कांग्रेस की स्थापना में एओ ह्यूम की मदद किसने की थी?

माइकल एडवर्ड्स की पुस्तक ‘ब्रिटिश भारत’ से, 30/10/2021

वैसे, राष्ट्रवाद की पहल भी बंगाल से ही हुई। यहाँ ‘ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन’ एक आभिजात्य वर्ग-केंद्रित संगठन था। इसे माध्यम वर्ग ने अपने हितों की अभिव्यक्ति के लिए अनुपयुक्त समझा। लिहाज़ा कुछ बंगालियों ने मिलकर 1875 में नया संगठन, ‘इंडिया लीग’। इसका उद्देश्य “लोगों के विचार का पता लगाना और उसका प्रचार करना था कि देशवासियों के अनुसार भारतीय राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में कैसे प्रगति कर सकते हैं। उन साधनों पर चर्चा करना और उन्हें अपनाना था, जिन्हें देशवासियों की भलाई के लिए और उनके बीच राजनीतिक शिक्षा के प्रसार के लिए उचित समझा जाए।” इसका सदस्यता शुल्क ‘ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन’ द्वारा लिए जा रहे शुल्क (पाँच रुपए) का 10वाँ हिस्सा था। कारीग़र, कृषक और ग्राम प्रधान तो एक रुपए में ही सदस्यता ले सकते थे।

‘इंडिया लीग’ के गठन के एक साल बाद 1876 में ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना भी कलकत्ता में की गई। इसके संस्थापकों में सुरेंद्रनाथ बनर्जी (1848-1926) प्रमुख थे। वे भारतीय नागरिक सेवा में सबसे पहले चुने गए भारतीयों में से एक थे। उन्हें 1874 में ‘न्यायिक शक्तियों के दुरुपयोग और झूठ बोलने’ का दोषी बताकर हटा दिया गया था। जबकि सच ये था कि उनके एक अधीनस्थ ने ग़लत रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे वे सुधार नहीं सके। इस अपराध के लिए किसी अंग्रेज अफ़सर को सिर्फ़ डाँट-फ़टकार के बाद छोड़ दिया जाता। लेकिन सुरेंद्रनाथ को बर्ख़ास्त किया गया।

इस घटना के बाद उन्हें भरोसा हो गया कि “मेरे साथ हुआ व्यक्तिगत अन्याय हमारे लोगों की सामूहिक कायरता का असर है।” लिहाज़ा उन्होंने शेष जीवन “ग़लतियों को सुधारने और व्यक्तिगत और सामूहिक अधिकारों की रक्षा” के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘इंडियन एसोसिएशन’ के माध्यम से सबसे पहले तृतीय श्रेणी के रेल-यात्रियों के लिए रेल के डिब्बों में शौचालय न होने के मसला उठाया। यह आंदोलन काफ़ी सफल रहा। फिर इस संगठन ने नागरिक सेवाओं में भारतीय उम्मीदवारों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया। इसके लिए मार्च 1877 में संगठन की पहली सार्वजनिक सभा आयोजित की गई।

इस सभा में सुझाव दिया गया कि नागरिक सेवा के लिए परीक्षाएँ ब्रिटेन और भारत में एक साथ आयोजित की जाएँ, न कि केवल ब्रिटेन में। इसी बैठक में सुरेंद्रनाथ को विशेष प्रतिनिधि बनाकर उन्हें ज़िम्मेदारी दी गई कि वे देश के अन्य हिस्सों की यात्रा करें। संगठन जो मसले उठा रहा है, उनके प्रति लोगों को जागरूक करें। लिहाज़ा, मई 1877 सुरेंद्रनाथ विस्तारित दौरे पर निकले। इस दौरान उन्होंने कई सार्वजनिक बैठकों में भाषण दिया। ऐसी ही एक बैठक में 1878 में उन्होंने कहा, “हिंदुओं, मुसलमानों, ईसाइयों और पारसियों के बीच शांति होना आवश्यक है।…हमारे बीच धार्मिक अंतर हो सकते हैं। सामाजिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन एक सामान्य मंच है, जहाँ हम सब मिल सकते हैं। वह है, हमारे देश की समृद्धि, उसका हित।” सुरेंद्रनाथ की इन यात्राओं का असर ये हुआ कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कई संगठन बने। उन्हें ‘इंडियन एसोसिएशन’ के साथ काम करने के लिए तैयार किया गया।

