टीम डायरी
हिन्दुस्तान ही नहीं, दुनियाभर के लोग आज, 30 जनवरी की तारीख़ को इसलिए याद करते हैं क्योंकि इस दिन महात्मा गाँधी को गोली मारी गई थी। उनका देहान्त हुआ था। उसके बाद से कहा और माना जाने लगा कि महात्मा गाँधी अब नहीं रहे। उनकी मृत्यु हो चुकी है। पर नहीं, ये सच नहीं है। सच सिर्फ़ इतना है कि उनकी देह हमारे बीच नहीं है।
बड़ा सच ये भी है कि महात्मा मृत्यु से परे होते हैं। उनका निधन नहीं होता। महात्मा, कहे ही इसलिए जाते हैं कि वे अपने आप में एक विचार बन चुके होते हैं। ऐसा, जो हमेशा-हमेशा के लिए लाखों-करोड़ों के दिल-ओ-दिमाग़ में ठहर जाता है। बापू की तरह। मिसाल के लिए, इस भजन को ही लीजिए। ‘रघुपति राघव राजा राम’। इसे सुनकर क्या बापू सामने नहीं आते? राम धुन सुनते हुए? यक़ीनन आते ही हैं।
इसीलिए, आज इस धुन को सुनते हुए बापू को इस तरह याद कीजिए, जैसे वे आपके नज़दीक हैं। आस-पास ही हैं। अच्छा लगेगा। सच्चाई के साथ चलने की ऊर्जा मिलेगी और सम्बल भी।
यह जानकारी गुरुवार, 19 सितम्बर को आरोप की शक़्ल में सामने आई कि तिरुपति बालाजी… Read More
बाहर बारिश हो रही थी। पानी के साथ ओले भी गिर रहे थे। सूरज अस्त… Read More
एक ट्रेन के हिन्दुस्तान में ‘ग़ुम हो जाने की कहानी’ सुनाते हैं। वह साल 2016… Read More
देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More
तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More
छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More