सुनिएगा… ज़ीनत की कविता, देवांशी की आवाज़ में… Mistakes are a part of life

ज़ीनत ज़ैदी, देवांशी वशिष्ठ, दिल्ली

*Yes, mistakes are a part of life
-They teach us, how to survive
-They sometimes appear as a knife
-But yes, they are a part of life

*It is not a game of loosers
-But who succeeds, want a try
-As making them can’t make us wry
-Because they are part of life

*They can make us perfectionist
-And enhancing our success list
-Still, they never get our likes
-But yes, they are part of life

*It’s goals are latent
-But gives us fruit at the end
-They should be accepted with pride
Yes, make then a part of life
——
(ज़ीनत #अपनीडिजिटलडायरी के सजग पाठक और नियमित लेखकों में से है। दिल्ली के आरपीवीवी, सूरजमलविहार स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ती है। पर इस उम्र में भी अपने लेखों से बड़े मसले उठाती है। कविताएँ भी लिखती है।) 
—– 
(ज़ीनत की इस कविता को आवाज़ दी है देवांशी वशिष्ठ ने। वह भी दिल्ली में रहती है और इत्तिफाकन 11वीं कक्षा में ही श्रीवेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती है। ये दोनों बच्चियाँ आपस में एक-दूसरे से अपने हुनर के माध्यम से जुड़ी हैं। )   

सोशल मीडिया पर शेयर करें
From Visitor

Recent Posts

कुछ और सोचिए नेताजी, भाषा-क्षेत्र-जाति की सियासत 21वीं सदी में चलेगी नहीं!

देश की राजनीति में इन दिनों काफ़ी-कुछ दिलचस्प चल रहा है। जागरूक नागरिकों के लिए… Read More

7 hours ago

सवाल है कि 21वीं सदी में भारत को भारतीय मूल्यों के साथ कौन लेकर जाएगा?

विश्व-व्यवस्था एक अमूर्त संकल्पना है और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रम ठोस जमीनी वास्तविकता… Read More

1 day ago

महिला दिवस : ये ‘दिवस’ मनाने की परम्परा क्यों अविकसित मानसिकता की परिचायक है?

अपनी जड़ों से कटा समाज असंगत और अविकसित होता है। भारतीय समाज इसी तरह का… Read More

4 days ago

रिमोट, मोबाइल, सब हमारे हाथ में…, ख़राब कन्टेन्ट पर ख़ुद प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाते?

अभी गुरुवार, 6 मार्च को जाने-माने अभिनेता पंकज कपूर भोपाल आए। यहाँ शुक्रवार, 7 मार्च… Read More

4 days ago

ध्यान दीजिए और समझिए.., कर्नाटक में कलाकारों के नट-बोल्ट कसेगी सरकार अब!

कला, साहित्य, संगीत, आदि के क्षेत्र में सक्रिय लोगों को समाज में सम्मान की निग़ाह… Read More

1 week ago

विश्व वन्यजीव दिवस : शिकारियों के ‘सक्रिय’ दल, मध्य प्रदेश की जंगल-फौज ‘पैदल’!

“घने जंगलों में निगरानी के लिहाज़ से ‘पैदल’ गश्त सबसे अच्छी होती है। इसलिए मध्य… Read More

1 week ago