शिक्षक और शिष्या की लिखी दो कविताएँ पढ़िएगा… एक साथ!!

अनुज राज पाठक, ज़ीनत ज़ैदी, दिल्ली

इससे पहले शायद ही कभी ऐसा हुआ हो। लेकिन #अपनीडिजिटलडायरी के सकारात्मक प्रयासों के क्रम में यह सम्भव हो पाया है। #अपनीडिजिटलडायरी के संस्थापकों में से दिल्ली के संस्कृत शिक्षक अनुज राज पाठक और उनकी शिष्या ज़ीनत ज़ैदी की कविताएँ एक साथ एक मंच पर। 



इन्हें पढ़िएगा। इनकी गुणवत्ता देखिएगा। समझिएगा कि एक शिक्षक अपने शिष्यों को किस हद तक निखार सकता है, कितना प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकता है। क्योंकि अभी ज़ीनत जो भी लिख रही है, उसकी प्रेरणा, प्रोत्साहन उसके शिक्षक अनुज ही हैं। इसके लिए दोनों ही बधाई के पात्र हैं। 

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