आईसीएस में पहली बार कितने भारतीयों का चयन हुआ था और कब?

माइकल एडवर्ड्स की पुस्तक ‘ब्रिटिश भारत’ से, 21/10/2021

सर जॉर्ज कैंपबेल 1874 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे। उन्होंने वहाँ की शिक्षा नीति पर एक रपट तैयार की। इसमें लिखा, “ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की मदद से विद्यालयों की स्थापना के लिए आम जन और ग्राम समितियों को आमंत्रित किया जाता है। योजना गाँवों को ऐसे शिक्षक उपलब्ध कराने जुड़ी है, जो विद्यालयों को कार्यकुशलता से स्थानीय शैली के मुताबिक चला सकें। इस काम के लिए उन्हें मिलने वाली सरकारी आर्थिक सहायता बहुत कम है। महीने में दो, तीन या चार रुपए ही।…पर ये भी तय है कि यह छोटी सी सरकारी आर्थिक सहायता बहुत दूर तक जाएगी। नई योजना का संतोषजनक पहलू ये है कि इसे हिंदु, मुसलिम दोनों सहज स्वीकार कर रहे हैं। मसलन, राजसहाय संभाग के प्राथमिक विद्यालयों में 36,997 विद्यार्थी हैं। इनमें से 18,380 मुसलिम और 18,613 हिंदु हैं।”

भारत में 1837 से ही फारसी की जगह अंग्रेजी सरकारी कामकाज की भाषा बन गई थी। इससे सबसे ज़्यादा परेशानी मुसलिमों को हुई क्योंकि उन्होंने सरकारी नौकरियों के लिए प्रमुख पात्रता (भाषा को जानना) खो दी। वैसे, सरकार ने मुसलिमों को अंग्रेजी शिक्षा देने की कोशिशें कीं लेकिन उसे तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन कुछ मुसलिम नेता समझ गए थे कि उनके लोग अंग्रेज शिक्षा का विरोध करते रहे तो वंचित अल्पसंख्यकों में बदल जाएँगे। ऐसे नेताओं में एक थे बंगाल के अब्दुल लतीफ। उन्होंने सरकार को चिट्‌ठी लिखकर अपील की, “मुसलिमों की शिक्षा के मामले को छोड़ा नहीं जा सकता। हालाँकि इस दिशा में प्रयासों का मुसलिम समुदाय ने विरोध ही किया है। फिर भी मैं आपसे विनती करता हूँ कि कृपया इस दिशा में जो बन पड़े, कीजिए। और इस पर तो अब कोई बहस ही नहीं है कि मुसलिम उच्च-वर्ग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए तैयार है।”

अलबत्ता यह काम 1873 के बाद गति पकड़ सका, जब हाजी मुहम्मद मोइसिन ने एक न्यास बनाया। यह न्यास किसी भी अंग्रेजी विद्यालय में पढ़ने वाले मुसलिम विद्यार्थी का दो-तिहाई शुल्क वहन करता था। मग़र मुसलिमों के लिए अंग्रेजी शिक्षण संस्थानों की स्थापना का सिलसिला उत्तर-पश्चिम प्रांत से शुरू हुआ। वहाँ समाज-सुधारक सैयद अहमद खान ने मिलकर अलीगढ़ आंदोलन शुरू किया था। इसके तहत 1875 में वहाँ मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज स्थापित किया गया। वैसे तो यह महाविद्यालय ग़ैर-मुसलिम विद्यार्थियों के लिए भी था। लेकिन शैक्षिक, सामाजिक अर्थों में इसका झुकाव धर्म-विशेष की तरफ था। इसके संस्थापकों के लिए धार्मिक शिक्षा का प्रश्न अहम था क्योंकि सरकारी विद्यालयों में इसका इंतज़ाम नहीं था।… लिहाज़ा यहाँ पारंपरिक धार्मिक शिक्षा दिए जाने के पक्ष में फैसला हुआ। 