इसी बीच 1883 में कलकत्ता में एक ‘औद्योगिक प्रदर्शनी’ लगाई गई। इसका लाभ उठाते हुए ‘इंडियन एसोसिएशन’ ने प्रदर्शनी में आए प्रमुख भारतीयों को अपने पहले ‘राष्ट्रीय सम्मेलन’ के लिए आमंत्रित कर लिया। इसी साल के शुरू में सुरेंद्रनाथ बनर्जी को अदालत की अवमानना के आरोप में दो महीने की क़ैद में डाल दिया गया था। इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ चुकी थी। हालाँकि जब ‘इडियन एसोसिएशन’ का ‘राष्ट्रीय सम्मेलन’ हुआ, तो यह बंगाल के स्थानीय स्वरूप वाला ज़्यादा रह गया। कारण कि इसमें शामिल प्रतिनिधियों में तीन-चौथाई बंगाल के ही नेता थे। फिर भी सम्मेलन में भारत के लिए एक ‘संसदीय सरकार’ की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया। इसमें एक वक्ता अंग्रेजी के लेखक विल्फ्रेड सॉवेन ब्लंट भी थे। उन्होंने सम्मेलन के अंत में उल्लेख किया, “तो इस तरह भारतीय संसद का पहला सत्र समाप्त हो गया। इतिहास में यह यादग़ार रहेगा।”  

इंडियन एसोसिएशन की दूसरी बैठक 1885 में कलकत्ता में हुई। लगभग उसी समय, जब बॉम्बे में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी पहली बैठक कर रही थी, जो जल्द ही देश के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने वाली थी। वैसे कांग्रेस की उत्पत्ति भारतीयों की स्वाभाविक इच्छाओं के अनुरूप नहीं, बल्कि सरकार की नीति के तहत हुई थी। हालाँकि यह विवादित निष्कर्ष भी है। फिर भी कुछ परिस्थितियाँ इस ओर इंगित करती हैं।

दरअसल, 1884 में लॉर्ड डफरिन वायसराय के रूप में भारत आए थे। यहाँ आने के कुछ समय बाद ही वे शिक्षित-भारतीयों के वर्ग-विशेष को नापसंद करने लगे थे। ख़ास तौर पर उन्हें जो राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय थे। उन्होंने फरवरी 1885 में ब्रिटेन भेजे एक पत्र में लिखा भी था, “मैं पता लगा चुका हूँ कि बंगाली बाबू सबसे चिड़चिड़े और परेशान करने वाले सज्जन हैं। मैं इससे पूरी तरह सहमत हूँ कि हमें उनसे बिल्कुल नहीं डरना चाहिए।” उनसे पहले की राजनीतिक, सामाजिक परिस्थितियों ने उनका ऐसा मानस बना दिया था।

