टीम डायरी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली नेतृत्त्व कौशल की एक बेहद अहम विशिष्टता बता रहे हैं। नीचे उनका वीडियो दिया गया है। यह देखने से ज़्यादा, सुनने और समझने लायक है। बहुत बड़ा नहीं है। बस, छह मिनट से कुछ सेकेंड ज़्यादा है। लेकिन इसमें जो सबक है, वह बहुत बड़ा है।
भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज रहे वीरेन्द्र सहवाग के साथ अपने एक अनुभव को इस साक्षात्कार के दौरान साझा करते हुए सौरव गांगुली मानते हैं कि उस घटना से उन्होंने ख़ुद उस दिन सबक लिया। सबक यह कि टीम के खिलाड़ी अगर सही रास्ते पर हैं, सही और अपेक्षित नतीज़े दे रहे हैं तो कप्तान को उन्हें टोकना नहीं चाहिए। उन पर अपनी राय नहीं थोपनी चाहिए। उन्हें उनका काम करने देना चाहिए।
ग़ौर कीजिए, क्षेत्र कोई भी हो। टीम और उसके कप्तान के लिए यह सबक हर कहीं काम का साबित हो सकता है।
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