वीर सावरकर की हिन्दु महासभा के उद्देश्य क्या बताए गए थे?

माइकल एडवर्ड्स की पुस्तक ‘ब्रिटिश भारत’ से, 30/10/2021

सुभाष चंद्र बोस के विचारों और कार्यों ने भारत में तमाम युवाओं को प्रेरित किया। इन्हीं में एक अग्रणी नाम था विनायक दामोदर सावरकर (1883-1965) का। वे भी क्रांति के पथ पर चलते हुए भारत से अंग्रेजी सरकार को उखाड़ फेंकने का मंसूबा पाले थे। उन्होंने 1919 में अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ‘हिंदु महासभा’ की स्थापना की। इस संगठन की छवि मुसलिम विरोधी बन गई थी क्योंकि यह भारतीय मुसलमानों को हिंदु धर्म में वापस लाने के लिए सक्रिय था। हालाँकि इसके कार्यक्रमों में दूसरा पहलू भी दिखता है।

लाला लाजपत राय 1925 में इसके अध्यक्ष थे। तब उन्होंने इसके कार्यक्रम गिनाए थे, “1. पूरे देश में हिंदु सभाओं का आयोजन करना। 2. सांप्रदायिक दंगों से पीड़ित हिंदुओं को राहत देना। 3. जबरन इसलाम में धर्मांतरित किए गए हिंदुओं की घरवापसी कराना। 4. हिंदु पुरुषों, महिलाओं के लिए व्यायामशालाओं की व्यवस्था करना। 5. सेवा समितियों (समाज सेवा इकाई) का आयोजन करना। 6. हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठाना। 7. मंदिरों के ट्रस्टियों और प्रबंधकों से यह आग्रह करना कि वे मंदिर के कक्षों में सामाजिक और धार्मिक हित के मामलों पर चर्चा के लिए लोगों को जुटने, बैठने की अनुमति दें। 8. हिंदु त्योहारों को बड़े स्तर पर मनाना। जिससे हिंदुओं में भाईचारा बढ़े। 9. मुसलिमों और ईसाइयों के साथ सद्भाव बढ़ाना। 10. सभी राजनीतिक विवादों में हिंदुओं के सांप्रदायिक हितों का प्रतिनिधित्व करना। 11. हिंदु युवाओं को औद्योगिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करना। 12. हिंदु कृषकों और गैर-कृषकों के बीच सद्भाव बढ़ाना। 13. हिंदु महिलाओं की स्थिति बेहतर करने के लिए कदम उठाना।”

‘हिंदु महासभा’ के कई सदस्य 1930 तक कांग्रेस में शामिल थे। इसके दो शुरुआती नेता कांग्रेस अध्यक्ष भी बने। लेकिन 1939 के बाद महासभा पर सावरकर की छाप स्पष्ट नज़र आने लगी। अब यह संगठन कांग्रेस और गाँधी की खुली आलोचना तथा विरोध करने लगा था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संगठन की कमान सावरकर के हाथ में थी। तब उन्होंने नारा दिया था, “पूरी राजनीति का हिंदुकरण और हिंदुओं का सैन्यीकरण करो”। सावरकर के नेतृत्व में महासभा का मुसलिम-विरोधी रुख भी स्पष्ट दिखने लगा। ज़ाहिर तौर पर इसका संगठन के दूसरे नेताओं पर भी असर हुआ। शायद इसीलिए महासभा के सदस्य एनवी गोडसे 1948 में महात्मा गाँधी की हत्या करने से नहीं हिचकिचाए। उन्हें लगा था कि गाँधी ने विभाजन को स्वीकार कर के हिंदु धर्म ही नहीं, देश से भी विश्वासघात किया है।