इसी बीच, 1869 में पहली बार चार भारतीयों ने भारतीय नागरिक सेवा (इंडियन सिविल सर्विस- आईसीएस) की परीक्षाओं में सफलता हासिल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसके बाद 1870 में ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किया, “सरकारी खर्च पर लोगों के शिक्षण का बंदोबस्त अब मुख्यत: प्राथमिक शिक्षा के लिए होना चाहिए।” कई इतिहासकारों का मानना है कि सरकार के नजरिए में यह परिवर्तन आईसीएस में भारतीयों के चयन के बाद आया। जबकि सच यह था कि इन दोनों घटनाओं का आपस में कोई लेना-देना नहीं था। इसका प्रमाण था 1879-80 का शिक्षा बजट। इसमें 68 लाख रुपयों का प्रावधान था। इसमें से सिर्फ़ 11.5 लाख रुपए ही 16,06,216 प्राथमिक शिक्षण संस्थानों के लिए रखे गए थे।

 बहरहाल सरकार ने वायसराय लॉर्ड रिपन (1880-84) के कार्यकाल में कुछ और कोशिशें कीं। इससे पहले 1870 में शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रांतीय सरकारों को दे दी गई थी। भारत सरकार के अधिकार सीमित थे। वहीं, उस वक्त उपलब्ध रिपोर्ताज से भी उसके सामने यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि प्रांतीय सरकारों ने शिक्षा पर क्या काम किया है। लिहाज़ा पूरी व्यवस्था की समीक्षा के लिए वायसराय ने आयोग बना दिया। उसे ज़िम्मेदारी दी गई कि वह उच्चतर शिक्षा के सरकारी बजट को कम किए बगैर प्राथमिक शिक्षण का दायरा बढ़ाने के सुझाव दे। साथ ही महिला शिक्षा, शिक्षकों के प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति आदि का आकलन कर उसे भी बेहतर करने के सुझाव दे। आयोग ने अक्टूबर 1883 में सरकार को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कम हुआ है। साथ ही सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में निजी उद्यम को प्रोत्साहित किया जाए। उसने लिखा, “कुछ सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय निजी हाथों में सौंपे जा सकते हैं। स्थानीय लोग या उनकी संस्थाएँ इन स्कूलों को संतोषजनक तरीके से वैसे ही चलाएँ, जैसे सरकारी मदद पाने वाले विद्यालय संचालित हो रहे हैं।”

इस क़वायद के बाद नई शिक्षा व्यवस्था बनी। लेकिन इससे प्राथमिक और ग्रामीण शिक्षा के विस्तार के क्षेत्र में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं दिखा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चूँकि माँग ज़्यादा थी, इसलिए उसका विस्तार होता गया। शहरों में निजी शिक्षण संस्थानों की संख्या काफ़ी बढ़ी, जो उच्च-उच्चतर शिक्षा मुहैया कराने वाले थे। इसका कारण ये था कि शहरों में लोगों के पास पैसा था, जबकि गाँव में इसी की कमी थी। अलबत्ता, शिक्षण संस्थान बढ़ने से शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ, ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि अब भी न पर्याप्त सुविधाएँ थीं, न प्रशिक्षित शिक्षक। शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम भी शुद्ध साहित्यिक था। 

इस स्थिति में सुधार के लिए 1882 में बने आयोग ने सुझाया था कि चुनिंदा विद्यालयों में वाणिज्य, अभियांत्रिकी, कृषि जैसे विषयों की शिक्षा दी जानी चाहिए। लेकिन इस सुझाव पर ठीक से अमल नहीं हुआ। इस तथ्य के मद्देनज़र कि अंग्रेजी शिक्षा ने अब तक बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ाई थी। वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था भी औद्योगिक तौर पर पिछड़ी थी। ऐसे में अगर युवाओं को तकनीकी विषयों में दक्ष करने की कोशिश की जाती तो नई समस्या खड़ी हो सकती थी। माना जा रहा था कि तकनीकी विषयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने से “शिक्षित बेरोजगारों का नया वर्ग पैदा हो जाएगा। ऐसा, जो तकनीकी तौर पर दक्ष तो होगा लेकिन उसकी दक्षता का उपयोग नहीं हो सकेगा क्योंकि व्यावसायिक माँग नहीं थी।”

