होली मतलब रंग। रंग है तो रंगने वाला होगा ही। फिर अगर कोई आए और सीधे रंगकर चला जाए तो भला होली कैसी? बिना चुहल…
View More निर्गुण की होरी : गगन मंडल अरूझाई, नित फाग मची है…Category: चुनिन्दा पन्ने
शिवाजी महाराज : कमजोर को कोई नहीं पूछता, सो उठो! शक्ति की उपासना करो
पुरन्दर गढ़ के किलेदार नीलकण्ठराव सरनाईक का देहान्त हुआ (सन् 1654 का तीसरा हफ्ता)। पाँच महीने बाद शिवाजी ने पुरन्दर पर कब्जा कर लिया। नेताजी…
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शहाजी राजे को छल से कैद किया गया। चोर-डाकुओं की तरह बेड़ियाँ डालकर बीजापुर भेजा गया। लिवा ले जाने का काम अफजल खान के हिस्से…
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होलिका दहन को अभी चार दिन शेष थे। किन्तु फागुन की फागुआहट ने सबको सराबोर कर लिया था। काशी तो कुछ ज्यादा ही उत्सवी लहक…
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दुख बहुत आहिस्ते से आता है और लम्बे समय तक जीवन की झोली में पड़ाव डालता है। अपना दायरा बड़ा करता है। और एक दिन…
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आज बहुत दिन बाद फ़ेसबुक पर जाना हुआ। स्क्रॉल करना शुरू किया। ज़्यादातर पोस्ट तस्वीरों की। अपनी तस्वीरें। चूँकि जिस अकाउंट से फ़ेसबुक खोला था,…
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शिवाजी राजे शुक्ल पक्ष की चन्द्रलेखा की तरह बढ़ रहे थे। रामायण, महाभारत, शास्त्र-पुराण वह एकतानता से सुन रहे थे। महारुद्र हनुमानजी की शक्ति और…
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सह्याद्रि के माथे और तलहटी में फैला मावल का आँचल उफनते नदी-नालों तथा तुकाराम महाराज की तेजस्वी अभंगवाणी से सिंचित था। गुलामी एवं गँवारपन के…
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क्या इंसान का वजूद महज़ एक पुतले जितना है? जो दुनिया के बनाए कानून और रस्मों का आँखें बन्द कर पालन करे, बस? आखिर क्यों…
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लखुजी और शहाजी (श्वसुर-दामाद) में सदा के लिए मनमुटाव हो गया। वे एक-दूसरे के बैरी हो गए। लेकिन शहाजी राजे और जिजाऊ साहब में पहले…
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