रैना द्विवेदी, भोपाल मध्य प्रदेश से, 20/1/2021
अक्सर कहा जाता है, ‘गहरी नदी का बहाव हमेशा शान्त होता है।’ एकदम सही है। लेकिन क्या इसी ‘कहन’ का दूसरा पहलू ये नहीं है कि शान्ति और स्थिरता गहराई से ही आती है। फिर चाहे वह गहराई पानी की, नदी की हो या फिर व्यक्तित्व की।
ये कहानी हमें इन दोनों पहलुओं पर सोचने का मौका देती है। इस विचार को पोषित करने का जरिया बनती है। दो दोस्तों की कहानी है। उन्हीं में से एक ने उसे ख़ुद साझा किया है। अपना नाम, पहचान बताए बगैर। साझा करने का माध्यम बना सामाजिक मंच (Social Platform) और भाषा थी अंग्रेजी। चूँकि यह हम सबसे जुड़ी है, हम सबके काम की है, इसलिए इसका अनुवाद हिन्दी में किया गया और तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसे थोड़ा छोटा करके #अपनीडिजिटलडायरी पर ले आया गया।
सुनें, सोचें, अच्छी लगे तो साझा जरूर करें। आख़िर अच्छी बातों को, अच्छे मक़सद से, लोगों के बीच फैलाने में बुराई क्या है?
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(रैना द्विवेदी, भोपाल में रहती हैं। गृहिणी हैं। वे लगातार #अपनीडिजिटलडायरी और उससे जुड़े लोगों के लिए इस तरह की कहानियाँ ला रही हैं। वे व्हाट्स एप सन्देश के जरिए इन्हें ऑडियो/वीडियो रूप में इन्हें भेजा करती हैं।)
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