लिहाज़ा डफरिन ने भारतीय मध्यम वर्ग में बढ़ते राजनीतिक जुड़ाव को बेअसर करने की योजना बनाई। इसमें उनकी मदद पूर्व सरकारी अफ़सर एलन ओक्टैवियन ह्यूम ने की। ह्यूम ने राष्ट्रवादी ताकतों के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए ‘सेफ़्टी वॉल्व’ जैसा नुस्खा सुझाया। इसका डफरिन ने न सिर्फ़ स्वागत बल्कि समर्थन भी किया। इसीलिए माना जाता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पीछे ह्यूम ही नहीं, डफरिन भी ज़िम्मेदार थे। 
(जारी…..)
अनुवाद : अभिनव, सम्पादन : नीलेश द्विवेदी 
——
(‘ब्रिटिश भारत’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से जल्द ही प्रकाशित हो रही है। इसके कॉपीराइट पूरी तरह प्रभात प्रकाशन के पास सुरक्षित हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के अन्तर्गत प्रभात प्रकाशन की लिखित अनुमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर इस पुस्तक के प्रसंग प्रकाशित किए जा रहे हैं। देश, समाज, साहित्य, संस्कृति, के प्रति डायरी के सरोकार की वज़ह से। बिना अनुमति इन किस्सों/प्रसंगों का किसी भी तरह से इस्तेमाल सम्बन्धित पक्ष पर कानूनी कार्यवाही का आधार बन सकता है।)
——
पिछली कड़ियाँ : 
69. ब्रह्म समाज के लोगों को ‘अंग्रेजों का गुप्त प्रतिनिधिˆ क्यों कहा जाता था?
68. महर्षि अरबिन्दो को अपना महाकाव्य ‘सावित्री’ लिखने में कितने साल लगे?
67. कलकत्ता कला विद्यालय के प्राचार्य ईबी हैवेल ने इस क्षेत्र में कौन से अहम बदलाव किए?
66.कौन से मुस्लिम सुधारक ख़ुद को हिन्दुओं का ‘आख़िरी अवतार’ कहते थे?
65. बाल-विवाह के विरोधी किस समाज-सुधारक ने बेटी की शादी 13 की उम्र में की थी?
64. ब्रिटिश सरकार के दौर में महिला शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
63. देश जब आज़ाद हुआ, तब कितने प्रतिशत आबादी अशिक्षित थी?
62. लॉर्ड कर्जन को कुछ भारतीयों ने ‘उच्च शिक्षा के सर्वनाश का लेखक’ क्यों कहा?
61. आईसीएस में पहली बार कितने भारतीयों का चयन हुआ था और कब?
60. वायसराय जॉन लॉरेंस को ‘हमारा सबसे बड़ा शत्रु’ किस अंग्रेज ने कहा था?
59. कारखानों में काम करने की न्यूनतम उम्र अंग्रेजों ने पहली बार कितनी तय की थी?
58. प्लास्टिक उत्पादों से भारतीयों का परिचय बड़े पैमाने पर कब हुआ?
57. भारत में औद्योगिक विस्तार का अगुवा किस भारतीय को माना जाता है?
56. क्या हम जानते हैं, भारत में सहकारिता का प्रयोग कब से शुरू हुआ?
55. भारत में कृषि विभाग की स्थापना कब हुई?
54. अंग्रेजों ने पहली बार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र कितनी तय की थी?
53. ब्रिटिश भारत में कानून संहिता बनाने की प्रक्रिया पहली बार कब पूरी हुई?
52. आज़ादी के बाद पाकिस्तान की पहली राजधानी कौन सी थी?
51. आजादी के आंदोलन में 1857 की क्रांति से ज्यादा निर्णायक घटना कौन सी थी?
50. चुनाव में मुस्लिमों को अलग प्रतिनिधित्व देने के पीछे अंग्रेजों का छिपा मक़सद क्या था?
49. भारत में सांकेतिक चुनाव प्रणाली की शुरुआत कब से हुई?
48. भारत ब्रिटिश हुक़ूमत की महराब में कीमती रत्न जैसा है, ये कौन मानता था?
47. ब्रिटेन के किस प्रधानमंत्री को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाला’ माना गया?
46. भारत की केंद्रीय विधायी परिषद में सबसे पहले कौन से तीन भारतीय नियुक्त हुए?
45. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का डिज़ाइन किसने बनाया था?
44. भारतीय स्मारकों के संरक्षण को गति देने वाले वायसराय कौन थे?
43. क्या अंग्रेज भारत को तीन हिस्सों में बाँटना चाहते थे?
42. ब्रिटिश भारत में कांग्रेस की सरकारें पहली बार कितने प्रान्तों में बनीं?
41.भारत में धर्म आधारित प्रतिनिधित्व की शुरुआत कब से हुई?
40. भारत में 1857 की क्रान्ति सफल क्यों नहीं रही?
39. भारत का पहला राजनीतिक संगठन कब और किसने बनाया?
38. भारत में पहली बार प्रेस पर प्रतिबंध कब लगा?
37. अंग्रेजों की पसंद की चित्रकारी, कलाकारी का सिलसिला पहली बार कहाँ से शुरू हुआ?
36. राजा राममोहन रॉय के संगठन का शुरुआती नाम क्या था?
35. भारतीय शिक्षा पद्धति के बारे में मैकॉले क्या सोचते थे?
34. पटना में अंग्रेजों के किस दफ़्तर को ‘शैतानों का गिनती-घर’ कहा जाता था?
33. अंग्रेजों ने पहले धनी, कारोबारी वर्ग को अंग्रेजी शिक्षा देने का विकल्प क्यों चुना?
32. ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में भारत में शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
31. मानव अंग-विच्छेद की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले पहले हिन्दु चिकित्सक कौन थे?
30. भारत के ठग अपने काम काे सही ठहराने के लिए कौन सा धार्मिक किस्सा सुनाते थे?
29. भारत से सती प्रथा ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
28. भारत में बच्चियों को मारने या महिलाओं को सती बनाने के तरीके कैसे थे?
27. अंग्रेज भारत में दास प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ रोक क्यों नहीं सके?
26. ब्रिटिश काल में भारतीय कारोबारियों का पहला संगठन कब बना?
25. अंग्रेजों की आर्थिक नीतियों ने भारतीय उद्योग धंधों को किस तरह प्रभावित किया?
24. अंग्रेजों ने ज़मीन और खेती से जुड़े जो नवाचार किए, उसके नुकसान क्या हुए?
23. ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ किस तरह ‘स्थायी बन्दोबस्त’ से अलग थी?
22. स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था क्यों लागू की गई थी?
21: अंग्रेजों की विधि-संहिता में ‘फौज़दारी कानून’ किस धर्म से प्रेरित था?
20. अंग्रेज हिंदु धार्मिक कानून के बारे में क्या सोचते थे?
19. रेलवे, डाक, तार जैसी सेवाओं के लिए अखिल भारतीय विभाग किसने बनाए?
18. हिन्दुस्तान में ‘भारत सरकार’ ने काम करना कब से शुरू किया?
17. अंग्रेजों को ‘लगान का सिद्धान्त’ किसने दिया था?
16. भारतीयों को सिर्फ़ ‘सक्षम और सुलभ’ सरकार चाहिए, यह कौन मानता था?
15. सरकारी आलोचकों ने अंग्रेजी-सरकार को ‘भगवान विष्णु की आया’ क्यों कहा था?
14. भारत में कलेक्टर और डीएम बिठाने की शुरुआत किसने की थी?
13. ‘महलों का शहर’ किस महानगर को कहा जाता है?
12. भारत में रहे अंग्रेज साहित्यकारों की रचनाएँ शुरू में किस भावना से प्रेरित थीं?
11. भारतीय पुरातत्व का संस्थापक किस अंग्रेज अफ़सर को कहा जाता है?
10. हर हिन्दुस्तानी भ्रष्ट है, ये कौन मानता था?
9. किस डर ने अंग्रेजों को अफ़ग़ानिस्तान में आत्मघाती युद्ध के लिए मज़बूर किया?
8.अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान को किसकी मदद से मारा?
7. सही मायने में हिन्दुस्तान में ब्रिटिश हुक़ूमत की नींव कब पड़ी?
6.जेलों में ख़ास यातना-गृहों को ‘काल-कोठरी’ नाम किसने दिया?
5. शिवाजी ने अंग्रेजों से समझौता क्यूँ किया था?
4. अवध का इलाका काफ़ी समय तक अंग्रेजों के कब्ज़े से बाहर क्यों रहा?
3. हिन्दुस्तान पर अंग्रेजों के आधिपत्य की शुरुआत किन हालात में हुई?
2. औरंगज़ेब को क्यों लगता था कि अकबर ने मुग़ल सल्तनत का नुकसान किया? 
1. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के बावज़ूद हिन्दुस्तान में मुस्लिम अलग-थलग क्यों रहे?

