आम तौर पर लोग परम्पराओं में आधुनिकता का घाल-मेल किया करते हैं। लेकिन भोपाल की भरतनाट्यम-प्रशिक्षु वैष्णवी द्विवेदी ने स्व-प्रेरणा से ही आधुनिक कंपोजीशन ‘स्वल्ला’ में…
View More नृत्य की आधुनिकता में परम्परा का मेल!Author: Neelesh Dwivedi
मृच्छकटिकम्-11 : गुणवान निर्धन गुणहीन अमीर से ज्यादा बेहतर होता है
ये आभूषण चारुदत्त के घर से चुराए गए हैं, ऐसा पता चलते ही वसंतसेना और मदनिका बेहोश हो जाती हैं। शर्विलक मदनिका को सचेत करने…
View More मृच्छकटिकम्-11 : गुणवान निर्धन गुणहीन अमीर से ज्यादा बेहतर होता हैमृच्छकटिकम्-10 : मनुष्य अपने दोषों के कारण ही शंकित है
‘वसंतसेना’ की माता वसंतसेना को बुलाने का सन्देश भिजवाती हैं। वसंतसेना इधर ‘चारुदत्त’ द्वारा बनाई पेंटिंग की सराहना करती हुई ‘मदनिका’ से पूछती पूछती है…
View More मृच्छकटिकम्-10 : मनुष्य अपने दोषों के कारण ही शंकित हैमृच्छकटिकम्-9 : पति की धन से सहायता करने वाली स्त्री, पुरुष-तुल्य हो जाती है
सोए हुए ‘मैत्रेय’ द्वारा कसम देने से ‘शर्विलक’ आभूषणों की पेटी ले लेता है। तभी वहाँ ‘रदनिका’ के आने की आहट सुनाई देती है। इससे…
View More मृच्छकटिकम्-9 : पति की धन से सहायता करने वाली स्त्री, पुरुष-तुल्य हो जाती हैऋषि सुनक जब ख़ुद को भारतवंशी कहते हैं, तो उन्हें पाकिस्तानी बताने की होड़ क्यों?
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के परिवार की जड़ें कहाँ हैं? ख़ुद ऋषि सुनक की मानें तो वे ‘भारतवंशी’ हैं। उन्हें उनके ‘भारतवंशी’ होने…
View More ऋषि सुनक जब ख़ुद को भारतवंशी कहते हैं, तो उन्हें पाकिस्तानी बताने की होड़ क्यों?मृच्छकटिकम्-8 : चोरी वीरता नहीं…
‘वसंतसेना’ से ‘कर्णपूरक’ फिर कहता है, “आप इस दुपट्टे को ओढ़कर बहुत अच्छी लग रही हैं।” लेकिन इस बात पर ध्यान दिए बगैर ‘वसंतसेना’ पूछती…
View More मृच्छकटिकम्-8 : चोरी वीरता नहीं…परोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!
एक ख़ूबसूरत कविता। एक उतनी ही सुकून भरी आवाज़। इन दो कलाकारों में लिखने वाले एक हैं, आशीष मोहन ठाकुर। ये मध्य प्रदेश पुलिस में…
View More परोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!ख़ुदकुशी के ज्यादातर मामलों में लोग मरना नहीं चाहते… वे बस चाहते हैं कि उनका दर्द मर जाए
अभी 10 सितम्बर को ‘वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे’ था। यानी ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’। ऐसे मौकों पर अक्सर चर्चा आत्महत्या के बारे में ही होती…
View More ख़ुदकुशी के ज्यादातर मामलों में लोग मरना नहीं चाहते… वे बस चाहते हैं कि उनका दर्द मर जाएमृच्छकटिकम्-1 : बताओ मित्र, मरण और निर्धनता में तुम्हें क्या अच्छा लगेगा?
‘शिव, कल्याण करने वाले शिव। शिव, पूर्ण शिव। समाधिस्त शिव, जो समस्त चेतना के कारक हैं, जो समस्त विश्व का केन्द्र हैं, जो परमब्रह्म हैं,…
View More मृच्छकटिकम्-1 : बताओ मित्र, मरण और निर्धनता में तुम्हें क्या अच्छा लगेगा?ऋषि पंचमी और #अपनीडिजिटलडायरी का दूसरा वर्ष : लम्बा है सफ़र इसमें कहीं…
दूसरा वर्ष। #अपनीडिजिटलडायरी की दूसरी वर्षगाँठ। साल 2020 में हिन्दी महीने की यही तिथि थी, ऋषि पंचमी की, जब #अपनीडिजिटलडायरी को एक व्यवस्थित रूप दिया…
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