शिक्षा, आगे चलकर मेरे जीवन में किस तरह काम आने वाली है?

निकेश जैन, इंदौर, मध्य प्रदेश से, 7/8/2022

जो शिक्षा में हासिल कर रहा हूँ, वह आगे चलकर मेरे जीवन में किस तरह काम आने वाली है? 

अभी हाल ही में जब मैं प्रताप इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में गया तो एक छात्र ने मुझसे यह सवाल किया था।यह बड़ा प्रासंगिक, सार्थक सवाल है। क्योंकि हमारी आज की शिक्षा प्रणाली में वाक़ई यही एक बड़ा झोल है। हम विद्यार्थियों को बता ही नहीं रहे हैं कि जो कुछ भी वे पढ़ाई-लिखाई के दौरान सीख रहे हैं, वह जीवन में आगे किस तरह काम आने वाला है। 

और यही वही जगह है, जहाँ उद्योग जगत और शिक्षण संस्थान को मिलकर काम करने की ज़रूरत है। इसके लिए उनका साथ आना ज़रूरी है। अभी तमाम कंपनियाँ शिक्षण संस्थानों में तब पहुँचती हैं, जब उन्हें अपने यहाँ भर्तियों के लिए नई प्रतिभाओं की ज़रूरत होती है। लेकिन सही मायने में देखा जाए तो उस वक़्त तक देर हो चुकी होती है। 

कंपनियों को दरअस्ल, काफ़ी पहले शिक्षण संस्थानों में पहुँचना चाहिए। वहाँ उन्हें अपनी ज़रूरतों के मुताबिक प्रतिभाओं को तराशने में शिक्षण संस्थानों को सक्रिय सहयोग देना चाहिए। इस सहयोग के बदले शिक्षण संस्थानों की तरफ़ से भी कंपनियों को यह सुविधा दी जानी चाहिए कि उन्हें नई भर्तियों के लिहाज़ से सम्बन्धित संस्थान की प्रतिभाओं को चुनने में प्राथमिकता दी जाएगी। 

मुझे लगता है कि शिक्षण संस्थानों ने भी अभी कॉरपोरेट जगत से  इस तरह का सहयोग लेने के लिए अपने दरवाज़े नहीं खोले हैं। क्यों? इसका ज़वाब तो वे ही दे सकते हैं। लेकिन निज़ी तौर पर मेरा ख़्याल है कि उन्हें बेहतर नतीज़ों के लिए इस तरह की भागीदारी लेनी चाहिए। 

हमें समझना चाहिए कि हम एक समुदाय तैयार कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में समुदाय के हर हिस्से की भागीदारी ज़रूरी है। अगर वह न मिल सकी तो हम लम्बे समय तक ऐसे युवाओं की फ़ौज ही तैयार करते रहेंगे, जो पढ़-लिखकर भी रोज़गार हासिल करने लायक नहीं होगी।
—– 
अंग्रेजी भाषा का मूल राइट-अप ये नीचे रहा.. 
 
I want to know what are the practical use cases of what I am #learning?

This is the question one of the students asked me during my recent visit to Pratap Institute of Technology and Science.

The major gap in our education system today is exactly this. We are not telling students the applications of their learnings to real life scenarios.

And that’s where the connection between industry and educational institutions becomes so critical.

Corporates reach out to colleges during placement time. Too late.

They should reach out early and become an active player in the education and development of resources. In return they should get first preference to hire the talent!

I also think colleges need to open their doors for people from industry which I personally feel is major resistance (reasons best known to colleges).

We are building a community and we need entire community to build that Or else we will continue to create talent which will be unemployable for long time.
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(नोट :  निकेश इंदौर, मध्य प्रदेश में रहते हैं। कॉरपोरेट जगत में लंबे समय तक बड़े पदों पर देश और विदेश में काम करने के बाद वर्तमान में अपनी कंपनी चला रहे हैं। ‘एड्यूरिगो टेक्नोलॉज़ी’ उसका नाम है। यह कंपनी शिक्षा के क्षेत्र में काम करती है। निकेश ने यह लेख लिंक्डइन पर लिखा है। वहाँ से उनकी अनुमति के साथ इसे #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है।)

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