सांकेतिक तस्वीर
टीम डायरी
पहले बीते महीने की दो ख़ौफ़नाक घटनाएँ याद दिलाते हैं। जुलाई की सात तारीख़ को आन्ध्र प्रदेश के नांदयाल जिले में 12-13 साल के तीन बच्चों ने अपने स्कूल में पढ़ने वाली आठ साल की एक बच्ची से पहले दुष्कर्म किया। फिर इस डर से कि वह कहीं घर जाकर उनके बारे में बता न दे, उसे गला घोंटकर मार दिया। हालाँकि इसके बाद वे और डर गए तो एक बच्चे ने अपने पिता व चाचा को पूरी सच्चाई बता दी। मगर पिता और चाचा ऐसे निकले कि उन्होंने आरोपी बच्चों को बचाने के लिए बच्ची की लाश के साथ बड़ा सा पत्थर बाँधकर उसे कृष्णा नदी में फेंक दिया।
इसके 20 दिन बाद 27 जुलाई को इसी तरह की घटना मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सामने आई। वहाँ 15 साल के एक बच्चे ने अपने से छोटी नौ साल की सगी बहन के साथ दुष्कर्म कर दिया। इसी दौरान बहन ने जब कहा कि वह पिता को सब बता देगी, तो भाई ने गला दबाकर उसे मार डाला। हालाँकि मामला यहाँ ख़त्म नहीं हुआ। जब लड़के की माँ और दो बड़ी बहनों को इस वारदात का पता चला तो वे तीनों उसे ही बचाने में जुट गईं। उन्होंने न सिर्फ़ सुबूत मिटाए बल्कि जाँच के दौरान पुलिस को भी ग़ुमराह करने की भरपूर कोशिश की। वे सफल नहीं हुईं अलबत्ता।
इन डरावनी घटनाओं के बाद यह सवाल हर तरफ़ पूछा जाने लगा कि आख़िर इतने छोटे बच्चों ने बच्चियों से दुष्कर्म कर उन्हें मार देने का सोचा भी कैसे? तो इसका ज़वाब नीचे दिए गए इस 10 मिनट के वीडियो में है।
इस वीडियो में जो विशेषज्ञ बोल रहे हैं, उनका नाम संजीव नेवर है। संजीव डेटा साइंटिस्ट, उद्यमी, लेखक और वक्ता हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी और भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) कोलकाता से इन्होंने पढ़ाई की है। लेकिन अब अपने ‘सेवा न्याय उत्थान फाउंडेशन’ के माध्यम से देशभर में घूम-घूमकर समाज में चेतना जागृत करने का काम किया करते हैं। यह वीडियो उनके ऐसे ही एक कार्यक्रम है।
ग़ौर कीजिए और ध्यान रखिए कि इस वीडियो में संजीव ने जो बातें कहीं हैं, उनकी पुष्टि ऊपर बताई गई घटनाओं की जाँच के दौरान मध्य प्रदेश और आन्ध्र प्रदेश पुलिस ने भी की है। इसीलिए समय से सचेत हो जाना लाज़िम है। सावधानी बरतना ज़रूरी है। वरना हमारे बच्चों को अन्धकारमय गर्त में जाने से कोई नहीं रोक सकता।
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