टीम डायरी
संवेदनाएँ, भावनाएँ, रिश्ते, नाते, रिवाज़, ‘संस्कार (अंतिम भी)… ये सिर्फ़ इंसानों के दायरे में ही आने वाली चीज़ें नहीं हैं। बल्कि इन लफ़्ज़ों के अपने दायरे बहुत बड़े हुआ करते हैं, जिनमें इंसानों के अलावा क़ुदरत की और तमाम चीज़ें आया करती हैं। भले ख़ुद को ‘ज़्यादा’ समझने वाले इंसानों को यह सब न दिखता हो। मगर रहती हैं। और कभी-कभी कुछ लोगों को दिख भी जाती हैं। मिसाल के तौर पर, यह वीडियो बनाने वाले लोगों काे दिखी हैं।
इन लोगों ने शायद कहीं इस पतंगे को ज़मीन खोदते देखा होगा। उसकी ये हरक़त कुछ अलग सी लगी तो कैमरा खोल लिया और महज़ सवा मिनट के भीतर रिश्तों का, संवेदनाओं का एक पूरा जहान खुल गया उनके सामने। क्योंकि यह पतंगा अपने साथी का बे-जान ज़िस्म दफ़्न करने के लिए ज़मीन में क़ब्र खोद रहा था। साथी के अंतिम संस्कार के लिए।
देखिएगा, किस तरह उसने क़ब्र तैयार की है। फिर अपने साथी के बे-जान ज़िस्म को कुछ दूरी से उठाकर लाया है। आख़िरी तौर पर दफ़्न करने से पहले रास्ते में उसे अपने सीने से सटाया है। और फिर ज़मीन की कोख़ में लिटा दिया है, हमेशा के लिए। अद्भुत है न?
यह जानकारी गुरुवार, 19 सितम्बर को आरोप की शक़्ल में सामने आई कि तिरुपति बालाजी… Read More
बाहर बारिश हो रही थी। पानी के साथ ओले भी गिर रहे थे। सूरज अस्त… Read More
एक ट्रेन के हिन्दुस्तान में ‘ग़ुम हो जाने की कहानी’ सुनाते हैं। वह साल 2016… Read More
देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More
तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More
छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More