डोनाल्ड ट्रम्प का कोरोना संक्रमित होना बताता है कि इस विषाणु से मज़ाक किसी के लिए भी भारी पड़ सकता है?

टीम डायरी, 2/10/2020

अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया के बारे में सूचना आई है कि दोनों कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन (White House) की ओर से इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि भी की गई है। उनके निजी चिकित्सक डॉक्टर सीन कॉनली की ओर से बताया गया है कि फिलहाल दोनों में कोरोना के शुरुआती और हल्के लक्षण हैं। वे अगले कुछ दिनों तक राष्ट्रपति भवन में ही रहेंगे। उनके स्वास्थ्य पर नज़दीकी निगाह रखी जा रही है। 

यह सूचना कई कारणों से विशेष है। इन कारणों को समझने के लिए किसी शोध की जरूरत नहीं है, न ही दिमाग पर जोर डालने की। बस, ये याद करना है कि डोनाल्ड ट्रम्प किस तरह बार-बार कोरोना संक्रमण को लेकर गैरजिम्मेदारी भरा रवैया अपनाए हुए थे। लापरवाही भरे, मजाक उड़ाने वाले बयान दे रहे थे। वे स्वास्थ्य विभाग के तमाम निर्देशों के बावज़ूद मुँह पर मास्क लगाने से काफी समय तक इंकार करते रहे। इतना ही नहीं, मास्क लगाने वालों का मज़ाक उड़ाते रहे। उनके निशाने पर रहने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी जो बाइडन भी शामिल हैं। फिर बमुश्किल जब ट्रम्प ने ख़ुद मास्क लगाया भी तो अपने पर ही हास्यास्पद टिप्पणी कर दी कि वे “लोन रेंजर की तरह दिख रहे हैं”। यहाँ तक कि उन्होंने अमेरिका में कोरोना संक्रमण की गम्भीरता को भी स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उन्होंने पिछले सप्ताह ही कहा कि अमेरिका में सिर्फ “दो लाख लोग ही कोरोना से सही मायने में पीड़ित हुए हैं। यह आँकड़ा न के बराबर है।” जबकि सच ये है कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण दुनियाभर में सबसे ज्यादा गम्भीर है। वहाँ दो लाख से ज्यादा लोग तो इस बीमारी से जान गँवा चुके हैं। संक्रमित होने वालों की संख्या 73 लाख से अधिक है। स्वाभाविक था कि इस लापरवाही भरे रवैये का खमियाजा होना था। जो हुआ क्योंकि कोरोना विषाणु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री या आम-आदमी में फर्क नहीं देखता। वह देखता है तो सिर्फ़ लापरवाही, असावधानी।

लापरवाह, असावधान रवैया देखते ही कोरोना किसी पर भी हमला करने से नहीं चूकता। फिर वह दुनिया के सबसे सख्त शारीरिक और स्वास्थ्य सुरक्षा घेरे में रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ही क्यों न हों। ट्रम्प और उनकी पत्नी के संक्रमण की सूचना यही सबक दे रही है। ख़ास तौर पर उन तमाम आम और ख़ास लोगों को, जाे अब भी इस संक्रमण को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं। जो सुरक्षा के सर्वश्रेष्ठ मौजूदा उपाय- मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। जो आपस में एक-दूसरे से दो गज की दूरी नहीं बरत रहे हैं। जो सावधानियाँ बरतने वालों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। ऐसे तमाम लोगों को ये सूचना सावधान करती है। इससे वे सावधान हो जाएँ तो ठीक नहीं तो कोरोना का अगला शिकार ऐसे लोगों में से कोई भी हो सकता है। कभी भी। यह सूचना और सबक हमारे लिए ‘रोचक-सोचक’ भी है। ‘रोचक’ ट्रम्प के रवैये और ‘सोचक’ उस रवैये के हश्र के लिहाज़ से।

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