वहीं दूसरी तरफ़ मुसलिमों में यह धारणा बनी थी कि गाँधी के प्रभाव में कांग्रेस एक हिंदु संगठन की तरह काम करने लगी है। दरअसल, जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने मुसलिमों को निर्वाचन में आरक्षण देने जैसे सुझावों और कदमों का विरोध किया था। इससे मुसलिमों में असुरक्षा का डर समय के साथ बढ़ता गया। उनमें यह आशंका भी प्रबल हुई कि संसदीय-शासन का मतलब हिंदु बहुल शासन होगा। इसलिए मुसलमानों ने अपनी सुरक्षा के अन्य विकल्प की तलाश शुरू कर दी। इन्हीं विकल्पों में एक था, हिंदु-मुसलमानों के लिए अलग देश की परिकल्पना। यह विचार 19वीं सदी से ही अस्तित्व में था लेकिन 20वीं शताब्दी में इसकी पुरअसर ज़रूरत महसूस हुई। इसी प्रभाव में 1933 में मुसलिम नेता चौधरी रहमत अली ने भारत के मुसलिम क्षेत्रों के लिए ‘पाकस्तान’ नाम गढ़ा। इस शब्द में ‘प’ पंजाब के लिए था। ‘अ’ (मात्रा) मतलब अफ़ग़ानिया (पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत के लिए रहमत अली ने नाम दिया) था। ‘क’ कश्मीर, ‘स’ सिंध के लिए और ‘तान’ बलूचिस्तान के आख़िरी दो अक्षरों के लिए। उर्दू में लिखते वक़्त इस शब्द में ‘आई’ नहीं लिखा जाता।

आगे मुहम्मद अली जिन्ना (1876-1948) ने न सिर्फ़ ‘मुसलिम लीग’ बल्कि ‘पाकिस्तान’ के विचार को भी नया जीवन दिया। जिन्ना पश्चिमी शिक्षा प्राप्त मुसलिम वकील थे। पहले कांग्रेस नेता थे। लेकन जब उन्हें अपने लिए गुंज़ाइश नहीं दिखी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्हीं के दौर में शायर मुहम्मद इकबाल (1873-1938) ने मुसलिम बुद्धिजीवियों को इसलाम का एक नया दृष्टिकोण दिया। ‘पाकिस्तान’ के लिए तार्किक विचार दिया। 

जिन्ना के नेतृत्व में 1940 में मुसलिम लीग ने भारत के मुसलमानों के लिए अलग देश के सिद्धांत को स्वीकार किया। तब जिन्ना ने कहा था, “मुसलमानों के पास अपना घर, अपना इलाका और अपना राष्ट्र होना चाहिए। हम पड़ोसियों के साथ शांति और सद्भाव से रहना चाहते हैं।…लाखों लोगों के हितों ने हमें सम्मानजनक, शांतिपूर्ण समाधान खोजने का काम दिया है। ऐसा जो सबके लिए उचित हो। लेकिन एक ही समय में डरा, धमका कर हमें हमारे उद्देश्य से भटकाया नहीं जा सकता। हमें सभी पहलुओं, कठिनाइयों, परिणामों के लिए तैयार रहना है। जरूरत पड़ने पर अपने लक्ष्य के लिए बलिदान देने को भी तत्पर रहना है।” 

इसी बीच भारतीय मुसलमानों के बीच एक और संगठन लोकप्रिय हुआ। समाज सेवा की तरफ़ उसके झुकाव के कारण उसे ‘ख़ाकसार’ (विनम्र) कहा गया। यह 1931 में अर्धसैनिक संगठन के रूप में स्थापित हुआ। इसके संस्थापक मशरीकी ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के विद्वानों में शुमार थे। यह संगठन 1939 में लखनऊ में फैली अराजकता में शामिल हुआ। फिर मार्च 1940 में लाहौर में तख्तापलट की कोशिश में भी। लिहाज़ा इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके मद्देनज़र मशरीकी ने संगठन और उसके इसी नाम से चले आंदोलन को फिर समाज सेवा की ओर से मोड़ने की कोशिश की। लेकिन धीरे-धीरे यह बेमानी हो गया। फिर मुसलिम लीग का हिस्सा होकर उसका एक दबाव गुट बन गया। 

