सोचिए और बताइए, क्या ये हो रहा है या होने वाला है?

नीलेश द्विवेदी, भोपाल, मध्य प्रदेश से

अभी इसी महीने के शुरू में यह कार्टून सोशल मीडिया पर चला था। तब तक इसने शायद बहुत लोगों का ध्यान अपनी तरफ नहीं खींचा। लेकिन फिर वैश्विक मंच से दो खबरें आईं। पहली ये कि रूस और यूक्रेन के बीच सालभर से चल रहे युद्ध को रोकने के लिए दुनिया के बड़े और शक्तिशाली कहे जाने वाले देश भारत से मध्यस्थतता और शान्ति प्रयासों की अपेक्षा कर रहे हैं। भारत इसके लिए राजी है। उसकी ओर से प्रयास जारी हैं।

हालाँकि भारत अभी इस दिशा में कुछ उल्लेखनीय कर पाता, उससे पहले ही दूसरी खबर आई कि चीन ने सऊदी अरब और ईरान के बीच सुलह करा दी है। दोनों देशों के बीच बरसों से ठिठके राजनयिक सम्बन्ध फिर शुरू करा दिए हैं। इस सम्बन्ध में उल्लेख करना जरूरी है कि सऊदी अरब सुन्नी मुस्लिम देश है। जबकि ईरान शिया मुस्लिमों की बहुलता वाला। इन दोनों ही समुदायों के बीच परम्परागत रूप से बैर रहा है। 

बहरहाल, इन दोनों घटनाओं के बाद अब इस कार्टून की बात, जो आज से लगभग 98 बरस पहले बनाया गया था। साल 1925 में। बताते हैं कि अमेरिका में तब एक बड़े नामी राजनैतिक कार्टूनिस्ट हुआ करते थे। रॉबर्ट बर्कले माइनर नाम था उनका। लोग उन्हें प्यार से बॉब कहा करते थे। लेकिन उनके कार्टून सरकारों के लिए इतने तीखे और चरमपन्थी होते थे कि उन्हें एक और नाम मिल गया, ‘फाइटिंग बॉब’। 

तो इन ‘फाइटिंग बॉब’ यानी लड़ाका किस्म की शख्सियत वाले बॉब ने तब यह कार्टून बनाकर अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली मुल्कों को चेताया था। लिखा था, “पश्चिम के राष्ट्रों ने दुनिया के बाकी मुल्कों पर राज किया। क्योंकि उनके पास पैसा था और बन्दूकें थीं। लेकिन एक दिन आएगा, जब ताकत का पलड़ा दूसरी तरफ झुकेगा। भारत, चीन और अफ्रीका के पास पैसा होगा और बन्दूकें भी। तब वे दुनिया पर राज करेंगे।”  

अब इन सन्दर्भों को ध्यान में रखते हुए इस कार्टून और बॉब माइनर की भविष्यवाणी के बारे में सोचिएगा, ‘क्या वाकई, दुनिया में अब शक्ति-सन्तुलन भारत, चीन जैसे देशों की तरफ झुक रहा है? क्या सच में ये हो रहा है या जल्दी ही होने वाला है?” हो सके तो सोचकर अपनी प्रतिक्रिया में बताइएगा। ‘रोचक-सोचक’ है।

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