माँ की ममता, घर की विवशता और डॉक्टर का फ़र्ज़

शिखा पांडे, अहमदाबाद, गुजरात से, 12/4/2021

जीवन में कई बार छोटी-छोटी कहानियाँ बड़ी सीख दे जाती हैं। लेकिन वे कहानियाँ सबसे सुन्दर होती हैं, जो इंसानियत का पाठ पढ़ाती हैं।

इस छोटी-सी कहानी को सुनकर महसूस किया जा सकता है कि हमें किस तरह सबसे पहले अपने कर्त्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। पैसा तो आना-जाना है। इस पल किसी हाथ में है, तो अगले में और के हाथ में होगा।

इंसानियत का पाठ पढ़ाती यह मार्मिक कहानी इसलिए भी सुनी जा सकती है, क्योंकि आज के युग में ऐसे लोग शायद ही कहीं मिलें। क्या पता इसे सुनकर ही हमारे भीतर इंसानियत का कोई बीज अंकुरित हो उठे या अंकुरित हो चुके उस बीज को ज़रूरी खाद-पानी मिल जाए। 

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(शिखा पांडे, गृहिणी हैं। उन्होंने यह कहानी वॉट्सऐप सन्देश के ज़रिए #अपनीडिजिटलडायरी को भेजी है।)
 

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