इस तरह ब्रिटिश भारत के सभी आंदोलन हिंदु-मुसलिम पुनरुत्थानवादी, नरमपंथी-चरमपंथी राष्ट्रवादी, आदि मुख्यतः पश्चिमी शिक्षा से दीक्षित नेताओं द्वारा ही चलाए गए। लेकिन दुर्भाग्य से धर्म का सहारा लिए बिना पश्चिमी उदारवाद की विदेशी अवधारणाओं को बड़े पैमाने पर समर्थन नहीं मिल सकता था। जनसमर्थन के बिना कोई आंदोलन सफल नहीं होना था। सो, धर्म और राजनीति का घालमेल हुआ और नतीज़े में अनिवार्य सांप्रदायिक हिंसा भी। इस हिसाब से देखें तो भारतीयों ने अपनी मेहनत से स्वतंत्रता प्राप्त की। लेकिन इसके लिए उन्होंने विभाजन की त्रासदी भी झेली, जो घाव अब तक नहीं भरा है।
(समाप्त)
अनुवाद : अभिनव, सम्पादन : नीलेश द्विवेदी 
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(‘ब्रिटिश भारत’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से जल्द ही प्रकाशित हो रही है। इसके कॉपीराइट पूरी तरह प्रभात प्रकाशन के पास सुरक्षित हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के अन्तर्गत प्रभात प्रकाशन की लिखित अनुमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर इस पुस्तक के प्रसंग प्रकाशित किए जा रहे हैं। देश, समाज, साहित्य, संस्कृति, के प्रति डायरी के सरोकार की वज़ह से। बिना अनुमति इन किस्सों/प्रसंगों का किसी भी तरह से इस्तेमाल सम्बन्धित पक्ष पर कानूनी कार्यवाही का आधार बन सकता है।)
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पिछली कड़ियाँ :
74. महात्मा गाँधी को संत और राजनेता का असहज मिश्रण क्यों कहा जाता था?
73.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कौन से अध्यक्ष ब्रिटिश संसद के लिए चुने गए थे?
72. वन्देमातरम् के लेखक बंकिम चंद्र चटर्जी ब्रिटिश सरकार में किस पद पर थे? 
71. कांग्रेस की स्थापना को ह्यूम ‘सेफ्टी वॉल्व’ योजना क्यों कहते थे?
70. कांग्रेस की स्थापना में एओ ह्यूम की मदद किसने की थी?
69. ब्रह्म समाज के लोगों को ‘अंग्रेजों का गुप्त प्रतिनिधिˆ क्यों कहा जाता था?
68. महर्षि अरबिन्दो को अपना महाकाव्य ‘सावित्री’ लिखने में कितने साल लगे?
67. कलकत्ता कला विद्यालय के प्राचार्य ईबी हैवेल ने इस क्षेत्र में कौन से अहम बदलाव किए?
66.कौन से मुस्लिम सुधारक ख़ुद को हिन्दुओं का ‘आख़िरी अवतार’ कहते थे?
65. बाल-विवाह के विरोधी किस समाज-सुधारक ने बेटी की शादी 13 की उम्र में की थी?
64. ब्रिटिश सरकार के दौर में महिला शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
63. देश जब आज़ाद हुआ, तब कितने प्रतिशत आबादी अशिक्षित थी?
62. लॉर्ड कर्जन को कुछ भारतीयों ने ‘उच्च शिक्षा के सर्वनाश का लेखक’ क्यों कहा?
61. आईसीएस में पहली बार कितने भारतीयों का चयन हुआ था और कब?
60. वायसराय जॉन लॉरेंस को ‘हमारा सबसे बड़ा शत्रु’ किस अंग्रेज ने कहा था?
59. कारखानों में काम करने की न्यूनतम उम्र अंग्रेजों ने पहली बार कितनी तय की थी?
58. प्लास्टिक उत्पादों से भारतीयों का परिचय बड़े पैमाने पर कब हुआ?
57. भारत में औद्योगिक विस्तार का अगुवा किस भारतीय को माना जाता है?
56. क्या हम जानते हैं, भारत में सहकारिता का प्रयोग कब से शुरू हुआ?
55. भारत में कृषि विभाग की स्थापना कब हुई?
54. अंग्रेजों ने पहली बार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र कितनी तय की थी?
53. ब्रिटिश भारत में कानून संहिता बनाने की प्रक्रिया पहली बार कब पूरी हुई?
52. आज़ादी के बाद पाकिस्तान की पहली राजधानी कौन सी थी?
51. आजादी के आंदोलन में 1857 की क्रांति से ज्यादा निर्णायक घटना कौन सी थी?
50. चुनाव में मुस्लिमों को अलग प्रतिनिधित्व देने के पीछे अंग्रेजों का छिपा मक़सद क्या था?
49. भारत में सांकेतिक चुनाव प्रणाली की शुरुआत कब से हुई?
48. भारत ब्रिटिश हुक़ूमत की महराब में कीमती रत्न जैसा है, ये कौन मानता था?
47. ब्रिटेन के किस प्रधानमंत्री को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाला’ माना गया?
