कर्मचारियों से काम लेते हुए थोड़ा लचीलापन तो हर कम्पनी को रखना चाहिए, बशर्ते…

निकेश जैन, इन्दौर मध्य प्रदेश

बीते 10 दिनों में घर से काम करने की सुविधा से मुझे बहुत मदद मिली। इससे मैं दफ़्तर का कामकाज़ तो निपटाता ही रहा, घर की ज़िम्मेदारियों का निर्वहन भी आराम से करता रहा।  

दरअस्ल मेरे पिताजी के साथ एक मामूली दुर्घटना हो गई थी। इसलिए कुछ दिनों के लिए उनका चलना-फिरना बन्द हो गया। इसी बीच, मेरी माताजी को भी इन्दौर से बाहर कहीं ज़रूरी काम से जाना था। तो पिताजी के देखभाल के लिए मैं बेंगलुरू से इन्दौर आ गया। यहीं से अपना काम सँभालता रहा और उनकी देखभाल भी करता रहा।

लेकिन अगर, मेरी कम्पनी में काम करने का यह लचीलापन न होता तो क्या होता? मेरा काम बुरी तरह प्रभावित होता और मेरी उत्पादकता भी। इसीलिए मैंने अपनी कम्पनी में यह करने के लचीले माहौल की सुविधा हर किसी को दे रखी है। मैं ख़ुद भी इसका लाभ लेता हूँ। जैसेअभी पिछले दिनों।

मैंने इन्दौर में रहते हुए अपने ग्राहकों से सामान्य रूप से बात की। उन्हें अपने उत्पाद वग़ैरा दिखाए। घर से हर काम वैसे ही किया, जैसे दफ़्तर से करता हूँ। कुछ भी प्रभावित नहीं हुआ। 

मैं अपनी ही उम्र के ऐसे कई दोस्तों के बारे में जानता हूँ, जिन्हें इस इसी तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ा। मगर उनकी कम्पनियों ने उन्हें घर से काम करने की सुविधा दी तो उनकी नौकरी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा। वे सामान्य  रूप से अपना काम करते हुए माता-पिता की देखभाल कर सके। 

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इसीलिए मुझे लगता है कि कर्मचारियों के काम करने का लचीलापन हर कम्पनी में होना चाहिए। हर कम्पनी को यह सुविधा अपने कर्मचारियों को देनी चाहिए। बशर्ते, कर्मचारी भी इस सुविधा का दुरुपयोग न करें। आख़िर कर्मचारी के तौर पर हमारी भी अपनी कम्पनी के लिए यह ज़िम्मेदारी बनती है। 

कम्पनी या कर्मचारी की हैसियत से हम सभी को याद रहना चाहिए दिन के अन्त में बस, एक ही चीज़ मायने रखती है। ये कि किसने क्या किया, कितना किया, कैसे किया? यानि उत्पादकता। इसका कोई मुक़ाबला नहीं। 

मानते हैं न?

——- 

निकेश का मूल लेख 

Working from home has been a great help over the past 10 days, allowing me to fulfill a parental responsibility.

My father got into a minor accident and his mobility got reduced. My mother had to travel so I needed to stay at my home in Indore to look after him. Doing this for past few days while working as usual!! 

If this flexibility was not available my work would have got impacted badly.

I was able to manage everything at work that I usually do; got on customer calls/demos; nothing got impacted.

I know couple of my friends (who are also in the same age group) went thru a similar situation this year. Fortunately their companies also allowed flexibility and they were able to take care of work as well as parents.. 

I understand not every company can offer WFH but flexibility is something that can not be denied!

Same time as an employee our responsibility is to make sure that flexibility is not misused.

Please remember, at the end of the day productivity has no replacement!!

Agree? 

——- 

(निकेश जैन, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

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32 – …तब तक ओलिम्पिक में भारत को पदक न मिलें तो शिकायत मत कीजिए!
31 – देखिए, कैसे अंग्रेजी ने मेरी तरक़्क़ी की रफ्तार धीमी कर दी !
30 – हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्यों भारत के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश का हिस्सा हो सकती है?
29 – ‘देसी’ जियोसिनेमा क्या नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, यूट्यूब, जैसे ‘विदेशी’ खिलाड़ियों पर भारी है?
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26 – विदेशी है तो बेहतर ही होगा, इस ‘ग़ुलाम सोच’ को जितनी जल्दी हो, बदल लीजिए!
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