सुनिएगा, एक अच्छी रचना…: कैसे करूँ शिक़वा या गुज़ारिश तुमसे

समीर शिवाजीराव पाटिल, भोपाल, मध्य प्रदेश

जब मैंने तुमसे सिर्फ तुम्हारा समर्पण माँगा,
सच कहूं तो केवल अपना सुख ही चाहा था।
जो मैं सच्चा रिझवार हो जाता प्रियवर,
अगन में तुम्हारी जलकर फ़ना न हो जाता।।

तेरे सिवा मेरे लिए किसी और का होना,
बिन तेरे भी रात-दिन, मौसमों का बदलना।
सब करते इशारा कि क़ाबिल नहीं मैं तुम्हारे,
पर कहो, मैंने कब ऐसा दावा किया था।।

अपनी बेग़ैरती का खुद शिकार हूँ मैं।
कैसे करूँ शिक़वा या गुज़ारिश तुमसे।। 

——– 
(नोट : #अपनीडिजिटलडायरी के शुरुआती और सुधी-सदस्यों में से एक हैं समीर। भोपाल, मध्य प्रदेश में नौकरी करते हैं। उज्जैन के रहने वाले हैं। पढ़ने, लिखने में स्वाभाविक रुचि रखते हैं। वैचारिक लेखों के साथ कभी-कभी उतनी ही विचारशील कविताएँ, व्यंग्य आदि भी लिखते हैं। डायरी के पन्नों पर लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराया करते हैं।)

सोशल मीडिया पर शेयर करें
From Visitor

Recent Posts

समाचार चैनलों को सर्कस-नौटंकी का मंच बनाएँगे तो दर्शक दूर होंगे ही!

आज रविवार, 18 मई के एक प्रमुख अख़बार में ‘रोचक-सोचक’ सा समाचार प्रकाशित हुआ। इसमें… Read More

12 hours ago

गाँव की दूसरी चिठ्ठी : रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ…!!

मेरे प्यारे बाशिन्दे, मैं तुम्हें यह पत्र लिखते हुए थोड़ा सा भी खुश नहीं हो… Read More

3 days ago

ट्रम्प की दोस्ती का अनुभव क्या मोदीजी को नई सोच की ओर प्रेरित करेगा?

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चलाए गए भारत के ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हो… Read More

4 days ago

ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता, इस बात में कितनी सच्चाई है?

अगर आप ईमानदार हैं, तो आप कुछ बेच नहीं सकते। क़रीब 20 साल पहले जब मैं… Read More

5 days ago

जो हम हैं, वही बने रहें, उसे ही पसन्द करने लगें… दुनिया के फ़रेब से ख़ुद बाहर आ जाएँगे!

कल रात मोबाइल स्क्रॉल करते हुए मुझे Garden Spells का एक वाक्यांश मिला, you are… Read More

6 days ago

‘एशेज़ क्रिकेट श्रृंखला’ और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की कहानियाँ बड़े दिलचस्प तौर से जुड़ी हैं!

यह 1970 के दशक की बात है। इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई… Read More

7 days ago