46. भारत की केंद्रीय विधायी परिषद में सबसे पहले कौन से तीन भारतीय नियुक्त हुए?
45. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का डिज़ाइन किसने बनाया था?
44. भारतीय स्मारकों के संरक्षण को गति देने वाले वायसराय कौन थे?
43. क्या अंग्रेज भारत को तीन हिस्सों में बाँटना चाहते थे?
42. ब्रिटिश भारत में कांग्रेस की सरकारें पहली बार कितने प्रान्तों में बनीं?
41.भारत में धर्म आधारित प्रतिनिधित्व की शुरुआत कब से हुई?
40. भारत में 1857 की क्रान्ति सफल क्यों नहीं रही?
39. भारत का पहला राजनीतिक संगठन कब और किसने बनाया?
38. भारत में पहली बार प्रेस पर प्रतिबंध कब लगा?
37. अंग्रेजों की पसंद की चित्रकारी, कलाकारी का सिलसिला पहली बार कहाँ से शुरू हुआ?
36. राजा राममोहन रॉय के संगठन का शुरुआती नाम क्या था?
35. भारतीय शिक्षा पद्धति के बारे में मैकॉले क्या सोचते थे?
34. पटना में अंग्रेजों के किस दफ़्तर को ‘शैतानों का गिनती-घर’ कहा जाता था?
33. अंग्रेजों ने पहले धनी, कारोबारी वर्ग को अंग्रेजी शिक्षा देने का विकल्प क्यों चुना?
32. ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में भारत में शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
31. मानव अंग-विच्छेद की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले पहले हिन्दु चिकित्सक कौन थे?
30. भारत के ठग अपने काम काे सही ठहराने के लिए कौन सा धार्मिक किस्सा सुनाते थे?
29. भारत से सती प्रथा ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
28. भारत में बच्चियों को मारने या महिलाओं को सती बनाने के तरीके कैसे थे?
27. अंग्रेज भारत में दास प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ रोक क्यों नहीं सके?
26. ब्रिटिश काल में भारतीय कारोबारियों का पहला संगठन कब बना?
25. अंग्रेजों की आर्थिक नीतियों ने भारतीय उद्योग धंधों को किस तरह प्रभावित किया?
24. अंग्रेजों ने ज़मीन और खेती से जुड़े जो नवाचार किए, उसके नुकसान क्या हुए?
23. ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ किस तरह ‘स्थायी बन्दोबस्त’ से अलग थी?
22. स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था क्यों लागू की गई थी?
21: अंग्रेजों की विधि-संहिता में ‘फौज़दारी कानून’ किस धर्म से प्रेरित था?
20. अंग्रेज हिंदु धार्मिक कानून के बारे में क्या सोचते थे?
19. रेलवे, डाक, तार जैसी सेवाओं के लिए अखिल भारतीय विभाग किसने बनाए?
18. हिन्दुस्तान में ‘भारत सरकार’ ने काम करना कब से शुरू किया?
17. अंग्रेजों को ‘लगान का सिद्धान्त’ किसने दिया था?
16. भारतीयों को सिर्फ़ ‘सक्षम और सुलभ’ सरकार चाहिए, यह कौन मानता था?
15. सरकारी आलोचकों ने अंग्रेजी-सरकार को ‘भगवान विष्णु की आया’ क्यों कहा था?
14. भारत में कलेक्टर और डीएम बिठाने की शुरुआत किसने की थी?
13. ‘महलों का शहर’ किस महानगर को कहा जाता है?
12. भारत में रहे अंग्रेज साहित्यकारों की रचनाएँ शुरू में किस भावना से प्रेरित थीं?
11. भारतीय पुरातत्व का संस्थापक किस अंग्रेज अफ़सर को कहा जाता है?
10. हर हिन्दुस्तानी भ्रष्ट है, ये कौन मानता था?
9. किस डर ने अंग्रेजों को अफ़ग़ानिस्तान में आत्मघाती युद्ध के लिए मज़बूर किया?
8.अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान को किसकी मदद से मारा?
7. सही मायने में हिन्दुस्तान में ब्रिटिश हुक़ूमत की नींव कब पड़ी?
6.जेलों में ख़ास यातना-गृहों को ‘काल-कोठरी’ नाम किसने दिया?
5. शिवाजी ने अंग्रेजों से समझौता क्यूँ किया था?
4. अवध का इलाका काफ़ी समय तक अंग्रेजों के कब्ज़े से बाहर क्यों रहा?
3. हिन्दुस्तान पर अंग्रेजों के आधिपत्य की शुरुआत किन हालात में हुई?
2. औरंगज़ेब को क्यों लगता था कि अकबर ने मुग़ल सल्तनत का नुकसान किया? 
1. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के बावज़ूद हिन्दुस्तान में मुस्लिम अलग-थलग क्यों रहे?

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