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Apni Digital Diary

Share
Published by
Apni Digital Diary

Recent Posts

‘मायावी अम्बा और शैतान’: जंगल में महज किसी की मौत से कहानी खत्म नहीं होती!

अंबा ने ध्यान से देखा तो नकुल को करीब 20 मीटर दूर उसकी बंदूक पर… Read More

23 hours ago

Dream of Digital India : A cashless India is the first step towards

“In a world that’s rapidly evolving, India is taking giant strides towards a future that’s… Read More

3 days ago

सनातन धर्म क्या है?

(लेखक विषय की गम्भीरता और अपने ज्ञानाभास की सीमा से अनभिज्ञ नहीं है। वह न… Read More

5 days ago

‘जानवरख़ोर’ बुलन्द हैं! हाथी मार दिए गए-सजा किसी को नहीं, बाघ गायब हैं-देखा जाएगा!!

दुनिया में तो होंगे ही, अलबत्ता हिन्दुस्तान में ज़रूर से हैं...‘जानवरख़ोर’ बुलन्द हैं। ‘जानवरख़ोर’ यानि… Read More

6 days ago

वे ‘देवदूत’ की तरह आते हैं, मदद करते हैं और अपने काम में लग जाते हैं!

हम अपने नित्य व्यवहार में बहुत व्यक्तियों से मिलते हैं। जिनके प्रति हमारे विचार प्राय:… Read More

7 days ago

‘मायावी अम्बा और शैतान’: मैं उसे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकता, वह मुझसे प्यार करता था!

अंबा को यूँ सामने देखकर तनु बाकर के होश उड़ गए। अंबा जिस तरह से… Read More

1 week ago