(जारी…..)
अनुवाद : नीलेश द्विवेदी 
——
(‘ब्रिटिश भारत’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से जल्द ही प्रकाशित हो रही है। इसके कॉपीराइट पूरी तरह प्रभात प्रकाशन के पास सुरक्षित हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के अन्तर्गत प्रभात प्रकाशन की लिखित अनुमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर इस पुस्तक के प्रसंग प्रकाशित किए जा रहे हैं। देश, समाज, साहित्य, संस्कृति, के प्रति डायरी के सरोकार की वज़ह से। बिना अनुमति इन किस्सों/प्रसंगों का किसी भी तरह से इस्तेमाल सम्बन्धित पक्ष पर कानूनी कार्यवाही का आधार बन सकता है।)
——
पिछली कड़ियाँ : 
60. वायसराय जॉन लॉरेंस को ‘हमारा सबसे बड़ा शत्रु’ किस अंग्रेज ने कहा था?
59. कारखानों में काम करने की न्यूनतम उम्र अंग्रेजों ने पहली बार कितनी तय की थी?
58. प्लास्टिक उत्पादों से भारतीयों का परिचय बड़े पैमाने पर कब हुआ?
57. भारत में औद्योगिक विस्तार का अगुवा किस भारतीय को माना जाता है?
56. क्या हम जानते हैं, भारत में सहकारिता का प्रयोग कब से शुरू हुआ?
55. भारत में कृषि विभाग की स्थापना कब हुई?
54. अंग्रेजों ने पहली बार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र कितनी तय की थी?
53. ब्रिटिश भारत में कानून संहिता बनाने की प्रक्रिया पहली बार कब पूरी हुई?
52. आज़ादी के बाद पाकिस्तान की पहली राजधानी कौन सी थी?
51. आजादी के आंदोलन में 1857 की क्रांति से ज्यादा निर्णायक घटना कौन सी थी?
50. चुनाव में मुस्लिमों को अलग प्रतिनिधित्व देने के पीछे अंग्रेजों का छिपा मक़सद क्या था?
49. भारत में सांकेतिक चुनाव प्रणाली की शुरुआत कब से हुई?
48. भारत ब्रिटिश हुक़ूमत की महराब में कीमती रत्न जैसा है, ये कौन मानता था?
47. ब्रिटेन के किस प्रधानमंत्री को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाला’ माना गया?
46. भारत की केंद्रीय विधायी परिषद में सबसे पहले कौन से तीन भारतीय नियुक्त हुए?
45. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का डिज़ाइन किसने बनाया था?
44. भारतीय स्मारकों के संरक्षण को गति देने वाले वायसराय कौन थे?
43. क्या अंग्रेज भारत को तीन हिस्सों में बाँटना चाहते थे?
42. ब्रिटिश भारत में कांग्रेस की सरकारें पहली बार कितने प्रान्तों में बनीं?
41.भारत में धर्म आधारित प्रतिनिधित्व की शुरुआत कब से हुई?
40. भारत में 1857 की क्रान्ति सफल क्यों नहीं रही?
39. भारत का पहला राजनीतिक संगठन कब और किसने बनाया?
38. भारत में पहली बार प्रेस पर प्रतिबंध कब लगा?
37. अंग्रेजों की पसंद की चित्रकारी, कलाकारी का सिलसिला पहली बार कहाँ से शुरू हुआ?
36. राजा राममोहन रॉय के संगठन का शुरुआती नाम क्या था?
35. भारतीय शिक्षा पद्धति के बारे में मैकॉले क्या सोचते थे?
34. पटना में अंग्रेजों के किस दफ़्तर को ‘शैतानों का गिनती-घर’ कहा जाता था?
33. अंग्रेजों ने पहले धनी, कारोबारी वर्ग को अंग्रेजी शिक्षा देने का विकल्प क्यों चुना?
32. ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में भारत में शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
31. मानव अंग-विच्छेद की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले पहले हिन्दु चिकित्सक कौन थे?
30. भारत के ठग अपने काम काे सही ठहराने के लिए कौन सा धार्मिक किस्सा सुनाते थे?
29. भारत से सती प्रथा ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
28. भारत में बच्चियों को मारने या महिलाओं को सती बनाने के तरीके कैसे थे?
27. अंग्रेज भारत में दास प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ रोक क्यों नहीं सके?
26. ब्रिटिश काल में भारतीय कारोबारियों का पहला संगठन कब बना?
25. अंग्रेजों की आर्थिक नीतियों ने भारतीय उद्योग धंधों को किस तरह प्रभावित किया?
24. अंग्रेजों ने ज़मीन और खेती से जुड़े जो नवाचार किए, उसके नुकसान क्या हुए?
23. ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ किस तरह ‘स्थायी बन्दोबस्त’ से अलग थी?
22. स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था क्यों लागू की गई थी?
21: अंग्रेजों की विधि-संहिता में ‘फौज़दारी कानून’ किस धर्म से प्रेरित था?
20. अंग्रेज हिंदु धार्मिक कानून के बारे में क्या सोचते थे?
19. रेलवे, डाक, तार जैसी सेवाओं के लिए अखिल भारतीय विभाग किसने बनाए?
18. हिन्दुस्तान में ‘भारत सरकार’ ने काम करना कब से शुरू किया?
17. अंग्रेजों को ‘लगान का सिद्धान्त’ किसने दिया था?
16. भारतीयों को सिर्फ़ ‘सक्षम और सुलभ’ सरकार चाहिए, यह कौन मानता था?
15. सरकारी आलोचकों ने अंग्रेजी-सरकार को ‘भगवान विष्णु की आया’ क्यों कहा था?
14. भारत में कलेक्टर और डीएम बिठाने की शुरुआत किसने की थी?
13. ‘महलों का शहर’ किस महानगर को कहा जाता है?
12. भारत में रहे अंग्रेज साहित्यकारों की रचनाएँ शुरू में किस भावना से प्रेरित थीं?
11. भारतीय पुरातत्व का संस्थापक किस अंग्रेज अफ़सर को कहा जाता है?
10. हर हिन्दुस्तानी भ्रष्ट है, ये कौन मानता था?
9. किस डर ने अंग्रेजों को अफ़ग़ानिस्तान में आत्मघाती युद्ध के लिए मज़बूर किया?
8.अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान को किसकी मदद से मारा?
7. सही मायने में हिन्दुस्तान में ब्रिटिश हुक़ूमत की नींव कब पड़ी?
6.जेलों में ख़ास यातना-गृहों को ‘काल-कोठरी’ नाम किसने दिया?
5. शिवाजी ने अंग्रेजों से समझौता क्यूँ किया था?
4. अवध का इलाका काफ़ी समय तक अंग्रेजों के कब्ज़े से बाहर क्यों रहा?
3. हिन्दुस्तान पर अंग्रेजों के आधिपत्य की शुरुआत किन हालात में हुई?
2. औरंगज़ेब को क्यों लगता था कि अकबर ने मुग़ल सल्तनत का नुकसान किया? 
1. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के बावज़ूद हिन्दुस्तान में मुस्लिम अलग-थलग क्यों रहे?

