अदालत का फैसला हो चुका है। सरकारों की चाल-ढाल भी देख ली गई है। कमियों, खामियों, अनदेखियों और मनमानियों का यह पिटारा अनंत है। हो…
View More बाहर कोई और आया, यह बताने कि बच्चे के अब्बा अस्पताल में हैं…Author: Neelesh Dwivedi
माँगिए तो कृष्ण को ही माँग लीजिए, सब कुछ जीत लेंगे
बड़ा सरल है ‘चोर’ कहना। कहें भी क्यों न, आखिर ‘चोर’ कहने से कुछ-कुछ अपना सा लगता है। किसी को अपने जैसा पाते हैं तो…
View More माँगिए तो कृष्ण को ही माँग लीजिए, सब कुछ जीत लेंगेयह हमारी सरकारों की अंतहीन आपराधिक अनदेखी है
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षड़ंगी। भोपाल के फोटोग्राफरों को उनकी पीठ पर पड़े डंडों का नजारा याद है। पीड़ितों की आवाज…
View More यह हमारी सरकारों की अंतहीन आपराधिक अनदेखी हैजन्माष्टमी, रक्षाबन्धन जैसे त्योहारों में अक्सर मुहूर्त-भेद क्यों होता है?
अभी पाँच दिन पहले रक्षाबन्धन निकला है। इसमें दुविधा की स्थिति बनी कि वह 11 अगस्त को है या 12 को। इसी तरह आने वाली…
View More जन्माष्टमी, रक्षाबन्धन जैसे त्योहारों में अक्सर मुहूर्त-भेद क्यों होता है?जन गण मन…‘अधिनायक’ की जगह ‘जननायक’ क्यों नहीं?
हिन्दुस्तान ने आज अपना 76वाँ स्वतंत्रता दिवस मना लिया। बीते 75 सालों में इस देश में बहुत कुछ बदला है। मसलन- पहले हम जब छोटे…
View More जन गण मन…‘अधिनायक’ की जगह ‘जननायक’ क्यों नहीं?राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे, पर यहीं रहे, देखिए कैसे!
हिन्दुस्तान के सबसे बड़े निवेशकों में गिने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे। रविवार, 14 अगस्त को अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन…
View More राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे, पर यहीं रहे, देखिए कैसे!शिक्षा, आगे चलकर मेरे जीवन में किस तरह काम आने वाली है?
जो शिक्षा में हासिल कर रहा हूँ, वह आगे चलकर मेरे जीवन में किस तरह काम आने वाली है? अभी हाल ही में जब मैं…
View More शिक्षा, आगे चलकर मेरे जीवन में किस तरह काम आने वाली है?सिर्फ तीन शख्सियतों ने गैस पीड़ितों के प्रति मानवीय संवेदनशीलता दिखाई
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक हैं अब्दुल जब्बार (उनका नवंबर 2019 में देहांत हो चुका है)। देश-दुनिया में एक जाना माना नाम।…
View More सिर्फ तीन शख्सियतों ने गैस पीड़ितों के प्रति मानवीय संवेदनशीलता दिखाईनज़रिया, जो हमें सफल-असफल, उपयोगी-अनुपयोगी बनाता है
बहुत समय पहले की बात है। किसी गाँव में एक किसान रहता था। वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया…
View More नज़रिया, जो हमें सफल-असफल, उपयोगी-अनुपयोगी बनाता हैसरकार स्वर्णिम मध्यप्रदेश का नारा दे रही है, मुझे हंसी आती है
गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव की कहानी भी दिलचस्प है। जिंदगी किस मोड़ से लाकर कहां छोड़ जाए कौन जानता…
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