टीम डायरी, 7/10/2020
नोबेल पुरस्कारों के इतिहास में बुधवार,सात अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक रहा। रसायन शास्त्र से सम्बद्ध विशिष्ट श्रेणी में दो महिलाओं काे इस पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई। इस श्रेणी में किसी पुरुष को सम्मान के लिए नहीं चुना गया। इन महिला वैज्ञानिकों का नाम है- जेनिफर ए. डॉडना (Jennifer A. Doudna) और एमेनुअल शारपेन्टिर (Emmanuelle Charpentier)। जेनिफर अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में जैव-रसायन शास्त्री हैं। जबकि एमेनुअल फ्रांसीसी जीवाणुतत्त्ववेत्ता (microbiologist) हैं। इन दोनों ने मिलकर ऐसी तकनीक इज़ाद की है, जिससे पौधों और जानवरों का डीएनए बदला जा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल फिलहाल कैंसर और अनुवांशिक बीमारियों के इलाज़ में हो रहा है। नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 1901 से हुई थी। इसके बाद से अब तक 169 बार ऐसा हुआ है, जब किसी श्रेणी में एक से अधिक पुरुषों को सम्मानित किया गया, जिसमें महिलाएँ एक भी नहीं रहीं। अब तक विभिन्न श्रेणियों में 599 बार पुरुषों और 23 बार महिलाओं को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 24 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बुधवार, सात अक्टूबर को देश के 24 विश्वविद्यालयों के फर्जी घोषित किया है। इनमें सबसे अधिक आठ उत्तर प्रदेश और सात दिल्ली के हैं। यूजीसी की इस घोषणा के बाद अब ये विश्ववविद्यालय कोई डिग्री आदि देने के पात्र नहीं होंगे। यूजीसी की ओर से यह सूचना सार्वजनिक करते हुए विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि वे इन विश्वविद्यालयों में किसी भी पाठ्यक्रम के लिए दाख़िला न लें।
तमिलनाडु में अगले चुनाव के लिए एआईएडीएमके ने मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया
तमिलनाडु में सात महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी दल- अखिल भारतीय अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। मौज़ूदा मुख्यमंत्री ईके पलानिसामी ही इस हैसियत से चुनाव में पार्टी का चेहरा होंगे। इस बाबत बुधवार, सात अक्टूबर को पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक के दौरान सहमति बनी। पलानिसामी के नाम की घोषणा पार्टी के संयोजक ओ. पन्नीरसेल्वम ने की, जिनके बारे में पहले सूचना थी कि वे ख़ुद मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनना चाहते हैं।
मणिपुर और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने आत्महत्या की
मणिपुर और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने आत्महत्या कर ली है। उनका शव बुधवार, सात अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित उनके घर में पंखे से लटका हुआ पाया गया। अश्वनी कुमार 1973 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे। वे साल 2008 में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के प्रमुख भी रह चुके थे। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 2013 में पहली बार नागालैंड का राज्यपाल बनाया गया था।
मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में लगभग 40 देशों ने चीन की आलोचना की
इुनिया के लगभग 40 देशों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में चीन की आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति की बैठक के बाद इन देशों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया। इसमें कहा गया, “चीन को हाॅन्गकॉन्ग के लोगों को स्वायत्तता, अधिकार और स्वतंत्रता देनी चाहिए। वहाँ की न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।” तिब्बत में बौद्ध धर्म के अनुयायियों और झिनझियाँग प्रान्त में उईग़र मुस्लिमों पर चीन की सरकारी मशीनरी द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर भी इन देशों ने चिन्ता जताई है।
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महात्मा गाँधी कहा करते थे, “पत्र लिखना भी एक कला है। मुझे पत्र लिखना है,… Read More
पहलगाम की खूबसूरत वादियों के नजारे देखने आए यात्रियों पर नृशंसता से गोलीबारी कर कत्लेआम… Read More
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