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Apni Digital Diary

Share
Published by
Apni Digital Diary

Recent Posts

तिरुपति बालाजी के लड्‌डू ‘प्रसाद में माँसाहार’, बात सच हो या नहीं चिन्ताजनक बहुत है!

यह जानकारी गुरुवार, 19 सितम्बर को आरोप की शक़्ल में सामने आई कि तिरुपति बालाजी… Read More

5 hours ago

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह रो रहा था क्योंकि उसे पता था कि वह पाप कर रहा है!

बाहर बारिश हो रही थी। पानी के साथ ओले भी गिर रहे थे। सूरज अस्त… Read More

1 day ago

नमो-भारत : स्पेन से आई ट्रेन हिन्दुस्तान में ‘गुम हो गई, या उसने यहाँ सूरत बदल’ ली?

एक ट्रेन के हिन्दुस्तान में ‘ग़ुम हो जाने की कहानी’ सुनाते हैं। वह साल 2016… Read More

2 days ago

मतदान से पहले सावधान, ‘मुफ़्तख़ोर सियासत’ हिमाचल, पंजाब को संकट में डाल चुकी है!

देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More

3 days ago

तो जी के क्या करेंगे… इसीलिए हम आत्महत्या रोकने वाली ‘टूलकिट’ बना रहे हैं!

तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More

5 days ago

हिन्दी दिवस :  छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, बड़ा सा सन्देश…, सुनिए!

छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More

6 days ago