जो सहज और सरल है वही यह जंग भी जीत पाएगा

जब 1982 में तिरुपति बालाजी चढ़े थे, तो पैदल ही चढ़ना होता था। वहाँ बहुत लोगों को कबीट ( कैथा ) के माफिक सर मुँडवाते देखा।…

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बुद्ध बताते हैं, दु:ख से छुटकारा पाने का सही मार्ग क्या है

एक दिन बुद्ध प्रवचन देने के लिए अपने शिष्यों की सभा में पहुँचे। सभी शिष्य यह देख आश्चर्यचकित रह गए कि बुद्ध अपने साथ एक…

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विस्मृति बड़ी नेमत है और एक दिन मैं भी भुला ही दिया जाऊँगा!

कल एक बहुत प्रिय मित्र को एकान्तवास में भेज दिया गया। उनका बेटा भी संग में, इस काल में ग्रसित हो गया। कल ही एक…

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बुद्ध त्याग का तीसरे आर्य-सत्य के रूप में परिचय क्यों कराते हैं?

बुद्ध होने के लिए इच्छाओं को त्यागना पड़ता है। यह त्याग अत्यधिक कठिन है। इस त्याग को, इस निरोध को मोक्ष का मार्ग भी कहा गया है। “क्षणिकाः…

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बता नीलकंठ, इस गरल विष का रहस्य क्या है?

रास्ते थे, सड़के थीं, नदियाँ, पहाड़, हवाई किलों से गुजरने वाले पथ और चलने वाले असंख्य पाथेय, जो अपनी-अपनी छाप देकर वहाँ चले गए हैं,…

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प्रश्न है, सदियाँ बीत जाने के बाद भी बुद्ध एक ही क्यों हुए भला?

त्यागना। इसे सामान्य भाषा में हमेशा के लिए किसी चीज को छोड़ देना कह देते हैं। जैसे दान देना भी त्याग है। वैसे, अक्सर हम धन त्यागने…

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योग क्या है, कभी सोचकर देखा क्या हमने?

बीते छह सालों की तरह इस सातवें साल भी 21 जून को दुनियाभर में ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन हुए। ख़ूब तस्वीरें दिखीं। तरह-तरह के आसन,…

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दूर कहीं पदचाप सुनाई देते हैं…‘वा घर सबसे न्यारा’ ..

शोर में बहुधा एकांत छिन जाने का खतरा रहता है। पर कुछ शोर मन को बहुत भाते हैं। मसलन- चिड़ियों की चहचहाट, टिटहरी की चीख, मुंडेर पर…

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धर्म-पालन की तृष्णा भी कैसे दु:ख का कारण बन सकती है?

भगवान बुद्ध दुःख के कार्य-कारण बताते हैं। इसमें दुःख समुदाय, यह दूसरा आर्यसत्य है। दुःख है तो दुःख के कारण भी होते ही हैं। इन कारणों को…

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बाबू , तुम्हारा खून बहुत अलग है, इंसानों का खून नहीं है…

देवास के जवाहर चौक में एक ही बड़ी सी दुकान थी झँवर सुपारी सेंटर। मंगरोली सुपारी वहीं मिलती थी, जिसे काटो तो नारियल जैसी लगती थी। घर में एक…

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