नीलेश द्विवेदी, भोपाल, मध्य प्रदेश से
नए साल की सुबह की शुरुआत अगर बाँसुरी की धुन से हो जाए तो कितना ही बेहतर। वह भी जनकल्याण की कामना करती ‘वैष्णव जन’ की धुन के साथ। बस, दो-ढाई मिनट का वक़्त लगेगा। सुनिएगा और आनंद लीजिएगा। कैसी भी कोई प्रतिक्रिया देना चाहें तो कमेंट सेक्शन है ही, हर मंच पर।
इस वीडियो में जो ख़ास है, वह मास्टर सोहम द्विवेदी की वीडियो एडिटिंग की कोशिश। सोहम अभी भोपाल में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। पढ़ाई के साथ ही उन्होंने यह हुनर बस, शौक़ के चलते ख़ुद ही एक्सप्लोर किया है। कहीं से सीखा नहीं है। अभी शुरुआती कोशिश है। पर उम्मीद की जा सकती है कि सिलसिला चलता रहा, रुझान बना रहा, तो शायद आगे सीखें भी और उनकी इस काम में विशेषज्ञता भी हो जाए।
और बाँसुरी? प्रतीत होता है, वह तो श्री राधा-कृष्ण की कृपा और गुरुजनों के आशीर्वाद से ख़ुद ही बजी है। इसमें निमित्त बने हैं, नीलेश द्विवेदी।
—–
नव वर्ष की एक बार फिर मंगल कामनाएँ
बाहर बारिश हो रही थी। पानी के साथ ओले भी गिर रहे थे। सूरज अस्त… Read More
एक ट्रेन के हिन्दुस्तान में ‘ग़ुम हो जाने की कहानी’ सुनाते हैं। वह साल 2016… Read More
देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More
तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More
छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More
शीर्षक को विचित्र मत समझिए। इसे चित्र की तरह देखिए। पूरी कहानी परत-दर-परत समझ में… Read More