
खुद हुए आबाद और शोहरत के लिए हमने पहाड़ बर्बाद कर दिए, बहुत रश्क और भरोसा था नोटों के चंद टुकडों पर, हमने कच्ची जमीं…
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