अमेरिका में कितने वेतन की उम्मीद करते हैं? 14,000 रुपए! हम गलतियों से ऐसे ही सीखते हैं!

निकेश जैन, इन्दौर, मध्य प्रदेश

अभी एक दिन पहले की ही बात है। अपने दोस्त के साथ मैंने अपना एक पुराना मज़ेदार क़िस्सा साझा किया और फिर हम दोनों ख़ूब हँसे। बात ही कुछ ऐसी थी। 

वाक़िआ, 1997 का है। उस वक़्त कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुझे नौकरी करते हुए एक साल हो चुका था। मैं तब अमेरिका जाने के लिए बेताब था। पूरे समय इसी क़ोशिश में लगा रहता था कि कैसे भी कोई कम्पनी मिल जाए, जो मुझे अमेरिका में काम करने का मौक़ा दे दे। 

मेरी क़ोशिशें आख़िर मुक़ाम तक पहुँचीं और मुझे एक कम्पनी मिल गई। मुम्बई के अन्धेरी इलाक़े में उसके दफ़्तर में मेरा साक्षात्कार हुआ। वहाँ साक्षात्कार लेने वाली एक महिला भी थीं। उन्होंने मेरा बायोडाटा देखने के बाद मुझसे पूछा, “अमेरिका में कितने वेतन की उम्मीद करते हैं?” 

तब मेरी तनख़्वाह 7,000 रुपए महीना थी। लिहाज़ा मैंने पूरा गुणा-भाग कर के अन्दाज़ लगाया कि इससे दोगुनी तो बोलनी ही चाहिए कम से कम। सो, मैंने उन्हें ज़वाब दिया, “14,000 रुपए महीना”। दरअस्ल, मैं इस सवाल के लिए पूरी तरह तैयार ही नहीं था। काम का अनुभव भी अधिक नहीं हुआ था। ईमानदारी से कहूँ, तो मुझे पता ही नहीं था कि इस तरह के सवाल का क्या ज़वाब देना चाहिए। 

तो मेरा ज़वाब सुनकर उन्होंने कुछ सेकेंड मेरी ओर देखा, मुस्कुराईं और बोलीं, “ठीक है, आपके लायक जैसे ही हमारे पास कोई ज़रूरत बनती है, हम आपको बुलाएँगे।” उनके ज़वाब से मुझे एक बात तो समझ आ गई कि मैंने कोई ग़लती कर दी है। लेकिन यह तब भी समझ नहीं आया कि ग़लती आख़िर हुई क्या है और कहाँ। वह तो आगे चलकर जब काम और जीवन का अनुभव बढ़ा, तब बात समझ में आई। 

मेरा ख़्याल है, हम सबके साथ यही होता है। हम वक़्त के साथ अपनी ग़लतियों से यूँ ही सीखते हुए बड़े होते हैं। 

क्या आपकी भी कोई ऐसी कहानी है?

—– 

निकेश का मूल लेख    

What’s your expected salary in US?

I paused for a moment, did some math and said – Rs. 14,000 per month!!

Yesterday, I shared this hilarious incident with a friend and we both were laughing.

It was year 1997, I had just finished my first year of work experience after college. I was desperate to go to US so I started reaching out to recruiters who were looking for engineers for positions in US.

I walked into a recruiter office in Andheri, Mumbai. The recruitment lady looked at my resume and asked me – how much salary I was expecting in US?

I was not ready for that question and honestly had no idea what to say. (I had just one year of experience and my first job was from college campus.)

My salary was Rs. 7000 so I thought doubling that in US would be a great offer 😁 and I said Rs. 14,000.

The lady looked at me for a second; smiled and said Ok, I will call you if I find anything.

I knew I had made a mistake but didn’t know what 😂.

We all learn through such blunders!

What’s your story?

——

(निकेश जैन, कॉरपोरेट प्रशिक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

——

निकेश के पिछले 10 लेख

48 – साल 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य क्या वाकई असम्भव है? या फिर कैसे सम्भव है?
47 – उल्टे हाथ से लिखने वाले की तस्वीर बनाने को कहा तो एआई ने सीधे हाथ वाले की बना दी!
46 – ‘ट्रम्प 20 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन जाते, तो हमारे बच्चे ‘भारतीय’ होते’!
45 – 70 या 90 नहीं, मैंने तो हफ़्ते में 100 घंटे भी काम किया, मगर उसका ‘हासिल’ क्या?
44 – भोपाल त्रासदी से कारोबारी सबक : नियमों का पालन सिर्फ़ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए
43 – ध्याान रखिए, करियर और बच्चों के भविष्य का विकल्प है, माता-पिता का नहीं!
42 – भारत के लोग बैठकों में समय पर नहीं आते, ये ‘आम धारणा’ सही है या ग़लत?
41 – देखिए, मीडिया कैसे पक्षपाती तौर पर काम करता है, मेरे अनुभव का किस्सा है!
40 – ज़िन्दगी में कुछ अनुभव हमें विनम्र बना जाते हैं, बताता हूँ कैसे…पढ़िएगा!
39 – भारत सिर्फ़ अंग्रेजी ही नहीं बोलता!

सोशल मीडिया पर शेयर करें
From Visitor

Share
Published by
From Visitor

Recent Posts

भारत ने फेंका पासा और पाकिस्तान का पैर कुल्हाड़ी पर, गर्दन फन्दे में! जानिए कैसे?

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला तो करा दिया, लेकिन उसे शायद ऐसी… Read More

22 hours ago

चिट्ठी-पत्री आज भी पढ़ी जाती हैं, बशर्ते दिल से लिखी जाएँ…ये प्रतिक्रियाएँ पढ़िए!

महात्मा गाँधी कहा करते थे, “पत्र लिखना भी एक कला है। मुझे पत्र लिखना है,… Read More

2 days ago

वास्तव में पहलगाम आतंकी हमले का असल जिम्मेदार है कौन?

पहलगाम की खूबसूरत वादियों के नजारे देखने आए यात्रियों पर नृशंसता से गोलीबारी कर कत्लेआम… Read More

2 days ago

चिट्ठी, गुमशुदा भाई के नाम : यार, तुम आ क्यों नहीं जाते, कभी-किसी गली-कूचे से निकलकर?

प्रिय दादा मेरे भाई तुम्हें घर छोड़कर गए लगभग तीन दशक गुजर गए हैं, लेकिन… Read More

3 days ago

पहलगााम आतंकी हमला : इस आतंक के ख़ात्मे के लिए तुम हथियार कब उठाओगे?

उसने पूछा- क्या धर्म है तुम्हारा?मेरे मुँह से निकला- राम-राम और गोली चल गई।मैं मर… Read More

4 days ago

पहलगाम आतंकी हमला : कायराना धर्मनिरपेक्षता का लबादा उतार फेंकिए अब!

लोग कह रहे हैं कि यह, पहलगाम का आतंकी हमला कश्मीरियत को बदनाम करने की… Read More

4 days ago